अलवर. जिले में शहरी क्षेत्र के साथ अब ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना अपना कहर बारपा रहा है. लगातार लोगों की जान जा रही है. ऐसे हालातों में प्रशासन पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है. लॉक डाउन के पहले दिन अलवर में 906 कोरोना पॉजिटिव केस आए. जिले में अब 9 हजार 696 एक्टिव केस हैं. पिछले करीब 10 दिनों से एक्टिव केस 10 हजार के आसपास बने हुए हैं.
अलवर जिले में अब भी ऑक्सीजन की किल्लत है. कोरोना मरीजों की संख्या अधिक है. रोजाना आने वाले आंकड़े भी कम नहीं हो सके हैं. ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. वेंटिलेटर के लिए तो मरीजों को लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है, जिसकी कमी के चलते मरीजों की जान जा रही है.
जिले में महज 24 घंटे के दौरान रामगढ़ के दो सगे भाइयों, कठूमर के पूर्व प्रधान और गर्भवती महिला सहित 26 लोगों की मौत हो गई. सबसे ज्यादा 6 मौतें रामगढ़ क्षेत्र में हुईं. यहां बिलासपुर गांव निवासी वेब और ग्राफिक डिजाइनर दो सगे भाइयों की महज 30 मिनट के अंतराल में जान चली गई.
मृतकों के भांजे सरप्रीत सिंह ने बताया कि उसके दोनों मामा हरनेक सिंह (42) और सुभेक सिंह (38) दिल्ली में वेब एवं ग्रैफिक्स डिजाइनिंग का काम करते थे. लॉकडाउन के बाद गांव बिलासपुर आ गए और वर्क फ्रॉम होम करने लगे. गत 15 अप्रैल को हरनेक और सुभेक को बुखार की शिकायत हुई. इसके चलते उन्हें 22 अप्रैल को अलवर के हरीश हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था.
रामगढ़ बीसीएमओ ने बताया कि ब्लॉक में बीते 24 घंटे में हरनेक और सुभेक सहित कुल 6 लोगों की कोरोना से मौत हुई हैं. उधर, खेड़ली निवासी कठूमर पंस के पूर्व प्रधान श्रवण मीणा (88) का जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में सोमवार को निधन हो गया. अलवर शहर में 257, राजगढ़ में 75, रामगढ़ में 58, किशनगढ़बास और तिजारा में 55-55, मुंडावर और रैणी में 53-53, मालाखेड़ा में 48, खेड़ली में 43, भिवाड़ी में 42, कोटकासिम में 41, बहरोड़ में 40, बानसूर और लक्ष्मणगढ़ में 27-27, शाहजहांपुर में 19 और थानागाजी में 13 संक्रमित मिले हैं.
10 दिनों में जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 25096 हो गया है, जबकि अलवर शहर में 8362 संक्रमित मिले चुके हैं. जिले में 9696 एक्टिव मरीज हैं. डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 1070 और डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 114 कोरोना मरीज भर्ती हैं. इनमें से 651 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, 175 आईसीयू, 83 वेंटिलेटर और 275 मरीज आइसोलेशन बेड पर भर्ती रहे, जबकि 8512 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं.