अलवर. जिले में कोरोना वायरस के साथ पानी का संकट भी गहराने लगा है. लोगों को पानी के लिए शहर के पुराने मोहल्लों और कृषि कॉलोनियों में लाइन लगानी पड़ रही है. वहीं जिला कलेक्टर ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को प्रतिदिन बेहतर पानी सप्लाई करने के निर्देश दिए हैं. फिर भी लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है.
बता दें कि जिले में सप्लाई पानी के इंतजाम पर्याप्त नहीं है. पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे से चल रहा है. वैसे तो साल भर पानी के लिए मारामारी होती है. पानी की कमी संकट बना रहता है. साथ ही पूरा जिला डार्क जोन से भी गंभीर स्थिति में आ चुका है. उसके बाद भी सरकार और विभाग के अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. गर्मी के मौसम में पानी की समस्या बढ़ जाती है.
जिले में मार्च की शुरुआत से पानी संकट शुरू हो जाता है. गर्मी के मौसम में अलवर शहर में 70 से 80 एमएलडी पानी की डिमांड रहती है. कोरोना वायरस के साथ अलवर में इन दिनों पानी का संकट भी नजर आने लगा है. बीते कई से शहर में पानी सप्लाई प्रभावित हो रहा है.
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वहीं हालात खराब हो तो देख जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने जलदाय विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई. जिसमें अधिकारियों को प्रतिदिन नियमित रूप से पानी सप्लाई के निर्देश दिए हैं. ताकि लॉकडाउन के चलते सभी को घरों में पानी सप्लाई मिले साथ ही पानी के लिए किसी को लाइन नहीं लगानी पड़े. इसके विपरीत अलवर के पुराने मोहल्लों और कृषि कॉलोनियों में पानी के लिए लोगों को लाइन लगानी पड़ रही है.
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इसके अलावा कई कॉलोनियों में रहने वालों को समय पर पानी सप्लाई नहीं होने के कारण टैंकर का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन के सभी दावे अलवर में गलत साबित हो रहे हैं. हालांकि, जलदाय विभाग की तरफ से हर संभव प्रयास करने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से जल्द कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ सकती है.