अलवर. जिले में चक्रवाती तूफान तौकते के आने से पहले उसकी आहट नजर आने लगी है. दो दिन से जिले में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. इससे तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई. एक दिन पहले ही यह तूफान राजस्थान की सीमा को छू चुका है. जिले में घने बादल छाए हुए हैं. जिले में मंगलवार सुबह से बूंदाबांदी भी हो रही है. हालांकि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अलवर प्रशासन की तरफ से तैयारी की गई है.
चक्रवात तूफान के कई राज्य में तबाही मचाने के बाद सरकार व प्रशासन की तरफ से खास सावधानी बरती जा रही है. राजस्थान के कई क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. अलवर जिला प्रशासन की तरफ से लगातार सभी सरकारी विभागों की मीटिंग ली जा रही है. तूफान के बाद होने वाली परेशानी को देखते हुए विद्युत निगम की तरफ से कंट्रोल रूम शुरू किया गया है. जिससे लोग बिजली संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उनकी शिकायत का क्रम समाधान हो सके. इसके अलावा पुलिस प्रशासन सेना सभी को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है. अलवर में तूफान से पहले ही उसका असर नजर आने लगा है. दो दिन से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है.
जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान कम हुआ है. अब चक्रवात के कारण घने बादल हैं. इस वजह से अधिकतम तापमान 28 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि दो तीन दिन पहले ही 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. जबकि करीब 15 दिन पहले अलवर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से जिले में लगातार बादल छाने और हल्की बारिश होने का दौर जारी था. अब दो दिन से चक्रवात का असर है. घने बादल छाए हुए हैं और बूंदाबांदी है. प्रदेश भर में इसका असर होने के कारण तापमान में गिरावट है.
कोरोना महामारी के चलते सरकार ने सख्ती गाइडलाइन जारी की है, ताकि अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर कोई संकट नहीं आए. इस कारण प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है. आवश्यक कदम भी उठाए गए हैं. अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि आवश्यक पेट्रोल-डीजल का इंतजाम रखें. तूफान में लाइट जाती है, तो अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज प्रभावित नहीं हो. वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया हुआ है. बिजली निगम की तरफ से कंट्रोल रूम शुरू किया गया है. 24 घंटे यह कंट्रोल रूम शुरू रहेगा. लोग अपनी शिकायत इन पर दर्ज करा सकते हैं.