अलवर. राजस्थान कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच रविवार को सचिन पायलट अलवर पहुंचे. सचिन पायलट ने सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर शेर सिंह के परिजनों से मुलाकात की. बीते दिनों हार्ट अटैक के चलते श्रीनगर में शेर सिंह की मौत हो गई थी. उसके बाद पायलट राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा के घर गए और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की. करीब 25 मिनट वहां रुकने के बाद पायलट सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए. रेणी से भिवाड़ी तक सचिन पायलट का करीब 10 जगहों पर स्वागत हुआ. लेकिन स्वागत-सत्कार कार्यक्रमों में कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेता गायब नजर आए.
अलवर दौरे के दौरान सचिन पायलट ने भी चुप्पी साधे रखी. मीडिया ने जब उनसे कांग्रेस में चल रही सियासी उठापटक को लेकर सवाल पूछे तो उन्हें कोई जवाब नहीं दिया. स्वागत कार्यक्रम में भी पायलट केवल गाड़ी में बैठे-बैठे ही अभिवादन स्वीकार करते रहे. सचिन पायलट की इस चुप्पी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि सीआरपीएफ जवान के परिजनों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी मिले.
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सचिन पायलट के दौरे के दौरान श्रम मंत्री टीकाराम जूली भी अलवर में ही थे. लेकिन वो सुबह पौधारोपण के बाद अपने विधानसभा में कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद जयपुर चले गए. वहीं बताया जा रहा है कि कार्यकारी जिला अध्यक्ष भी किसी काम से अलवर से बाहर थे. ऐसे में इस राजनीतिक हलचल के अलग-अलग मायने देखे जा रहे हैं.
कांग्रेस में उठापटक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ने ही चुप्पी साध रखी है. लेकिन दोनों गुट के विधायक लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. बीएसपी से कांग्रेस में आए और निर्दलीय विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसी बीच सचिन पायलट एक बार फिर से दिल्ली पहुंच गए हैं. कुछ दिन पहले भी सचिन पायलट ने दिल्ली में डेरा डाल रखा था. लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी.