भिवाड़ी (अलवर). हरियाणा के मेवात क्षेत्र से लगता हुआ राजस्थान बॉर्डर का गांव शहडोद बरसों से काला पानी की सजा भुगत रहा है. गांव में केमिकल युक्त काला पानी जमा होने से खेती-बाड़ी, स्वास्थ्य और आम जीवन दूभर हो गया है. न अधिकारी ग्रामीणों की सुनते हैं और न जनप्रतिनिधि.
इस गांव में भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र का केमिकल युक्त झागदार काला पानी गांव के घरों में घुस आता है. ग्रामीणों की सैकड़ों बीघा जमीन इस काले पानी के कारण बंजर बन चुकी है. लगातार दूषित पानी की बदबू के कारण गांव के बुजुर्ग, युवा और बच्चे कई बीमारियों से जूझ रहे हैं. खुजली और बुखार सहित कई बीमारियां इस गांव में आम हो चुकी हैं.
यहां तक कि पशुओं को भी पीने लायक पानी नहीं मिलता और उनमें भी बीमारियां पनप रही हैं. गांव में पीने का पानी हरियाणा से खरीद कर सप्लाई किया जा रहा है. इस गांव में जमीन के अंदर 100 फीट तक का पानी केमिकल युक्त हो चुका है. खेतों में फसलें खराब हो रही हैं और जमीन बंजर हो चुकी है.
गांव के लोग रिको के अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं. लेकिन समस्या जस की तस है. शुक्रवार को रीको के आरएम एम.एल. कोठारी को ग्रामीणों ने मौके पर बुलाया और अपनी समस्या से अवगत कराया. कोठारी ने 5 दिन में समाधान का आश्वासन दिया है. लेकिन इसके बाद ईटीवी से बात करते वक्त उन्होंने पानी के रिको एरिया का होने की बात से पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि पानी आस-पास की सोसाइटियों का है. ग्रामीण करीब 10 साल से दूषित पानी के कारण परेशान हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी समस्या का जल्द ही समाधान नहीं किया गया तो वे अधिकारियों का घेराव करेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे.