अलवर. कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन का असर सभी वर्गों पर पड़ा है. देश की अर्थव्यवस्था तेजी से गिरी है. इस दौरान कई लोगों का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. वहींं, लोगों के कपड़े सील कर जीवन यापन करने वाले दर्जी इन दिनों मास्क बना रहे हैं. फिलहाल मास्क बेचने से हुई कमाई ही उनके जीवन का सहारा बन रही है.
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इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना कि लॉकडाउन के 2 महीने के दौरान उनकी दुकानें पूरी तरह से बंद रही. अब लॉकडाउन 4.0 के दौरान राहत दी गई है. उनकी दुकानें खुली हैं. लेकिन, कामकाज अब भी ठप है. ऐसे में जीवन यापन करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. घर में बच्चों की पढ़ाई, राशन और बिजली जैसे कई खर्च हैं. वहीं, दुकान का किराया और उसका बिजली का बिल भी देना है. ऐसे में मास्क बनाकर बेचने से ही प्रतिदिन का खर्चा चल रहा है.
दर्जी के तौर पर काम करने वाले उमेश कुमावत ने बताया कि कामकाज पूरी तरीके से ठप है. ऐसे में घर खर्च चलाने में खासी दिक्कत आ रही थी. इस दौरान उन्होंने यूट्यूब पर मास्क बनाना सीखा. उसके बाद खुद से डिजाइन किया गया मास्क बनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि दिन में 20-25 मास्क बिक जाते हैं. इससे उनका घर खर्च चल रहा है. उनके मुताबिक अब डिजाइनर मास्क की डिमांड बढ़ने लगी है. साथ ही कहा कि बच्चों के लिए छोटे साइज के मास्क बाजार में नहीं मिलते हैं. ऐसे में वो बच्चों के लिए छोटे मास्क बना रहे हैं. इसको लोग खासा पसंद कर रहे हैं.