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LIC के शेयर बेचने के विरोध में बीमा कर्मी, जमकर की नारेबाजी - rajasthan news

अलवर में मंगलवार को एलआईसी के कर्मचारियों और अधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर बेचने के प्रस्ताव के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही कहा कि इस प्रस्ताव से पूरे देश के करोड़ों पॉलिसी धारक प्रभावित होंगे.

protest against selling LIC shares,  LIC के शेयर बेचने के विरोध में बीमा कर्मी
LIC के शेयर बेचने के विरोध में बीमा कर्मी
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Published : Feb 4, 2020, 9:07 PM IST

अलवर. शहर के मोती डूंगरी स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय में मंगलवार को कर्मचारियों और अधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर बेचने के प्रस्ताव के विरोध में 1 घंटे की हड़ताल करते हुए नारेबाजी किया और जमकर प्रदर्शन किया. बीमा कर्मियों ने नारेबाजी कर केंद्र सरकार के निजीकरण की नीति के विरोध में आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

LIC के शेयर बेचने के विरोध में बीमा कर्मी

भारतीय जीवन बीमा निगम अलवर अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने बताया कि एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी के कुछ प्रतिशत अंशधारिता को पूंजी बाजार में आईपीओ के माध्यम से बेचने का जो निर्णय लिया है. उसमें भविष्य में अधिकांश शेयर अंश बिक्री का रास्ता खुल जाएगा. यह ना सिर्फ एलआईसी की मूल प्रकृति के लिए विनाशकारी कदम है. बल्कि इससे पूरे देश के करोड़ों पॉलिसी धारक प्रभावित होंगे.

जो आम लोग अपनी मेहनत की कमाई को आंख बंद करके भरोसे के साथ एलआईसी के साथ रखकर सुरक्षित महसूस करते हैं. अब वह विश्वास टूटेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की हिस्सेदारी घटने से लाभांश घटेगा. देश की अर्थव्यवस्था में विकास को भी नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि पिछले साल सरकार के लाभांश कि यह रकम 2 हजार 6 सौ 11 करोड़ रुपए थी. यह पैसा देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के काम आता है.

पढ़ेंः अजमेर में IPO के खिलाफ एक घंटे कार्य बहिष्कार, LIC कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

एलआईसी की नीव इतनी मजबूत रही है कि बीमा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुलने के 20 साल बाद भी एलआईसी की 70 प्रतिशत से अधिक बाजार में हिस्सेदारी है. जबकि 23 अन्य जीवन बीमा कंपनियां लगातार एलआईसी से प्रतिस्पर्धा में रही है. इस वित्तीय वर्ष में एलआईसी ने 6 प्रतिशत अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर 76 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर लिया है. एलआईसी की बढ़ोतरी बीमा उद्योग की विकास दर से बहुत ज्यादा है और दावा भुगतान क्षमता विश्वास से सबसे अधिक है.

अलवर. शहर के मोती डूंगरी स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय में मंगलवार को कर्मचारियों और अधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर बेचने के प्रस्ताव के विरोध में 1 घंटे की हड़ताल करते हुए नारेबाजी किया और जमकर प्रदर्शन किया. बीमा कर्मियों ने नारेबाजी कर केंद्र सरकार के निजीकरण की नीति के विरोध में आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

LIC के शेयर बेचने के विरोध में बीमा कर्मी

भारतीय जीवन बीमा निगम अलवर अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने बताया कि एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी के कुछ प्रतिशत अंशधारिता को पूंजी बाजार में आईपीओ के माध्यम से बेचने का जो निर्णय लिया है. उसमें भविष्य में अधिकांश शेयर अंश बिक्री का रास्ता खुल जाएगा. यह ना सिर्फ एलआईसी की मूल प्रकृति के लिए विनाशकारी कदम है. बल्कि इससे पूरे देश के करोड़ों पॉलिसी धारक प्रभावित होंगे.

जो आम लोग अपनी मेहनत की कमाई को आंख बंद करके भरोसे के साथ एलआईसी के साथ रखकर सुरक्षित महसूस करते हैं. अब वह विश्वास टूटेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की हिस्सेदारी घटने से लाभांश घटेगा. देश की अर्थव्यवस्था में विकास को भी नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि पिछले साल सरकार के लाभांश कि यह रकम 2 हजार 6 सौ 11 करोड़ रुपए थी. यह पैसा देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के काम आता है.

पढ़ेंः अजमेर में IPO के खिलाफ एक घंटे कार्य बहिष्कार, LIC कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

एलआईसी की नीव इतनी मजबूत रही है कि बीमा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुलने के 20 साल बाद भी एलआईसी की 70 प्रतिशत से अधिक बाजार में हिस्सेदारी है. जबकि 23 अन्य जीवन बीमा कंपनियां लगातार एलआईसी से प्रतिस्पर्धा में रही है. इस वित्तीय वर्ष में एलआईसी ने 6 प्रतिशत अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर 76 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर लिया है. एलआईसी की बढ़ोतरी बीमा उद्योग की विकास दर से बहुत ज्यादा है और दावा भुगतान क्षमता विश्वास से सबसे अधिक है.

Intro:अलवर शहर के मोती डूंगरी स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय में आज कर्मचारियों व अधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर बेचने के प्रस्ताव के विरोध में 1 घंटे की हड़ताल करते हुए नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। बीमा कर्मियों ने नारेबाजी कर केंद्र सरकार के निजीकरण की नीति के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी है।


Body:भारतीय जीवन बीमा निगम अलवर अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने बताया कि एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी के कुछ प्रतिशत अंशधारिता को पूंजी बाजार में आई पी ओ के माध्यम से बेचने का जो निर्णय लिया है। उसमें भविष्य में अधिकांश शेयर अंश बिक्री का रास्ता खुल जाएगा। यह ना सिर्फ एलआईसी की मूल प्रकृति के लिए विनाशकारी कदम है। बल्कि इससे पूरे देश के करोड़ों पॉलिसी धारक प्रभावित होंगे। जो आम लोग अपनी मेहनत की कमाई को आंख बंद करके भरोसे के साथ एलआईसी के साथ रखकर सुरक्षित महसूस करते हैं। अब वह विश्वास टूटेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की हिस्सेदारी घटने से लाभांश घटेगा। देश की अर्थव्यवस्था में विकास को भी नुकसान पहुंचेगा। क्योंकि पिछले साल सरकार के लाभांश कि यह रकम 2611 करोड रुपए थी। यह पैसा देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के काम आता है। एलआईसी की नीव इतनी मजबूत रही है कि बीमा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुलने के 20 साल बाद भी एलआईसी की 70 प्रतिसत से अधिक बाजार में हिस्सेदारी है। जबकि 23 अन्य जीवन बीमा कंपनियां लगातार एलआईसी से प्रतिस्पर्धा में रही है। इस वित्तीय वर्ष में एलआईसी ने 6 प्रतिशत अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर 76 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर लिया है। एलआईसी की बढ़ोतरी बीमा उद्योग की विकास दर से बहुत ज्यादा है। तथा दावा भुगतान क्षमता विश्वास से सबसे अधिक है।


Conclusion:बाईट-घनश्याम शर्मा एलआईसी अध्यक्ष अलवर
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