अलवर. जिले के 15 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों में लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. लॉकडाउन के शुरुआत में कुछ श्रमिक अपने घर चले गए जबकि कुछ अब भी फंसे हुए हैं. श्रमिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए प्रशासन की तरफ से श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुरू की गई है.
अलवर प्रशासन ने 10 ट्रेनों की डिमांड की थी. अभी सरकार की तरफ से 3 ट्रेन चलाई गई है. जिसमें से 2 ट्रेनें गुरुवार को श्रमिकों को लेकर रवाना हुई. जबकि तीसरी की शुक्रवार शाम 5 बजे चलने की संभावना है.
खास बात ये कि यात्रा के दौरान प्रशासन की तरफ से श्रमिकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सभी को खाने के पैकेट, पानी की बोतल और अन्य खाद्य सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराई गई. इसके अलावा प्रत्येक यात्री को सफर से पहले यात्रा टिकट दिया गया है. श्रमिकों के यात्रा का खर्चा प्रशासन और सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा.
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राजस्थान सरकार की तरफ से लगातार ये प्रयास किया जा रहा है, जिससे सभी श्रमिक अपने घर पहुंच सके. अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम ने बताया कि प्रशासन की तरफ से श्रमिकों की पूरी सुविधा का ध्यान रखा गया है. इस काम में भामाशाह बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. अलवर से बिहार का सफर लंबा है. इसलिए ट्रेन में श्रमिकों को चाय-नाश्ता और अन्य जरूरत के सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं. सरकार से जैसे-जैसे ट्रेन की अनुमति मिलेगी. उसी क्रम में श्रमिकों को घर भेजा जाएगा.