अलवर. जिले में कोरोना वायरस का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1500 के आसपास पहुंच चुकी है. जिले में तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अलवर में जांच लैब से लिए लंबे समय से मांग चल रही थी. हालांकि सरकार से अलवर में लैब बनाने के लिए 3 माह पहले ही हरी झंडी मिल चुकी थी. लैब तैयार होने में करीब ढाई माह का समय लग गया.
स्वास्थ्य विभाग के नियमों के हिसाब से लैब बनकर तैयार हो चुकी है. जोधपुर एम्स की तरफ से इलेक्ट्रो करने के लिए मंजूरी मिल चुकी है. लैब शुरू करने के लिए आईसीएमआर से पासवर्ड में आईडी आना बाकी है. एक-दो दिनों में पासवर्ड आते ही सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लैब के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए 20 लाख की मंजूरी और मिली है.
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जांच लैब के लिए अधिकतर उपकरण खरीदने और इन्फ्रास्ट्रक्चर का कार्य पूरा हो चुका है. जबकि सैंपल जांच के लिए मशीन, पीपीई किट सहित अन्य जरूरी सामान आ चुके हैं और मशीन इंस्टॉल हो चुकी है. जिले में लैब के लिए माइक्रोबायोलॉजिस्ट की भी तैनाती हो गई है. उन्होंने अलवर में ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली है. अधिकारियों की माने तो लैब के मुख्य कक्ष में जमीन पर फ्लोरिंग सहित छुटपुट कार्य बाकी हैं, जो तेजी से चल रहे हैं. सब कुछ ठीक रहा तो आगामी बुधवार तक लैब शुरू हो सकती है.
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अलवर स्थित जांच लैब में दो मशीनें लगी हैं. एक मशीन में एक बार में 95 सैंपल जांच के लिए लगाए जाते हैं. इस हिसाब से करीब 200 सैंपल जांच के लिए एक बार में लगेंगे. इन सैंपल की रिपोर्ट करीब ढाई से 3 घंटे में आएगी. स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लैब शुरू होने से अलवर में कोरोना के संक्रमित मरीजों का बेहतर तरह से इलाज हो सकेगा. जांच रिपोर्ट के लिए उनको लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अभी तक अलवर के सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे जाते हैं. वहां से रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिनों का समय लगता है. जिले में लगातार संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में यहां जांच लैब की लंबे समय से मांग उठ रही थी. जिले से प्रतिदिन जांच के लिए 200 के आसपास सैंपल जयपुर भेजे जाते हैं.