अलवर. इस साल जिले में 75 फुट ऊंचे रावण का दहन (75 feet Ravan Dahan in Alwar) होगा. रावण दहन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. आगरा, मेरठ, भरतपुर, डीग व दिल्ली के कारीगर रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का निर्माण कर रहे हैं. रावण के पुतले का निर्माण विशेष पेपर व ईको फ्रेंडली पन्नी से किया जा रहा है. रावण के पुतलों के निर्माण में कारीगर विशेष तकनीक काम में ले रहे हैं. इस तकनीक से रावण का पुतला धीरे-धीरे जलेगा.
कोरोना के चलते 2 साल तक रावण दहन का आयोजन नहीं हो पाया. रावण दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. रावण दहन के पुतले निर्माण में विशेष तकनीक काम में ली जा रही है. रावण दहन में पंजाब का बैगपाइपर बैंड धूम मचाएगा. आगरा, मेरठ, भरतपुर, डीग, दिल्ली के करीब 10 से ज्यादा कारीगर पुतलोंं का निर्माण कर रहे हैं. पुतलों के निर्माण में कागज आगरा, अलीगढ़, दिल्ली से मंगवाया गया है. कारीगरों ने कहा कि यह पेपर काला, पिले रंग का व मजबूत है. पुतलों के लिए लकड़ियां गोवर्धन से लाई गई हैं.
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अलवर में रावण दहन कार्यक्रम पुरुषार्थी समाज की तरफ से किया जाता है. पुरुषार्थी समाज व रावण दहन कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने बताया कि इस साल कार्यक्रम अलग व बेहतर होगा. जयपुर से आतिशबाजी की व्यवस्था की गई है. आयोजन में जिले के दोनों मंत्री शामिल होंगे. देश की आजादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं. इसलिए अलवर में 75 फुट का रावण होगा. आजादी से पहले से अलवर में पुरुषार्थी समाज रावण दहन कार्यक्रम करता आ रहा है. रावण दहन से पहले शोभायात्रा निकलेगी.