अलवर. पुलिस लाइन में शनिवार रात शराब के नशे में एक सिपाही पानी की टंकी पर चढ़ गया. इस दौरान उसने पुलिस सिस्टम पर कई गंभीर आरोप लगाए और पुलिस में चल रही कई तरह की गड़बड़ियों का खुलासा किया. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसी तरह से समझा कर उसे नीचे उतारा.
बता दें कि सीकर जिले का रहने वाला गोवर्धन नाम का सिपाही अलवर पुलिस लाइन में तैनात था. सजा के तौर पर उसे अलवर भेजा गया था और अलवर में सस्पेंड चल रहा था. कुछ समय पहले ही इसे नौकरी पर बहाल किया गया था. उसके बाद लगातार कोरोना की ड्यूटी में रहा और अभी पुलिस लाइन में कार्यरत था. इस दौरान शनिवार रात गोवर्धन शराब के नशे में पुलिस लाइन परिसर में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया और जोर जोर से चिल्लाने लगा.
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मामले की जानकारी मिलते ही पुलिसकर्मी वहां पर जमा हुए. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को दी. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और कई घंटों की मशक्कत के बाद देर रात उसे नीचे उतारा गया. इस दौरान गोवर्धन ने पुलिस सिस्टम और पुलिस के आला अधिकारियों को लेकर अपशब्द कहता रहा. उसने पुलिस सिस्टम पर कई गंभीर आरोप लगाए और पुलिस में ट्रांसफर पोस्टिंग के चलने वाले खेल के बारे में कहा.
इस दौरान कुछ मीडिया कर्मी और पुलिसकर्मी उससे बातचीत के लिए टंकी पर चढ़े, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली. सिपाही लगातार शराब की मांग करता रहा. ऐसे में पुलिस के अन्य साथी उसके लिए शराब लेकर आए और टंकी पर गए. लेकिन इस पर भी वो लगातार अपनी बात बोलता रहा. 3 घंटे की मशक्कत के बाद सिपाही को नीचे उतारा गया. इस दौरान टंकी के नीचे पुलिस लाइन के सिपाही और अन्य स्टाफ चादर लेकर खड़े रहे.
वहीं, इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पुलिस की ओर से बरती जा रही लापरवाही देखने को मिली. पुलिस के पास ना तो कोई संसाधन नजर आया और ना ही कोई प्लानिंग. अंधेरे में घंटों पुलिसकर्मी परेशान होते रहे. वहीं, ऊपर से अगर सिपाही गिरता तो हादसा हो सकता था क्योंकि नीचे उसको पकड़ने के लिए पुलिस के पास कोई इंतजाम भी नहीं था. वहीं, पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि टंकी पर चढ़े सिपाही की मेडिकल जांच कराई जा रही है. उसके बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.