अलवर. लोड्स डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में गुरुवार रात को अचानक ऑक्सीजन पैनल खराब हो गया. जिसके चलते वहां मौजूद वेंटिलेटर के 5 मरीजों को सामान्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया. इस दौरान शिफ्टिंग प्रक्रिया में देरी होने के कारण एक मरीज की मौत हो गई. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
कोरोना मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए प्रशासन की तरफ से कुछ दिन पहले लोड्स हॉस्पिटल में कोविड केयर सेंटर शुरू किया गया था. वहां वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड व सामान्य बेड की व्यवस्था है. गुरुवार रात को अचानक ऑक्सीजन पैनल जाम हो गया. इस पर तुरंत वेंटिलेटर के मरीजों को सिलेंडर से ऑक्सीजन दी गई. लेकिन वेंटिलेटर को ज्यादा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. ऐसे में सभी मरीजों को सामान्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया.
तीन मरीजों को अस्पताल के आईसीयू में व 2 मरीजों को जनाना अस्पताल में बनाए विशेष सेंटर में शिफ्ट किया गया. आईसीयू में शिफ्ट किए गए तीन मरीजों में से ओमप्रकाश (54) की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन व जिला कलेक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बचाने के लिए जिला कलेक्टर ने लोड्स के सभी वेंटिलेटर को बंद करा दिया. वहां भर्ती मरीजों को सामान्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया. सामान्य अस्पताल में शिफ्टिंग प्रक्रिया के दौरान खासा समय लग गया. आधे घंटे तक मरीज स्ट्रेचर पर लेटे रहे. अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया में देरी होने के कारण मरीज के लगे सिलेंडर की ऑक्सीजन समाप्त हो गई. जिसके चलते मरीज की मौत हुई है.
जबकि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि अचानक ऑक्सीजन पैनल में दिक्कत हुई तो इंजीनियरों को इसकी सूचना दी गई. इस दौरान वेंटिलेटर पर मौजूद 5 मरीजों को सामान्य अस्पताल में शिफ्ट किया. उनमें से ओमप्रकाश नाम के एक मरीज की मौत हो गई. जबकि अन्य मरीजों का इलाज जारी है. उन्होंने कहा कि लोड्स कोविड केयर सेंटर में 50 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती हैं. सभी की हालत ठीक है व लगातार उनको ऑक्सीजन दी जा रही है. वेंटिलेटर पर मौजूद मरीजों को ज्यादा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. वेंटिलेटर में प्रेशर से ऑक्सीजन सप्लाई होती है. जबकि सिलेंडर से सामान्य रफ्तार में ऑक्सीजन जाती है. वहीं लगातार मरीज के परिजन जिला प्रशासन व अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.