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अलवर के केंद्रीय कारागार में तैनात महिला प्रहरी को जेल में बंद बंदी ने दी फोन पर धमकी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Published : May 13, 2022, 10:12 PM IST

अलवर जिले में आए दिन जेल में बंद बंदियों की ओर से फोन काम में लेने व जेल के अंदर से बाहर के लोगों को धमकी देने के मामले सामने आते रहे हैं. अलवर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसमें जेल में बंद कैदी की ओर से जेल सुरक्षा में तैनात महिला प्रहरी को ही धमकी (The jailed prisoner threatened the female guard) दी गई है.

Police arrested the accused
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

अलवर. आए दिन जेल में बंद बंदियों की ओर से फोन काम में लेने व जेल के अंदर से बाहर के लोगों को धमकी देने के मामले सामने आते हैं. अलवर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसमें खुद जेल प्रशासन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. अलवर केंद्रीय कारागार में बंद बंदी की ओर से जेल सुरक्षा में तैनात महिला प्रहरी को ही धमकी (The jailed prisoner threatened the female guard ) दी गई है. जिसके बाद अलवर केंद्रीय कारागार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली. बंदी की तलाशी में मोबाइल फोन व सिम भी मिला है.

अलवर केंद्रीय कारागार प्रशासन ने फरवरी माह में शहर कोतवाली में एक एफआईआर दर्ज कराई. जेल प्रशासन ने पुलिस को बताया कि केंद्रीय कारागार में तैनात महिला प्रहरी प्रियंका चौहान जो हाल में दौसा के सालावास में तैनात है. उसको केंद्रीय कारागार में बंद बीकानेर निवासी आंसू राम नाम के एक बंदी ने फोन पर धमकी दी. इसके बाद जेल प्रशासन ने बंदी की तलाशी ली. तलाशी के दौरान उसके पास से एक मोबाइल फोन व एक सिम कार्ड मिला. इस मामले की जांच शहर कोतवाली पुलिस ने शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि मोबाइल में एक और सिम काम में ली गई है.

अरुण कुमार शर्मा, एएसआई कोतवाली

पढ़े:Police Search in Chittorgarh jail: दो महीनों में अबतक 22 मोबाइल और गांजा बरामद... 6 FIR दर्ज

मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई. मोबाइल की जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि राजगढ़ के चंदूपुरा गांव के रहने वाले राजेंद्र उर्फ राजू ने इस मोबाइल में एक सिम काम में ली है व उससे आंसू के विरोधियों को धमकी दी है. दअरसल आशु का बीकानेर में कुछ लोगों से विवाद चल रहा था. उस मामले में राजीनामा करने के लिए राजेंद्र ने जेल में बैठकर उनको धमकी दी व समझौते का दबाव बनाया. इस पर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद राजेंद्र को जेल से गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की. इस पर कोतवाली पुलिस ने राजेंद्र को शुक्रवार को अलवर के न्यायालय में पेश किया. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल चल रही है. इसमें कुछ और खुलासे हो सकते हैं. यह मामला सामने आने के बाद यह साफ है कि अलवर के केंद्रीय कारागार में बैठकर बंदी खुलेआम फोन यूज कर रहे हैं व जेल में बैठकर बाहर के लोगों को धमकी दे रहे हैं.

अलवर. आए दिन जेल में बंद बंदियों की ओर से फोन काम में लेने व जेल के अंदर से बाहर के लोगों को धमकी देने के मामले सामने आते हैं. अलवर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसमें खुद जेल प्रशासन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. अलवर केंद्रीय कारागार में बंद बंदी की ओर से जेल सुरक्षा में तैनात महिला प्रहरी को ही धमकी (The jailed prisoner threatened the female guard ) दी गई है. जिसके बाद अलवर केंद्रीय कारागार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली. बंदी की तलाशी में मोबाइल फोन व सिम भी मिला है.

अलवर केंद्रीय कारागार प्रशासन ने फरवरी माह में शहर कोतवाली में एक एफआईआर दर्ज कराई. जेल प्रशासन ने पुलिस को बताया कि केंद्रीय कारागार में तैनात महिला प्रहरी प्रियंका चौहान जो हाल में दौसा के सालावास में तैनात है. उसको केंद्रीय कारागार में बंद बीकानेर निवासी आंसू राम नाम के एक बंदी ने फोन पर धमकी दी. इसके बाद जेल प्रशासन ने बंदी की तलाशी ली. तलाशी के दौरान उसके पास से एक मोबाइल फोन व एक सिम कार्ड मिला. इस मामले की जांच शहर कोतवाली पुलिस ने शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि मोबाइल में एक और सिम काम में ली गई है.

अरुण कुमार शर्मा, एएसआई कोतवाली

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मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई. मोबाइल की जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि राजगढ़ के चंदूपुरा गांव के रहने वाले राजेंद्र उर्फ राजू ने इस मोबाइल में एक सिम काम में ली है व उससे आंसू के विरोधियों को धमकी दी है. दअरसल आशु का बीकानेर में कुछ लोगों से विवाद चल रहा था. उस मामले में राजीनामा करने के लिए राजेंद्र ने जेल में बैठकर उनको धमकी दी व समझौते का दबाव बनाया. इस पर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद राजेंद्र को जेल से गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की. इस पर कोतवाली पुलिस ने राजेंद्र को शुक्रवार को अलवर के न्यायालय में पेश किया. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल चल रही है. इसमें कुछ और खुलासे हो सकते हैं. यह मामला सामने आने के बाद यह साफ है कि अलवर के केंद्रीय कारागार में बैठकर बंदी खुलेआम फोन यूज कर रहे हैं व जेल में बैठकर बाहर के लोगों को धमकी दे रहे हैं.

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