अलवर. एलिवेटेड रोड सरिस्का के जंगलों को संजीवनी दे सकती है. अलवर-जयपुर सड़क मार्ग सरिस्का के बीच से होकर गुजरता है. हजारों वाहन इस सड़क मार्ग से गुजरते हैं, ऐसे में प्रतिदिन हादसों में वन्यजीवों की जान जाती है. लंबे समय से सरिस्का में एलिवेटेड रोड बनने की मांग उठ रही है, लेकिन इसमें करोड़ों का खर्चा आएगा. ऐसे में अब कुछ हिस्से में ही एलिवेटेड रोड बन सकती है. इस दिशा में वन विभाग, प्रदेश सरकार व एनएचए काम कर रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में एलिवेटेड रोड निर्माण का काम शुरू हो जाएगा.
अलवर-जयपुर सड़क मार्ग सरिस्का के बीचों बीच से होकर गुजरता है. इस मार्ग पर आए दिन सड़क हादसों में कभी जानवर घायल हो रहे हैं तो कभी उनकी जान चली जा रही है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस मार्ग को बंद करने के आदेश दिए थे. ऐसे में जिला प्रशासन व वन विभाग ने विकल्प के रूप में दूसरी बाइपास रोड तैयार की है. उस मार्ग से भारी वाहन गुजरते हैं. वाहनों को अलवर-जयपुर सड़क मार्ग पर सरिस्का में प्रवेश नहीं दिया जाता है, लेकिन स्थानीय लोग इस मार्ग को ठीक कराने व भारी वाहनों के प्रवेश की लंबे समय से मांग कर रहे हैं.
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वन विभाग को भेजा गया है प्रस्ताव
ऐसे में सरिस्का प्रशासन ने इस मार्ग पर एलिवेटेड रोड बनाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार व वन विभाग को भेजा था. इस पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों से चर्चा भी हुई. अधिकारियों का कहना है कि एलिवेटेड रोड बनाने में सामान्य रोड की तुलना में खर्च ज्यादा होता है. जिस रास्ते पर यह रोड बननी है उसकी दूरी ज्यादा है. ऐसे में एनटीसीए एक छोटे हिस्से में एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार कर रहा है.
कुशलगढ़ से थानागाजी तक के सड़क मार्ग पर एलिवेटेड रोड बनाने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में एनटीसीए की ओर से एनएचए के साथ मिलकर इस सड़क मार्ग पर एलिवेटेड रोड बनाने व उस पर आने वाले खर्चे की गणना की जा रही है. इस संबंध में सरिस्का प्रशासन से भी एक प्रस्ताव मांगा गया है. अलवर पहुंचे वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने भी सरिस्का प्रशासन को एलिवेटेड रोड बनाने के लिए नया प्रस्ताव भेजने के आदेश दिए हैं.
सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में सरिस्का के बीच से एलिवेटेड रोड गुजरेगी. इससे यातायात तो सुगम होगा ही वन्य जीव जंतु भी सुरक्षित रहेंगे. एलिवेटेड रोड बनने से इधर से गुजरने वाले वाहन चालक सरिस्का के जंगल की खूबसूरती को ऊपर से निहार सकेंगे.
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एक रिसर्च में हुआ खुलासा
हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार 15 जून 2020 से 16 अगस्त 2020 के बीच नटनी का बारा से थानागाजी तक 20 किलोमीटर सड़क मार्ग पर 261 पशुओं की मौत हुई. इसमें 46 प्रजातीय के पक्षी और जानवर शामिल थे. इसमें सांप, पक्षी, मोर, मंदक आदि शामिल हैं. ऐसे में साफ है 1 साल में 1560 पक्षी व जानवरों की सड़क हादसे में मौत हो रही है. इस मार्ग पर पैंथर, सांभर, बारहसिंघा, नीलगाय जैसे जानवरों की मौत के भी कई मामले सामने आ चुके हैं.
सरिस्का में बढ़ेगा पर्यटन
सरिस्का के बीच से गुजरने वाले सड़क मार्ग में एलिवेटेड रोड बनने से यहां शिकार की घटनाओं में कमी आएगी. सरिस्का में पर्यटन बढ़ेगा. इसके साथ ही बाघों का कुनबा भी बढ़ेगा. विश्व मानचित्र पर सरिस्का अपनी खोती जा रही पहचान को फिर से पा सकेगा.