अलवर. जिले में लॉकडाउन के दौरान लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में उन लोगों की मदद के लिए कई सामाजिक संस्था और लोग आगे आकर उनके खाने की व्यवस्था कर रहे हैं. इस कड़ी में कुछ ऐसे युवा भी शामिल हैं. जिन्होंने बहुत थोड़े से शुरुआत की, लेकिन आज वो लोग प्रतिदिन सुबह-शाम 600 से अधिक लोगों का पेट भर रहे हैं.
अलवर में 12,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. इसके अलावा एनसीआर का हिस्सा होने के कारण अलवर में छोटे उद्योग भी चलते हैं. जिनमें लाखों लोग काम करते हैं. लॉकडाउन के चलते सभी लोगों का रोजगार हो गए हैं. सरकार और प्रशासन की अपील पर अलवर में सैकड़ों और हजारों लोग आगे आकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं.
इसी कड़ी में अलवर के बस स्टैंड स्थित साईं मंदिर में लॉकडाउन से एक दिन पहले कुछ युवाओं ने जरूरतमंद को खाना पहुंचाने की शुरुआत की थी. उस समय इस काम में 4 से 5 युवा शामिल थे. लेकिन आज उस ग्रुप में युवाओं की संख्या 25 से अधिक है. इतना ही नहीं यह ग्रुप सुबह-शाम 600 से अधिक खाने के पैकेट भूखे और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाते हैं. दोनों टाइम पहले तो कारीगरों की मदद से खाना तैयार किया जाता है. उसके बाद पैकेट तैयार करके लोगों तक पहुंचाए जाते हैं.
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इस पूरी प्रक्रिया में पूरा दिन लगता है. इस काम को करने वाले युवाओं ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र के हिसाब से उन्होंने एक लिस्ट तैयार की है. उसके अनुसार खाने के पैकेट तैयार करके अलग-अलग ग्रुप में लोग जाते हैं और दोनों समय लोगों को खाना देते हैं. इसमें खासतौर पर ध्यान रखा जाता है कि खाना फेंकना ना पड़े और जो जरूरतमंद है, उसको ही खाने का लाभ मिले.
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युवाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि प्रतिदिन सुबह शाम अलग-अलग खाने के आइटम बनाए जाते हैं. खाने के अलावा उनका ग्रुप चाय नाश्ता भी जरूरतमंद को उपलब्ध कराता है. इसमें सभी युवा शामिल हैं. जो अपनी मेहनत की कमाई से पैसा मिला कर यह काम कर रहे हैं, हालांकि अब अन्य लोग भी उनकी मदद के लिए आगे आने लगे हैं.