अलवर. जिला के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में डेंगू की रैपिड जांच किट खत्म हो गई है. ऐसे में मरीज परेशान हो रहे हैं और मरीजों को जांच के लिए निजी लैब में जाना पड़ रहा है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीजों की सीधी एलाइजा जांच की जा रही है. डेंगू का प्रभाव अलवर जिले में लगातार बढ़ रहा है, इसलिए लोग ज्यादा परेशान हैं.
बता दें, प्रदेश के जिला अस्पतालों में अलवर का राजीव गांधी सामान्य अस्पताल सबसे बड़ा है. अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन 3800 से 4000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. अलवर के अलावा दौसा, भरतपुर और आसपास के जिलों के साथ मेवात, नूह, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोग भी इलाज के लिए बड़ी संख्या में अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में पहुंचते हैं.
अलवर जिले में डेंगू का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. अस्पताल के वार्ड डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं. अलवर जिले में 200 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. डेंगू की दो तरह की जांच होती है. एक जांच रैपिड किट से होती है तो दूसरी एलाइजा जांच होती है. सरकारी आदेशों के अनुसार एलाइजा जांच में डेंगू पॉजिटिव आने पर ही मरीज को डेंगू पॉजिटिव माना जाता है, जबकि निजी अस्पतालों में रैपिड जांच किट से डेंगू की जांच होती है.
प्रतिदिन बड़ी संख्या में आ रहे मरीज
अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में बुखार और खांसी जुकाम के मरीज आ रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. इसलिए सामान्य अस्पताल में डेंगू लक्षण वाले मरीजों की पहले रैपिड जांच कराई जाती है. रैपिड जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीज की एलाइजा जांच होती है. अस्पताल में 2 दिनों से रैपिड जांच किट समाप्त हो चुकी है. ऐसे में केवल जरूरी मरीजों की एलाइजा जांच की जा रही है.
जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी किट
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि डेंगू की किट समाप्त की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है. जल्द ही जरूरत के हिसाब से जांच किट उपलब्ध हो जाएगी. इसके अलावा मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त किट के डिमांड भी स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है.
दूसरी तरफ डेंगू की जांच किट समाप्त होने के कारण मरीजों को निजी लैब में जांच करानी पड़ रही है. ऐसे में मरीज परेशान हैं. जांच के लिए उन्हें एक जगह से दूसरी जगह चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों पर खर्च का भार भी पड़ रहा है.