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अलवर विमंदित बालिका प्रकरणः घटना को बीते 26 दिन...आरोपी पकड़ से दूर...कहानियों में उलझा 'न्याय'

अलवर विमंदित बालिका प्रकरण को 26 दिन बीत गए हैं लेकिन मामले में पुलिस और प्रशासन के हाथ खाली हैं. इतने गंभीर मामले में आरोपियों को पकड़ने के बजाए रोज नई कहानियां सामने आती रहीं. दबाव बढ़ा तो सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र सरकार से कर दी. इसके लिए पत्र भी भेज दिया. प्रदेश भर में लोग अलवर की इस बीटिया को न्याय दिलाने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, पर न्याय मिलने की आस नजर नहीं आ रही.

protest on Alwar mentally retarded girl case
अलवर विमंदित बालिका प्रकरण
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Published : Feb 5, 2022, 7:19 PM IST

अलवर. जिले में विमंदित बालिका प्रकरण को 26 दिन बीत चुके हैं. बालिका को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष समिति बनी. साथ ही विभिन्न समाजों और राजनीतिक दलों ने आवाज बुलंद की. सरकार और पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के बीच अलवर पुलिस ने इस हादसे को लेकर एक के बाद एक थ्योरी पेश करती रही. साथ ही यह भी कहती रही कि आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा. लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. विमंदित बालिका प्रकरण में सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, लेकिन वह भी अब तक शुरू नहीं हो पाई. इस प्रकरण में जिम्मेदारों की तरफ से सामने आई तो कहानियां या आश्वासन पर न्याय अब तक नहीं मिला.

शहर में 11 जनवरी को एक मूकबधिर बालिका लहूलुहान हालत में तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर पड़ी हुई मिली. उसके प्राइवेट पार्ट से ब्लडिंग हो रही थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पॉक्सो की धाराओं में एफआईआर दर्ज की और पीड़िता के साथ गैंग रेप की बात कही. मामले ने तूल पकड़ा. पूरे देश में सरकार की किरकिरी हुई. विपक्ष ने जमकर हमला बोला. कानून व्यवस्था व महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए. उत्तर प्रदेश चुनाव में भी अलवर का यह मुद्दा सुनाई देने लगा.

अलवर विमंदित बालिका प्रकरण

पढ़ें. Alwar rape case: भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को घेरा, कहा-सीएम के इशारे पर चल रहा खेल

पहले बताया हादसा, फिर हिट एंड रन मामला

घटना के 3 दिन बाद एक मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म की घटना से ही इनकार करते हुए इस घटना को एक हादसा बताया. पुलिस के इस बयान की पूरे देश में निंदा हुई. उसके बाद पुलिस ने इस पूरे घटना को हिट एंड रन बताया. लेकिन पुलिस की यह कहानी भी लोगों के गले नहीं उतरी. इसी बीच मामले से जुड़े हुए कई तथ्य सामने आए. ऐसे से जांच की रिपोर्ट में पीड़िता के कपड़ों से सीमन मिलने की पुष्टि हुई. इस घटना को 26 दिन बीत चुके हैं. आरोपी अब तक फरार है. पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

protest on Alwar mentally retarded girl case
पीड़ित बालिको को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन

पढ़ें. अलवर विमंदित बालिका मामला : भाजपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा पीड़िता के गांव, कहा- सरकार के इशारे पर चल रहा है पूरा खेल

इस घटना के विरोध में सर्व समाज का विरोध प्रदर्शन जारी है. पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए एक संघर्ष समिति बनाई गई. संघर्ष समिति भी लगातार अपना विरोध दर्ज करा रही है. समिति के पदाधिकारी धरना दे रहे हैं. इस घटना के विरोध में अलवर बंद कराया गया. कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकाले गए. सामाजिक संस्था युवा छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. लेकिन उसके बाद भी सरकार व प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप है. जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष करने वाले लोगों ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वो चुप नहीं बैठेंगे.

police not arrest accused after 26 days
पुलिस के हाथ नहीं लगा सुराग

पढ़ें. अलवर विमंदित बालिका मामला- भाजपा का सवाल, कहा-डिलीवरी बॉय हिट एंड रन का केस था तो खुलासे में 7 दिन क्यों लगे?

साक्ष्य मिटाने के हुए प्रयासः इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्य सरकार केंद्र को चिट्ठी लिख चुकी है. सीबीआई जांच शुरू होती उससे पहले ही घटनास्थल की सफाई करा दी गई. इस पर सवाल उठे तो जिम्मेदार पल्ला झाड़ते नजर आए.

पिता ने लगाए गंभीर आरोपः घटना के कई दिनों बाद पीड़िता के पिता मीडिया के सामने आए. उन्होंने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी ओर कहा कि सरकार और प्रशासन से डर लगता है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन चुप रहने के लिए प्लॉट और पैसे देने का लालच देते हैं. उनकी बेटी के साथ गलत हुआ है. उनकी बेटी ने इशारों ही इशारों में उसके साथ गलत होने की बात कही. उसने कहा की उन्हें न्याय चाहिए.

protest on Alwar mentally retarded girl case
जिलाधिकारी आवास पर लिख जताया रोष

पढ़ें. अलवर विमंदित बालिका मामला: पूनिया बोले- सरकार का U Turn खड़ा कर रहा सवाल, मामले की जांच करे CBI

सीबीआई जांच नहीं हुई शुरूः बालिका के साथ हुई घटना के मामले में अभी तक सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है. सरकार ने सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्र सरकार को अभिशंषा पत्र भेजा. सैकड़ों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. अलवर के अलावा भी कई अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. लेकिन उसके बाद भी अभी तक इस मामले की सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है.

पढ़ें. 'सबूतों पर फेरा झाड़ू' : अलवर विमंदित बालिका केस की CBI जांच से पहले ही घटनास्थल की हो गई सफाई

बालिका के कपड़ों में मिला सीमनः एफएसएल जांच पड़ताल के दौरान पीड़िता के कपड़ों से सीरम मिल चुका है. ऐसे में साफ है कि पीड़िता के साथ गलत हुआ है. अलवर के लोगों ने कहा कि सरकार प्रशासन भी मूकबधिर हो गया है.

पढ़ें. अलवर विमंदित बालिका प्रकरण: 8 दिन बाद फिर अलवर पहुंची FSL टीम, पुलिस कर सकती है घटना का खुलासा

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एसपी और कलेक्टर पर नहीं हुई कोई कार्रवाईः इस पूरे मामले में संघर्ष समिति और अन्य संगठन जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन हुए. लेकिन उसके बाद भी अलवर जिले से सरकार ने जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक को नहीं हटाया है. कई बार जिला कलेक्टर ने इस घटना को लेकर विवादित बयान दिए. वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे.

अलवर. जिले में विमंदित बालिका प्रकरण को 26 दिन बीत चुके हैं. बालिका को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष समिति बनी. साथ ही विभिन्न समाजों और राजनीतिक दलों ने आवाज बुलंद की. सरकार और पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के बीच अलवर पुलिस ने इस हादसे को लेकर एक के बाद एक थ्योरी पेश करती रही. साथ ही यह भी कहती रही कि आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा. लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. विमंदित बालिका प्रकरण में सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, लेकिन वह भी अब तक शुरू नहीं हो पाई. इस प्रकरण में जिम्मेदारों की तरफ से सामने आई तो कहानियां या आश्वासन पर न्याय अब तक नहीं मिला.

शहर में 11 जनवरी को एक मूकबधिर बालिका लहूलुहान हालत में तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर पड़ी हुई मिली. उसके प्राइवेट पार्ट से ब्लडिंग हो रही थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पॉक्सो की धाराओं में एफआईआर दर्ज की और पीड़िता के साथ गैंग रेप की बात कही. मामले ने तूल पकड़ा. पूरे देश में सरकार की किरकिरी हुई. विपक्ष ने जमकर हमला बोला. कानून व्यवस्था व महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए. उत्तर प्रदेश चुनाव में भी अलवर का यह मुद्दा सुनाई देने लगा.

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पहले बताया हादसा, फिर हिट एंड रन मामला

घटना के 3 दिन बाद एक मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म की घटना से ही इनकार करते हुए इस घटना को एक हादसा बताया. पुलिस के इस बयान की पूरे देश में निंदा हुई. उसके बाद पुलिस ने इस पूरे घटना को हिट एंड रन बताया. लेकिन पुलिस की यह कहानी भी लोगों के गले नहीं उतरी. इसी बीच मामले से जुड़े हुए कई तथ्य सामने आए. ऐसे से जांच की रिपोर्ट में पीड़िता के कपड़ों से सीमन मिलने की पुष्टि हुई. इस घटना को 26 दिन बीत चुके हैं. आरोपी अब तक फरार है. पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

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पीड़ित बालिको को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन

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पिता ने लगाए गंभीर आरोपः घटना के कई दिनों बाद पीड़िता के पिता मीडिया के सामने आए. उन्होंने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी ओर कहा कि सरकार और प्रशासन से डर लगता है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन चुप रहने के लिए प्लॉट और पैसे देने का लालच देते हैं. उनकी बेटी के साथ गलत हुआ है. उनकी बेटी ने इशारों ही इशारों में उसके साथ गलत होने की बात कही. उसने कहा की उन्हें न्याय चाहिए.

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जिलाधिकारी आवास पर लिख जताया रोष

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सीबीआई जांच नहीं हुई शुरूः बालिका के साथ हुई घटना के मामले में अभी तक सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है. सरकार ने सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्र सरकार को अभिशंषा पत्र भेजा. सैकड़ों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. अलवर के अलावा भी कई अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. लेकिन उसके बाद भी अभी तक इस मामले की सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है.

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बालिका के कपड़ों में मिला सीमनः एफएसएल जांच पड़ताल के दौरान पीड़िता के कपड़ों से सीरम मिल चुका है. ऐसे में साफ है कि पीड़िता के साथ गलत हुआ है. अलवर के लोगों ने कहा कि सरकार प्रशासन भी मूकबधिर हो गया है.

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