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अलवर: मृतकों की अस्थियों से लॉकर हुआ फुल, अब कुर्सी और टेबल का बना सहारा

अलवर में कोरोना से लगातार लोगों की मौत हो रही है. लॉकडाउन के चलते मृतकों की अस्थियां लॉकर में रखनी पड़ रही है. अब लॉकर भी फुल हो गए हैं, जिससे अस्थियों कुर्सियां और टेबल पर रखनी पड़ रही है.

alwar news, Locker full of dead bones
मृतकों की अस्थियों से लॉकर हुआ फुल
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Published : May 14, 2021, 9:11 PM IST

अलवर. जिले में लगातार कोरोना का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. शहर में कई स्थानों को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ने से कोरोना में लोगों की लगातार मौत हो रही है. हालात बद से बदतर हो रहे हैं. ऐसे में मरने वालों की अस्थियां लॉकर में रखनी पड़ रही है. ऐसे में मरने वालों की तादाद इतनी ज्यादा है कि लॉकर भी फुल हो गए हैं. अब कुर्सियां और टेबल के ऊपर अस्थियों को जगह मिल रही है. महामारी में लॉकडाउन और आने-जाने पर रोक के कारण अलवर में पुरुषार्थी धर्मशाला में यह परमार्थ का काम जारी है. यहां करीब 60 से 70 लोगों की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों को रखा गया है.

मृतकों की अस्थियों से लॉकर हुआ फुल

महामारी का जब प्रकोप कम हो जाएगा तो उसके बाद उनके परिजन अपनों की अस्थियों को सुविधा के अनुसार हरिद्वार सहित अन्य जगहों पर विसर्जन के लिए लेकर जाएंगे. पुरुषार्थी धर्मशाला सेवा समिति के सचिव अमित सचदेवा ने बताया कि महामारी में लोग अपनों की अस्थियों को विसर्जन के लिए नहीं ले जा पा रहे हैं. इस मजबूरी में अस्थियों को एकत्रित करने की सुविधा अशोका टॉकीज के पास पुरुषार्थी धर्मशाला में की गई है. यहां किसी भी धर्म या समाज का मृतक हो उसकी अस्थियों को रखवा सकते हैं. यह सेवा 24 घंटे जारी है. अस्थियां पूरी तरह सुरक्षित और सम्मानजनक रखी गई है.

यह भी पढ़ें- रक्षक बने भक्षक: 'सांसों' की कालाबाजारी करते 2 नर्सिंग छात्र गिरफ्तार

प्रत्येक अस्थि कलश पर नाम लिखकर रखवाये गए हैं. समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जहां अस्थियां रखी जाती है. वहां आरती होती है रोजाना अगरबत्ती जलाई जाती है. पूरे सम्मान से अस्थियों को रखा हुआ है. लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से लेकर जाते हैं. फिलहाल लॉकडाउन के कारण अस्थियों की संख्या ज्यादा हो गई है. प्रशासन भी इस पर विचार कर रहा है. हो सकता है कि जल्दी कोई निर्णय करें, ताकि अस्थियों का विसर्जन किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने से दिन प्रतिदिन अस्थियों की संख्या बढ़ने लगी है. रोजाना लोग यहां अपनों की मृत्यु के बाद अस्थियां रखकर जाते हैं. इसके अलावा कुछ लोग तो अपनों की अस्थियों पर रोजाना अगरबत्ती लगाने भी आते हैं. बढ़ते संक्रमण के बाद अब रोजाना 10 से 15 लोगों की मौत होने लगी है. जिसके कारण अस्ति स्थल पर अस्थियों की संख्या बढ़ी है.

अलवर. जिले में लगातार कोरोना का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. शहर में कई स्थानों को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ने से कोरोना में लोगों की लगातार मौत हो रही है. हालात बद से बदतर हो रहे हैं. ऐसे में मरने वालों की अस्थियां लॉकर में रखनी पड़ रही है. ऐसे में मरने वालों की तादाद इतनी ज्यादा है कि लॉकर भी फुल हो गए हैं. अब कुर्सियां और टेबल के ऊपर अस्थियों को जगह मिल रही है. महामारी में लॉकडाउन और आने-जाने पर रोक के कारण अलवर में पुरुषार्थी धर्मशाला में यह परमार्थ का काम जारी है. यहां करीब 60 से 70 लोगों की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों को रखा गया है.

मृतकों की अस्थियों से लॉकर हुआ फुल

महामारी का जब प्रकोप कम हो जाएगा तो उसके बाद उनके परिजन अपनों की अस्थियों को सुविधा के अनुसार हरिद्वार सहित अन्य जगहों पर विसर्जन के लिए लेकर जाएंगे. पुरुषार्थी धर्मशाला सेवा समिति के सचिव अमित सचदेवा ने बताया कि महामारी में लोग अपनों की अस्थियों को विसर्जन के लिए नहीं ले जा पा रहे हैं. इस मजबूरी में अस्थियों को एकत्रित करने की सुविधा अशोका टॉकीज के पास पुरुषार्थी धर्मशाला में की गई है. यहां किसी भी धर्म या समाज का मृतक हो उसकी अस्थियों को रखवा सकते हैं. यह सेवा 24 घंटे जारी है. अस्थियां पूरी तरह सुरक्षित और सम्मानजनक रखी गई है.

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प्रत्येक अस्थि कलश पर नाम लिखकर रखवाये गए हैं. समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जहां अस्थियां रखी जाती है. वहां आरती होती है रोजाना अगरबत्ती जलाई जाती है. पूरे सम्मान से अस्थियों को रखा हुआ है. लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से लेकर जाते हैं. फिलहाल लॉकडाउन के कारण अस्थियों की संख्या ज्यादा हो गई है. प्रशासन भी इस पर विचार कर रहा है. हो सकता है कि जल्दी कोई निर्णय करें, ताकि अस्थियों का विसर्जन किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने से दिन प्रतिदिन अस्थियों की संख्या बढ़ने लगी है. रोजाना लोग यहां अपनों की मृत्यु के बाद अस्थियां रखकर जाते हैं. इसके अलावा कुछ लोग तो अपनों की अस्थियों पर रोजाना अगरबत्ती लगाने भी आते हैं. बढ़ते संक्रमण के बाद अब रोजाना 10 से 15 लोगों की मौत होने लगी है. जिसके कारण अस्ति स्थल पर अस्थियों की संख्या बढ़ी है.

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