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अलवर में 23 से 26 नवंबर तक होगा मत्स्य उत्सव का आयोजन

अलवर में 23 से 26 नवंबर तक मत्स्य उत्सव का आयोजन होगा. जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. बता दें कि तैयारियों पर चर्चा करने के लिए यूआईटी की शनिवार को एक अहम बैठक हुई. इसमें उत्सव के कार्यक्रमों का निर्धारण हुआ और उन पर चर्चा हुई.

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Published : Nov 9, 2019, 8:36 PM IST

अलवर. जिले में मत्स्य उत्सव का आयोजन 23 से 26 से होने जा रहा है. बता जें कि मत्स्य उत्सव देश-विदेश में खास पहचान रखता है. वहीं मत्स्य उत्सव देखने के लिए दुनियाभर से लोग अलवर आते हैं. इस मौके पर अलवर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

23 से 26 नवंबर तक होगा मत्स्य उत्सव का आयोजन

इस बार 23 नवंबर से 26 नवंबर तक मत्स्य उत्सव का आयोजन होगा. आयोजन को लेकर शनिवार को यूआईटी ट्रस्ट की अहम बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए यूआईटी के सचिव कानाराम ने बताया कार्यक्रमों की शुरुआत 23 नवंबर को भगवान जगन्नाथ के मंदिर में महाआरती से होगी. उसके बाद सुबह 6 बजे मूसी महारानी की छतरी पर इको ट्रैकिंग होगी. वहीं शाम को 7 बजे फतेह जन गुंबद पर कव्वाली का आयोजन होगा. 24 नवंबर को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर महल चौक से सिलीसेढ़ तक साइकिलिंग और पैदल दौड़ होगी. उसके बाद सुबह 10 बजे इंदिरा गांधी स्टेडियम में रस्साकशी, कूद कबड्डी खो-खो सहित कई तरह की प्रतियोगिताएं होंगी.

पढ़ेंः पपला फरारी केस: घटना के बाद 24 घंटे अलवर में ही रहा 'पपला'

वहीं शाम 7 बजे महल चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. 25 नवंबर को सुबह 10 बजे स्वामी विवेकानंद स्मारक पर मेहंदी रंगोली पेंटिंग प्रतियोगिताएं होंगी. दोपहर 11बजे सिलीसेढ़ लेक पैलेस में पेडल बोट रेस सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. शाम 6 बजे आर आर कॉलेज में युवाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे. 26 नवंबर को सुबह 10 बजे मूसी महारानी की छतरी पर फोटो प्रदर्शनी का आयोजन होगा और दोपहर 2 बजे भानगढ़ में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.

पढ़ेंः अयोध्या फैसला: अलवर पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च, दल बल के साथ शहर में किया गश्त

बता दें कि प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अलग से नोडल ऑफिसर और अधिकारियों को तैनात किया गया है. कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा. स्कूली छात्रों कॉलेज के छात्रों सहित शहर के लोगों को इन कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए होर्डिंग पोस्टर सहित कई तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जोड़ा जाएगा. यूआईटी के अधिकारियों ने कहा इस बार मत्स्य उत्सव अन्य साल की तुलना में खास रहेगा. मत्स्य उत्सव से पूरे जिले को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसलिए अलवर शहर के अलावा भी आसपास क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

अलवर. जिले में मत्स्य उत्सव का आयोजन 23 से 26 से होने जा रहा है. बता जें कि मत्स्य उत्सव देश-विदेश में खास पहचान रखता है. वहीं मत्स्य उत्सव देखने के लिए दुनियाभर से लोग अलवर आते हैं. इस मौके पर अलवर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

23 से 26 नवंबर तक होगा मत्स्य उत्सव का आयोजन

इस बार 23 नवंबर से 26 नवंबर तक मत्स्य उत्सव का आयोजन होगा. आयोजन को लेकर शनिवार को यूआईटी ट्रस्ट की अहम बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसले लिए गए यूआईटी के सचिव कानाराम ने बताया कार्यक्रमों की शुरुआत 23 नवंबर को भगवान जगन्नाथ के मंदिर में महाआरती से होगी. उसके बाद सुबह 6 बजे मूसी महारानी की छतरी पर इको ट्रैकिंग होगी. वहीं शाम को 7 बजे फतेह जन गुंबद पर कव्वाली का आयोजन होगा. 24 नवंबर को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर महल चौक से सिलीसेढ़ तक साइकिलिंग और पैदल दौड़ होगी. उसके बाद सुबह 10 बजे इंदिरा गांधी स्टेडियम में रस्साकशी, कूद कबड्डी खो-खो सहित कई तरह की प्रतियोगिताएं होंगी.

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वहीं शाम 7 बजे महल चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. 25 नवंबर को सुबह 10 बजे स्वामी विवेकानंद स्मारक पर मेहंदी रंगोली पेंटिंग प्रतियोगिताएं होंगी. दोपहर 11बजे सिलीसेढ़ लेक पैलेस में पेडल बोट रेस सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. शाम 6 बजे आर आर कॉलेज में युवाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे. 26 नवंबर को सुबह 10 बजे मूसी महारानी की छतरी पर फोटो प्रदर्शनी का आयोजन होगा और दोपहर 2 बजे भानगढ़ में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.

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बता दें कि प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अलग से नोडल ऑफिसर और अधिकारियों को तैनात किया गया है. कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा. स्कूली छात्रों कॉलेज के छात्रों सहित शहर के लोगों को इन कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए होर्डिंग पोस्टर सहित कई तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जोड़ा जाएगा. यूआईटी के अधिकारियों ने कहा इस बार मत्स्य उत्सव अन्य साल की तुलना में खास रहेगा. मत्स्य उत्सव से पूरे जिले को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसलिए अलवर शहर के अलावा भी आसपास क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

Intro:अलवर
अलवर में 23 से 26 नवंबर तक मत्स्य उत्सव का आयोजन होगा। उसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है। तैयारियों पर चर्चा करने के लिए यूआईटी की शनिवार को एक अहम बैठक हुई। इसमें उत्सव के कार्यक्रमों का निर्धारण हुआ व उन पर चर्चा हुई।


Body:अलवर का मत्स्य उत्सव देश-विदेश में खास पहचान रखता है। मत्स्य उत्सव देखने के लिए दुनियाभर से लोग अलवर आते हैं। तो वहीं इस मौके पर अलवर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस बार 23 नवंबर से 26 नवंबर तक मत्स्य उत्सव का आयोजन होगा। आयोजन को लेकर शनिवार को यूआईटी ट्रस्ट की अहम बैठक हुई। इसमें कई अहम फैसले लिए गए यूआईटी के सचिव कानाराम ने बताया कार्यक्रमों की शुरुआत 23 नवंबर को भगवान जगन्नाथ के मंदिर में महाआरती से होगी। उसके बाद सुबह 6 बजे मूसी महारानी की छतरी पर इको ट्रैकिंग होगी। तो वहीं शाम को 7 बजे फतेह जन गुंबद पर कव्वाली का आयोजन होगा। 24 नवंबर को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर महल चौक से सिलीसेढ़ तक साइकिलिंग व पैदल दौड़ होगी। उसके बाद सुबह 10 बजे इंदिरा गांधी स्टेडियम में रस्साकशी, कूद कबड्डी खो-खो सहित कई तरह की प्रतियोगिताएं होंगी। शाम 7 बजे महल चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 25 नवंबर को सुबह 10 बजे स्वामी विवेकानंद स्मारक पर मेहंदी रंगोली पेंटिंग प्रतियोगिताएं होंगी। दोपहर 11बजे सिलीसेढ़ लेक पैलेस में पेडल बोट रेस सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। शाम 6 बजे आर आर कॉलेज में युवाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। 26 नवंबर को सुबह 10 बजे मूसी महारानी की छतरी पर फोटो प्रदर्शनी का आयोजन होगा तथा दोपहर 2 बजे भानगढ़ में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।


Conclusion:प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अलग से नोडल ऑफिसर व अधिकारियों को तैनात किया गया है। कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा। स्कूली छात्रों कॉलेज के छात्रों सहित शहर के लोगों को इन कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए होर्डिंग पोस्टर सहित कई तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जोड़ा जाएगा। यूआईटी के अधिकारियों ने कहा इस बार मत्स्य उत्सव अन्य साल की तुलना में खास रहेगा। मत्स्य उत्सव से पूरे जिले को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए अलवर शहर के अलावा भी आसपास क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा
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