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बाघ एसटी-6 की मूंछ के बाल काटने का पत्र Social Media पर हो रहा Viral

अलवर का सरिस्का एक बार फिर विवादों में आया है. सरिस्का बाघ परियोजना के एनक्लोजर में बंद बाघ एसटी-6 की मूंछ के बाल काटने को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं, अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है.

Sariska Tiger Project,  Alwar Sariska in controversies
वायरल पत्र
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Published : Mar 21, 2021, 1:44 AM IST

अलवर. विवादों से सरिस्का का पुराना नाता रहा है. लंबे समय बाद एक बार फिर से अलवर का सरिस्का विवादों में आया है. सरिस्का बाघ परियोजना के एनक्लोजर में बंद बाघ एसटी-6 की मूंछ के बाल काटने को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें सरिस्का के अधिकारियों पर ही बाघ की मूंछ के बाल काटने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, सरिस्का के अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है. दूसरी तरफ बाघ सरिस्का के एनक्लोजर में अभी स्वस्थ है.

Sariska Tiger Project,  Alwar Sariska in controversies
वायरल पत्र

पढ़ें- रणथंभौर नेशनल पार्क में पानी के लिए जमीन खोदती बाघिन...Video Viral

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र ने वन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को वायरल करने वाला खुद को सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन रक्षक के रूप में कई साल से पोस्टेड बता रहा है, लेकिन पत्र में खुद का नाम नहीं लिखा है. उसका आरोप है कि बाघ एसटी-6 बीमार होने के कारण काफी समय से एनक्लोजर में बंद है और उपचार के लिए गत 10 जनवरी 2021 को उसे ट्रेंक्यूलाइज किया गया था, इसी दौरान सरिस्का के अधिकारियों ने अन्य कर्मचारियों को वहां से दूर भेजकर कैंची से बाघ की मूंछ के बाल ताबीज बनाने के लिए काट लिए.

पढ़ें- नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आएगा सफेद बाघ-बाघिन का जोड़ा....वाइल्ड बोर बनेंगे पार्क की शान

पत्र वायरल करने वाले का यह भी दावा है कि यह बात वहां मौजूद एक रेंजर के मुंह से शराब के नशे में निकल गई. उसके बाद अधिकारियों ने स्टाफ को डराना धमका कर यह बात किसी को नहीं बताने की चेतावनी दी. वायरल पत्र को वन मंत्री और विभाग के उच्च अधिकारियों को भी प्रतिलिपि भेजना बताया है. उधर, सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा का कहना है कि बाघ एनक्लोजर में स्वस्थ हालत में है. बाघ की मूंछ के बाल काटने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. उच्चाधिकारियों ने भी कोई निर्देश नहीं दिए हैं.

पढ़ें- स्पेशलः कभी बाघ विहीन हो गया था सरिस्का...अब 23 बाघों की दहाड़ पर्यटकों को कर रही रोमांचित

वहीं, अलवर के सरिस्का का यह पत्र दिल्ली-जयपुर सहित पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुराने समय में अंधविश्वास करने वाले लोग तंत्र-मंत्र और ताबीज बनाने के लिए बाघ की मूंछ के बाल काम में लेते थे. लेकिन बाद में वन विभाग की तरफ से बाघ की मूंछ को काटना बाघ की हत्या के बराबर का अपराध मानते हुए इसके लिए सख्त कानून बनाए और सजा का प्रावधान किया. जिसके बाद इन घटनाओं में कमी आई, लेकिन अलवर का सरिस्का एक बार फिर से विवादों में आ गया है.

अलवर. विवादों से सरिस्का का पुराना नाता रहा है. लंबे समय बाद एक बार फिर से अलवर का सरिस्का विवादों में आया है. सरिस्का बाघ परियोजना के एनक्लोजर में बंद बाघ एसटी-6 की मूंछ के बाल काटने को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें सरिस्का के अधिकारियों पर ही बाघ की मूंछ के बाल काटने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, सरिस्का के अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है. दूसरी तरफ बाघ सरिस्का के एनक्लोजर में अभी स्वस्थ है.

Sariska Tiger Project,  Alwar Sariska in controversies
वायरल पत्र

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र ने वन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र को वायरल करने वाला खुद को सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन रक्षक के रूप में कई साल से पोस्टेड बता रहा है, लेकिन पत्र में खुद का नाम नहीं लिखा है. उसका आरोप है कि बाघ एसटी-6 बीमार होने के कारण काफी समय से एनक्लोजर में बंद है और उपचार के लिए गत 10 जनवरी 2021 को उसे ट्रेंक्यूलाइज किया गया था, इसी दौरान सरिस्का के अधिकारियों ने अन्य कर्मचारियों को वहां से दूर भेजकर कैंची से बाघ की मूंछ के बाल ताबीज बनाने के लिए काट लिए.

पढ़ें- नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आएगा सफेद बाघ-बाघिन का जोड़ा....वाइल्ड बोर बनेंगे पार्क की शान

पत्र वायरल करने वाले का यह भी दावा है कि यह बात वहां मौजूद एक रेंजर के मुंह से शराब के नशे में निकल गई. उसके बाद अधिकारियों ने स्टाफ को डराना धमका कर यह बात किसी को नहीं बताने की चेतावनी दी. वायरल पत्र को वन मंत्री और विभाग के उच्च अधिकारियों को भी प्रतिलिपि भेजना बताया है. उधर, सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा का कहना है कि बाघ एनक्लोजर में स्वस्थ हालत में है. बाघ की मूंछ के बाल काटने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. उच्चाधिकारियों ने भी कोई निर्देश नहीं दिए हैं.

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वहीं, अलवर के सरिस्का का यह पत्र दिल्ली-जयपुर सहित पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुराने समय में अंधविश्वास करने वाले लोग तंत्र-मंत्र और ताबीज बनाने के लिए बाघ की मूंछ के बाल काम में लेते थे. लेकिन बाद में वन विभाग की तरफ से बाघ की मूंछ को काटना बाघ की हत्या के बराबर का अपराध मानते हुए इसके लिए सख्त कानून बनाए और सजा का प्रावधान किया. जिसके बाद इन घटनाओं में कमी आई, लेकिन अलवर का सरिस्का एक बार फिर से विवादों में आ गया है.

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