अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर हमला बोला है. प्रेस वार्ता में देवनानी ने कहा कि राजस्थान में शुरू से ही अस्थिर सरकार थी. सरकार अंदरूनी अंतर्कलह से पीड़ित है. 17 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरे होने जा रहे है. इन दो वर्षों में सरकार ढुल-मूल तरीके से चलती रही. इस कारण पूरे राजस्थान में अराजकता का माहौल है. कानून व्यवस्था ठप है और आमजन पूरी तरह त्रस्त है. ऐसी सरकार कभी भी आंतरिक कलह से गिर सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के लिए बीजेपी पर सरकार गिराने अर्नगल आरोप लगा रहे हैं.
देवनानी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत को लगता है कि जनता का समर्थन उनके साथ है तो वह मध्यवर्ती चुनाव करवा कर देख लें. कांग्रेस के जितने विधायक जीत कर आए थे, उनमें से 10 प्रतिशत विधायक भी नहीं जीत पाएंगे. सरकार शुरू से ही प्रलोभन और झूठे आश्वासनों पर टिकी हुई है. पिछले दिनों सरकार बाड़ेबंदी में थी तब असंतुष्ठों को झूठे आश्वासन दिए, किसी को भी यह मंत्री पद नहीं दे पाए. जिससे कई विधायक कुंठित हैं.
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उन्होंने कहा कि जब भी सीएम को भय लगता है कि सरकार जाने वाली है, वह बीजेपी के केंद्रीय नेताओं पर अर्नगल आरोप लगाते हैं. किसान आंदोलन पर देवनानी ने कहा कि किसान आंदोलन किसानों के हाथ से छटकर वामपंथी, अराजकता तत्व और खालसा पंथ समर्थकों के हाथों में चला गया प्रतीत होता है. किसानों की मुख्य मांग थी एमएसपी की उस मांग को केंद्र सरकार पहले से भी कहती आई है और अब तो लिखित में भी देने को तैयार है कि एमएसपी थी, एमएसपी है, एमएसपी रहेगी.
देवनानी ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन बिल पास किए थे जो किसानों के हित में हैं. उन्होंने कहा कि एमएसपी पहले की तुलना में बढ़ी है. लेकिन जो बिचौलिए हैं जो राजनीति करना चाह रहे हैं वह किसानों को भ्रमित कर रहे हैं.
देवनानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो तीन बिल आए हैं वह कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लिखे थे. कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने 1 घंटे तक संसद में भाषण भी दिया है. कांग्रेस उन मुद्दों से हटकर विरोध कर रही है क्योंकि इसे मोदी ने कर दिया. यह लोकतंत्र में उचित नहीं है. कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है.