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अलवरः देश में आर्थिक आधार पर जनगणना हुई शुरू, तीन श्रेणियों में होगी आर्थिक जनगणना - सातवीं आर्थिक जनगणना

अलवर में केंद्र सरकार की ओर से सातवीं आर्थिक जनगणना कराई जा रही है. आर्थिक जनगणना तीन श्रेणियों में की जा रही है. बता दें कि जिले में आर्थिक जनगणना सीएससी ई गवर्नेंस को सौंपा गया है. यह कार्य दो चरणों में किया जा रहा है. सीएससी सुपरवाइजर ग्राम पंचायत सत्यापन करेगा. उसके बाद नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन सत्यापन करेगी.

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देश में आर्थिक आधार पर जनगणना हुई शुरू
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Published : Dec 10, 2019, 6:30 AM IST

अलवर. देशभर में केंद्र सरकार की ओर से सातवीं आर्थिक जनगणना कराई जा रही है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. अलवर जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के आर्थिक स्तर पर आय, पैन नंबर, घर में चलने वाली व्यवसायिक गतिविधियां, कुटीर उद्योग, डेयरी, सिंचाई, छोटे व्यवसाय कार्य आदि जानकारियां इस जनगणना में शामिल की जाएंगी.

देश में आर्थिक आधार पर जनगणना हुई शुरू

आर्थिक जनगणना तीन श्रेणियों में की जा रही है. पहली आवासीय, दूसरी आवासीय कम व्यवसाय और तीसरी व्यवसायिक श्रेणी शामिल है. ऐसे में जिले में पूरी तरह से अवश्य श्रेणी के परिवारों से आर्थिक जानकारी जुटाई जा रही है. दूसरी जिन क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्र के साथ करोबार और व्यवसायिक गतिविधियां संचालित है उनसे भी जानकारी ली जा रही है. जबकि तीसरे में व्यवसाय क्षेत्र में चलने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली जा रही है.

पढ़ेंः बानसूर के नाथूसर गांव में डिजिटल पाठशाला का आयोजन

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह जानकारी पूरी तरीके से गोपनीय रहेगी. इस जानकारी का उपयोग केवल आर्थिक जनगणना में ही किया जाएगा. अन्य किसी कार्य में इन डेटा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. जिले में आर्थिक जनगणना सीएससी ई गवर्नेंस को सौंपा गया है. यह कार्य दो चरणों में किया जा रहा है. सीएससी सुपरवाइजर ग्राम पंचायत सत्यापन करेगा. उसके बाद नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन सत्यापन करेगी.

पढ़ेंः अलवरः बदमाशों ने व्यापारी पर की फायरिंग

आर्थिक जनगणना में सार्वजनिक सेवा के कार्यालय प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियां, कृषि, फसल उत्पादन, वृक्षारोपण, रक्षा, प्रतिष्ठानों, अर्ध सैन्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय संगठन, मजदूरी वेतन, भोगी विदेशी नागरिकों वाले परिवार सेना बीएसएफ पुलिस आदि की पैरेट मुक्त रहेगी. साथ ही चलायमान आबादी खुले सड़क किनारे, फुटपाथ, फ्लाईओवर, सीढ़ियों के नीचे, पूजा के खुले स्थान, मंडप, रेलवे प्लेटफार्म, अनाथालय, नारी निकेतन, जेल, ट्रेन, अस्पताल, नर्सिंग होम के इंडोर रोगियों को आर्थिक जनगणना से बाहर रखा गया है.

पढ़ेंः अलवरः बालाजी दर्शन करने गया था युवक, ट्रेन से गिरकर मौत

सरकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार सांतवी आर्थिक जनगणना पूरी पेपरलेस होगी. इसमें दस्तावेज ऑनलाइन रजिस्टर किए जाएंगे. अलवर की बात करें तो अलवर में तेजी से काम चल रहा है. अभी तक 78 हजार से ज्यादा परिवारों का आर्थिक डाटा एकत्र किया जा चुका है. आर्थिक जनगणना का अलवर जिले में अब तक करीब 20 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. 78 हजार 272 परिवारों की आर्थिक जानकारी ले ली गई है. इसमें से 71 हजार 678 परिवार अवश्य श्रेणी के हैं. वहीं, 3651 परिवार वेबसाइट श्रेणी जबकि 2943 परिवार अन्य श्रेणी में शामिल है. जिले में आर्थिक जनगणना का कार्य 17 सितंबर से शुरू हुआ था, तो वहीं, मार्च 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है.

अलवर. देशभर में केंद्र सरकार की ओर से सातवीं आर्थिक जनगणना कराई जा रही है. इसकी शुरुआत हो चुकी है. अलवर जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के आर्थिक स्तर पर आय, पैन नंबर, घर में चलने वाली व्यवसायिक गतिविधियां, कुटीर उद्योग, डेयरी, सिंचाई, छोटे व्यवसाय कार्य आदि जानकारियां इस जनगणना में शामिल की जाएंगी.

देश में आर्थिक आधार पर जनगणना हुई शुरू

आर्थिक जनगणना तीन श्रेणियों में की जा रही है. पहली आवासीय, दूसरी आवासीय कम व्यवसाय और तीसरी व्यवसायिक श्रेणी शामिल है. ऐसे में जिले में पूरी तरह से अवश्य श्रेणी के परिवारों से आर्थिक जानकारी जुटाई जा रही है. दूसरी जिन क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्र के साथ करोबार और व्यवसायिक गतिविधियां संचालित है उनसे भी जानकारी ली जा रही है. जबकि तीसरे में व्यवसाय क्षेत्र में चलने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली जा रही है.

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विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह जानकारी पूरी तरीके से गोपनीय रहेगी. इस जानकारी का उपयोग केवल आर्थिक जनगणना में ही किया जाएगा. अन्य किसी कार्य में इन डेटा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. जिले में आर्थिक जनगणना सीएससी ई गवर्नेंस को सौंपा गया है. यह कार्य दो चरणों में किया जा रहा है. सीएससी सुपरवाइजर ग्राम पंचायत सत्यापन करेगा. उसके बाद नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन सत्यापन करेगी.

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आर्थिक जनगणना में सार्वजनिक सेवा के कार्यालय प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियां, कृषि, फसल उत्पादन, वृक्षारोपण, रक्षा, प्रतिष्ठानों, अर्ध सैन्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय संगठन, मजदूरी वेतन, भोगी विदेशी नागरिकों वाले परिवार सेना बीएसएफ पुलिस आदि की पैरेट मुक्त रहेगी. साथ ही चलायमान आबादी खुले सड़क किनारे, फुटपाथ, फ्लाईओवर, सीढ़ियों के नीचे, पूजा के खुले स्थान, मंडप, रेलवे प्लेटफार्म, अनाथालय, नारी निकेतन, जेल, ट्रेन, अस्पताल, नर्सिंग होम के इंडोर रोगियों को आर्थिक जनगणना से बाहर रखा गया है.

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सरकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार सांतवी आर्थिक जनगणना पूरी पेपरलेस होगी. इसमें दस्तावेज ऑनलाइन रजिस्टर किए जाएंगे. अलवर की बात करें तो अलवर में तेजी से काम चल रहा है. अभी तक 78 हजार से ज्यादा परिवारों का आर्थिक डाटा एकत्र किया जा चुका है. आर्थिक जनगणना का अलवर जिले में अब तक करीब 20 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. 78 हजार 272 परिवारों की आर्थिक जानकारी ले ली गई है. इसमें से 71 हजार 678 परिवार अवश्य श्रेणी के हैं. वहीं, 3651 परिवार वेबसाइट श्रेणी जबकि 2943 परिवार अन्य श्रेणी में शामिल है. जिले में आर्थिक जनगणना का कार्य 17 सितंबर से शुरू हुआ था, तो वहीं, मार्च 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है.

Intro:अलवर
अलवर से देशभर में केंद्र सरकार की ओर से सातवीं आर्थिक जनगणना कराई जा रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। अलवर जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के आर्थिक स्तर पर आय, पैन नंबर, घर में चलने वाली व्यवसायिक गतिविधियां, कुटीर उद्योग, डेयरी, सिंचाई, छोटे व्यवसाय कार्य आदि जानकारियां इस जनगणना में शामिल की जाएंगी।


Body:आर्थिक जनगणना तीन श्रेणियों में की जा रही है। पहली आवासीय, दूसरी आवासीय कम व्यवसाय व तीसरी व्यवसायिक श्रेणी शामिल है। ऐसे में जिले में पूरी तरह से अवश्य श्रेणी के परिवारों से आर्थिक जानकारी जुटाई जा रही है। दूसरी जिन क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्र के साथ करोबार व व्यवसायिक गतिविधियां संचालित है। उनसे भी जानकारी ली जा रही है। जबकि तीसरे में व्यवसाय क्षेत्र में चलने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली जा रही है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह जानकारी पूरी तरीके से गोपनीय रहेगी। इस जानकारी का उपयोग केवल आर्थिक जनगणना में ही किया जाएगा। अन्य किसी कार्य में इन डेटा का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। जिले में आर्थिक जनगणना सीएससी ई गवर्नेंस को सौंपा गया है। यह कार्य दो चरणों में किया जा रहा है। सीएससी सुपरवाइजर ग्राम पंचायत सत्यापन करेगा। उसके बाद नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन सत्यापन करेगी।


Conclusion:आर्थिक जनगणना में सार्वजनिक सेवा के कार्यालय प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधियां, कृषि, फसल उत्पादन, वृक्षारोपण, रक्षा, प्रतिष्ठानों, अर्ध सैन्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय संगठन, मजदूरी वेतन, भोगी विदेशी नागरिकों वाले परिवार सेना बीएसएफ पुलिस आदि की पैरेट मुक्त रहेगी। साथ ही चलायमान आबादी खुले सड़क किनारे, फुटपाथ, फ्लाईओवर, सीढ़ियों के नीचे, पूजा के खुले स्थान, मंडप, रेलवे प्लेटफार्म, अनाथालय, नारी निकेतन, जेल, ट्रेन, अस्पताल, नर्सिंग होम के इंडोर रोगियों को आर्थिक जनगणना से बाहर रखा गया है। सरकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार सातवी आर्थिक जनगणना पूरी पेपरलेस होगी। इसमें दस्तावेज ऑनलाइन रजिस्टर किए जाएंगे। अलवर की बात करें तो अलवर में तेजी से काम चल रहा है। अभी तक 78 हजार से ज्यादा परिवारों का आर्थिक डाटा एकत्र किया जा चुका है। आर्थिक जनगणना का अलवर जिले में अब तक करीब 20 फ़ीसदी कार्य पूरा हो चुका है। 78 हजार 272 परिवारों की आर्थिक जानकारी उठा ली गई है। इसमें से 71 हजार 678 परिवार अवश्य श्रेणी के हैं। वही 3651 परिवार वेबसाइट श्रेणी जबकि 2943 परिवार अन्य श्रेणी में शामिल है। जिले में आर्थिक जनगणना का कार्य 17 सितंबर से शुरू हुआ था। तो वहीं मार्च 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है।
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