अलवर. कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोविड का नया सॉफ्टवेयर बनाया गया है. उसमें कई अपडेट किए गए हैं. लेकिन नए सॉफ्टवेयर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी हैं. दरअसल नए सॉफ्टवेयर से वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को समय पर मैसेज नहीं मिल रहा है. साथ ही स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को सॉफ्टवेयर से पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में दोनों ही लोग खासे परेशान हैं.
पढ़ें: डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ईटीवी भारत को मिला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
अलवर जिले में कोरोना वैक्सीन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है. पहले दिन 5000 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई तो दूसरे दिन 20 हजार लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई. साथ ही तीसरे दिन 10 हजार व चौथे दिन 14 हजार से अधिक लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाई है. वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
साथ ही 49 साल से 59 साल की उम्र तक गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है. लेकिन इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के नए सॉफ्टवेयर में सभी को परेशान कर दिया है. दरअसल कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोविड-20 सॉफ्टवेयर बनाया. इस सॉफ्टवेयर में कई नई चीजें जोड़ी गई हैं. साथ ही कई चीजों को अपडेट किया गया है.
लेकिन ज्यादातर समय सॉफ्टवेयर हैंग रहता है. ऐसे में सभी सेंट्रो पर लोगों की लंबी कतार लग जाती है. लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. साथ ही जो लोग घर बैठे कोरोना वैक्सीन के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. उनको वैक्सीन लगवाने की जानकारी नहीं मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पुराने सॉफ्टवेयर में वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति से वंचित लोगों की सूची निकाल कर उन्हें अगले दिन बुलाया जाता था.
लेकिन अब नए सॉफ्टवेयर में यह सुविधा भी नहीं है. इसलिए नए सॉफ्टवेयर ने आम लोगों के साथ स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ा दिया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है. समस्याओं का जल्द समाधान मिलने का आश्वासन मिला है. साथ ही अब सॉफ्टवेयर के अलावा सभी सेंटरों से सूचनाएं ली जा रही है. उसके आधार पर काम चल रहा है. नया सॉफ्टवेयर दिनभर खराब रहता है. ऐसे में कामकाज ठप पर रहता है. लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए घंटो लाइन में इंतजार करना पड़ता है.