अलवर. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है. देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए यहां आते हैं. सरिस्का में बाघ, बाघिन और उनके बच्चे हैं. इसके अलावा हजारों जातियों के वन्यजीव इस क्षेत्र में मौजूद हैं. इसके अलावा यहां पैंथर, भालू, बारासिंघा, नीलगाय सहित हजारों की संख्या में जीव जंतु विचरण करते हैं. यहां घूमने के लिए साल भर लाखों पर्यटक आते हैं.
ST 12 ने जन्मे 3 शावक...
हाल ही में बाघों का कुनबा बढ़ता हुआ नजर आया है. ST 12 ने 3 शावकों को जन्म दिया है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से इन दिनों खास सावधानी बरती जा रही है. क्योंकि पहले भी सरिस्का में तीन शावक दिख चुके हैं, लेकिन उसके बाद उन शवकों का कुछ पता नहीं चला. सरिस्का में इस समय 16 बाघ और बाघिन हैं, जबकि चार शावक हैं.
सरिस्का प्रशासन की मानें तो बाघों की सुरक्षा में 24 घंटे सुरक्षा कर्मी तैनात हैं. कैमरा ट्रैपिंग और अन्य ट्रैपिंग प्रक्रिया के माध्यम से बाघों पर नजर रखी जा रही है. अलग-अलग टीमें बनाकर सरिस्का के अंदरूनी क्षेत्र में भेजी गई हैं.
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विशेषज्ञों की मानें तो बाघ और अन्य जीवों के लिए सरिस्का काफी उपयुक्त स्थान है, लेकिन लगातार शिकारियों के चलते अलवर देशभर में बदनाम हुआ है. आए दिन बाघ की मौत के मामले सरिस्का में आते हैं.
पिछले दिनों हुई थी ST 11 की मौत...
वहीं, बीते दिनों एक बाघ की फंदा लगने से मौत का मामला भी सामने आया था, इसलिए सरिस्का प्रशासन की तरफ से सरिस्का के अंदरूनी क्षेत्र में ग्रामीणों और शिकारियों द्वारा लगाए जाने वाले फंदे पर भी लगातार नजर रखी जा रही है. बता दें कि बीते साल ST 11 की फंदे में फंसने के कारण मौत हो गई थी. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि वैसे तो लगातार बाघों की मॉडलिंग चलती है, लेकिन नए शावकों के चलते खास सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं.
लॉकडाउन के बाद 8 जून से खोला गया...
बता दें कि कोरोना के चलते सरिस्का को पूरी तरह बंद कर दिया था. हालांकि, 8 जून से सरिस्का को फिर से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. सरिस्का के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते सप्ताह केवल 5 से 6 गाड़ियां पर्यटकों को लेकर सरिस्का में गईं.