अजमेर. राजस्थान शिक्षक संघ के बैनर तले जिला मुख्यालय पर जुटे शिक्षकों ने 3 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही धरना देकर सरकार से मांगों को पूरा करने की मांग की गई है. शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि राजस्थान में 2004 से पूर्व पद स्थापित शिक्षक एवं कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर पुरानी पेंशन का लाभ प्राप्त होता है, जबकि 2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों को नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन दी जाती है.
नवीन पेंशन स्कीम किसी भी दृष्टि से सेवानिवृत्ति के पश्चात शेष जीवन को आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित नहीं करती है. उच्च न्यायालय भी नवीन पेंशन स्कीम की आर्थिक सुरक्षा को देखते हुए नकार चुका है. सत्यनारायण शर्मा ने मांग की है कि 2004 के पश्चात नियुक्त शिक्षक एवं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए. इसके अलावा शिक्षकों को छठे और सातवें वेतन मान केंद्र के अनुरूप नहीं देकर उनमें अनेक विसंगतियां रख दी गई है.
शिक्षक संगठनों के आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने इन विसंगतियों के अध्ययन और निवारण के लिए सामंत कमेटी का गठन किया था. सामंत कमेटी का प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दिया गया, लेकिन समिति की सिफारिशों को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया. शर्मा ने सामंत कमेटी की सिफारिशों को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की है.
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राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष देव लाल गोचर ने बताया कि राज्य सरकार के कार्य को 1 जुलाई 2019 से बकाया 5 फीसदी महंगाई भत्ता देने की सरकार तत्काल घोषणा करें. उन्होंने कहा कि 3 सूत्रीय मांगों को लेकर यदि सरकार का सकारात्मक रुख नहीं रहता है, तो प्रदेश इकाई संघर्ष की आगामी रणनीति तैयार करेगी.