अजमेर. सेना भर्ती रद्द होने के कारण कई युवाओं द्वारा जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया गया. रैली के बारे में जानकारी देते हुए अभ्यार्थी करण सिंह खरवा ने बताया कि अजमेर के आसपास के कई युवा पिछले 2 साल से सेना भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवा भी शामिल हैं. सरकार द्वारा पिछली भर्ती 2019 में जारी की गई थी.
इसके बाद कोरोना काल के अंदर कोई भर्ती नहीं आई. अगली भर्ती अगस्त 2020 में आई थी. कोटा सेना भर्ती कार्यालय जिसमें अजमेर शहर 8 जिले शामिल हैं. यहां से करीब 35,000 युवाओं ने सेना भर्ती के लिए आवेदन किया था, लेकिन सरकार ने इस परीक्षा को निरस्त कर दिया. इस परीक्षा में के लिए प्रावधान है कि यदि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक सेना भर्ती का कोटा पूरा न किया जाए तो भर्ती दूसरे स्टेट में चली जाती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने गृह जिले जोधपुर में जो उदयपुर एआरओ से संबंधित है, में सेना भर्ती रैली आयोजित करवा दी.
जयपुर के अंतर्गत आने वाले 3 जिलों में भी सेना भर्ती के एडमिट कार्ड जारी हो चुके हैं, जबकि अजमेर में 35,000 युवाओं के फॉर्म निरस्त कर दिए गए हैं. झुंझुनू, अलवर, अजमेर के युवाओं से फॉर्म नए सिरे से मांगे गए हैं. इस भर्ती परीक्षा में 1 अक्टूबर 1999 के युवाओं को मौका नहीं दिया गया है. इस वजह से जो युवा पिछले 2 साल से भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.
उनके साथ अन्याय हो रहा है सरकार द्वारा उम्र में 1 साल की छूट दी जा रही है. वह निरस्त करने की वजह से युवाओं में रोष व्याप्त हो गया है. इसीलिए उन्होंने सरकार से आयु सीमा में 1 साल की छूट देने की मांग करते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तो बेरोजगार युवाओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा.