अलवर. कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार लॉकडाउन की अफवाह चल रही थी. इन अफवाहों का खंडन करते हुए अलवर जिला कलेक्टर आनंदी ने कहा कि अलवर में अभी लॉकडाउन लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि जिलेवासियों को संक्रमित लोगों की संख्या से घबराने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि जांच ज्यादा हो रही है इसलिए ज्यादा लोग मिल रहे हैं. इसके अलावा अब बिना काम सड़कों पर घूमने वाले और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे लोगों को प्रशासन की ओर से बनाए गए एक सेंटर में रखा जाएगा. वहां का खर्चा भी उन लोगों से वसूला जाएगा.
अलवर में लगातार कोरोना वायरस का ग्राफ बढ़ रहा है. तेजी से नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. अलवर राजस्थान में पहले और दूसरे स्थान पर बना हुआ है. लगातार खराब होते हालात के बीच सोशल मीडिया पर फिर से लॉकडाउन लगने की अफवाह चल रही थी. कुछ मीडिया संस्थाओं की ओर से भी लॉकडाउन लगने के कयास किए गए.
इस बीच अलवर जिला कलेक्टर आनंदी ने अलवर में लॉकडाउन नहीं लगने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से लॉकडाउन लगाने की पावर जिला कलेक्टर को दी गई है, लेकिन अलवर में अभी लॉकडाउन की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि लॉकडाउन लगने से बड़े वर्ग को खासा नुकसान होता है. अलवर में लगातार प्रशासन की तरफ से जांच की संख्या बढ़ाई गई है. इसलिए पॉजिटिव मरीज भी पहले की तुलना में ज्यादा मिल रहे हैं, लेकिन मरीजों के प्रतिशत के हिसाब से देखें तो पहले की तुलना में कम लोग सामने आए हैं. क्योंकि पहले 500 से 600 जांच हो रही थी. तो उस हिसाब से लोग मिल रहे थे. अब डेढ़ से दो हजार जांच में प्रतिदिन हो रही हैं. इसलिए लगातार लोग भी ज्यादा मिल रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा जांच करने से लोगों को फायदा होगा. तो वहीं कोरोना वायरस का प्रभाव कम किया जा सकेगा. क्योंकि जिन लोगों के बारे में पॉजिटिव को पता लगेगा उन लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. जिससे वो संक्रमण ना फैला सकें. इसके अलावा अलवर में प्रशासन की तरफ से नई व्यवस्था लागू की गई है. एक सेंटर बनाया गया है. वहां बिना काम और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले लोगों को रखा जाएगा.
अलवर में एक कंट्रोल रूम शुरू किया जा रहा है. उस कंट्रोल रूम पर लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जो लोग होम क्वॉरेंटाइन का पालन नहीं कर रहे हैं या प्रशासन की गाइडलाइन को नहीं मान रहे हैं, उन लोगों को इन सेंटरों में रखा जाएगा. इसके अलावा सेंटर में रहने का खर्चा भी उसी व्यक्ति से वसूला जाएगा.
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उन्होंने कहा कि लगातार प्रशासन और पुलिस की तरफ से ऐसी जगहों को चिन्हित किया जा रहा है. जहां ज्यादा लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं. उन क्षेत्रों को बल्लियों के माध्यम से बंद करते हुए वहां पर कर्फ्यू जैसे हालात रखे गए हैं. प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन भी चिन्हित किए हैं. कंटेनमेंट जोन में कुछ कॉलोनियों और पूरे क्षेत्र को भी शामिल किया गया है. अलवर शहर और भिवाड़ी शहरी क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है.
जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रतिदिन पुलिस अधीक्षक और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनकी चर्चा होती है. रिपोर्ट आने के बाद उस पर विश्लेषण किया जाता है. किस क्षेत्र में ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, किस कैटेगरी के ज्यादा मिल रहे हैं और संक्रमित होने वाले मरीज कैसे संक्रमित हो रहे हैं. इन सब सवालों के आधार पर प्रशासन आगे की रणनीति तय करता है. इसके अलावा भी आगामी दिनों में कई नए बदलाव देखने को मिलेंगे. पुलिस की तरफ से लगातार सख्ती बरतते हुए अलवर और भिवाड़ी क्षेत्र में बिना मस्क के घुमने वाले 8 हजार लोगों के चालान काटे गए हैं.