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Special : कोरोना ने सिलाई मशीनों पर लगाया 'ग्रहण', टेलर कर रहे अच्छे दिन आने का इंतजार

रेडीमेड कपड़ों के प्रचलन ने पहले ही टेलर व्यवसाय की कमर तोड़ दी थी. वहीं, अब वैश्विक कोरोना महामारी (corona virus) ने टेलरों की दुकानों पर पूरी तरह से 'ग्रहण' लगा दिया. अजमेर में केवल 15 से 20 फीसदी काम ही टेलरों के पास रह गया है, ऊपर से मंहगाई थमने का नाम ही नहीं ले रही है. ऐसे में इन टेलरों को घर चलाने में भी मुश्किलें आ रही हैं. देखें यह रिपोर्ट...

corona effect in rajasthan, कोरोना का प्रभाव, अजमेर की खबर, problem due to corona virus, Tailors are facing problem
कोरोना काल में टेलर हो रहे परेशान
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Published : Jul 11, 2020, 7:26 PM IST

Updated : Jul 15, 2020, 11:47 AM IST

अजमेर. वैश्विक कोरोना महामारी (corona virus) के दौर ने लोगों को दहशत में डाल रखा है. वहीं लोगों में असुरक्षा की भावना भी घर कर गई है. लोग अब लाइफ स्टाइल पर या अनावश्यक रूप से पैसा खर्च करने से बच रहे हैं. यही वजह है कि बाजारों में सुस्त ग्राहकी का आलम है. इस मंदी का असर टेलर व्यवसाय पर भी पड़ा हैं.

कोरोना काल में टेलर हो रहे परेशान

'2 हजार श्रमिक करते हैं टेलरिंग का काम'

अजमेर जिले में 500 के करीब छोटे-बड़े दर्जी हैं. जिनके यहां करीब 2 हजार श्रमिक काम करते हैं. यानी टेलर के व्यवसाय से 2 हजार लोगों के घर का गुजारा होता है, लेकिन कोरोना ने उनके घर की खुशियां छीन ली हैं. ग्राहकों ने तो जैसे टेलरों की दुकान से मुंह ही मोड़ लिया है.

अजमेर में लेडीज टेलर मुन्ना लाल और उनके भाई दोनों मिलकर करीब 30 वर्षो से काम कर रहे हैं. मुन्नालाल बताते हैं कि रेडीमेड कपड़ों के व्यवसाय ने पहले ही टेलर व्यवसाय की कमर तोड़ कर रख दी है. केवल 25 फीसदी लोग ही हमारे पास आते थे, लेकिन कोरोना की वजह से वह भी खत्म हो गया.

यह भी पढ़ें : SPECIAL: ऑनलाइन क्लास किसी के लिए सपना, तो किसी के स्वास्थ्य पर भारी

मुन्नालाल ने कहा कि 10 दिन के कभी-कभी कभार एक्का-दुक्का ग्राहक आते हैं. ऐसे में घर कैसे चलेगा. अनलॉक के बाद भी हालत नहीं सुधरे हैं. टेंपो, टैक्सी, सिटी बस बंद होने से ग्राहक भी नहीं आ रहे हैं. इस वजह से परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. उधारी लेकर काम चलाना पड़ रहा है.

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हाथ पर हाथ बैठे टेलर मुन्ना लाल

'पहले के ऑर्डर भी हो रहे कैंसिल'

टेलर की दुकान पर काम करने वाले श्रमिक अब्दुल हकीम बताते हैं कि जिन लोगों ने अपना कपड़ा सिलने को दिया हुआ था, वे भी अपने सिले कपड़ों को लेने के लिए दुकान नहीं आ रहे हैं. कई ग्राहकों ने अपना ही समान नहीं लिया है और ना ही पेमेंट दिया है. दुकान खोलकर बैठे तो हैं, लेकिन काम नहीं है. चयनित परिवार की सूची में नाम है, इसलिए राशन मिल जाता है. जिससे गुजरा जैसे-तैसे कर लेते हैं.

अजमेर में छोटे ही नहीं बड़े टेलर कारोबारियों की हालत भी यही है. टेलर विमल जैन बताते हैं कि लॉकडाउन में व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. अनलॉक होने के 10 दिन तक शादियों की वजह से कुछ राहत मिली है, लेकिन उसके बाद सुस्त ग्राहकी की वजह से व्यवसाय मंदा पड़ा है.

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बंद हुआ टेलरिंग का काम

'ना काम बचा और ना ही पैसा'

हालात यह है कि स्टाफ को देने के लिए काम नहीं है और ना ही पैसे हैं. जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली के बिलों में राहत देने की घोषणा की थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पाई है.

एक अन्य लेडीज टेलर बसंत ने बताया कि मार्केट खुलने के बाद भी कोरोना की दहशत से महिलाएं कपड़े सिलवाने नहीं आ रही हैं. इस कारण व्यवसाय 20 फीसदी रह गया है. घर चलाने के लिए पुरानी सेविंग ही काम आ रही है.

यह भी पढ़ें : ज्वाला का जल बना वरदान... कृषि विश्वविद्यालय की ये नायाब तकनीक सींच रही सूखी धरती की 'कोख'

वर्तमान में जिले के सभी टेलर और उनसे जुड़े श्रमिक मंद कारोबार की वजह से परेशान हैं. सभी को इंतजार बस इस बात का है कि कब कोरोना संकट के बादल छटेंगे और टेलरों की किस्मतों के बंद ताले एक बार फिर खुलेंगे.

अजमेर. वैश्विक कोरोना महामारी (corona virus) के दौर ने लोगों को दहशत में डाल रखा है. वहीं लोगों में असुरक्षा की भावना भी घर कर गई है. लोग अब लाइफ स्टाइल पर या अनावश्यक रूप से पैसा खर्च करने से बच रहे हैं. यही वजह है कि बाजारों में सुस्त ग्राहकी का आलम है. इस मंदी का असर टेलर व्यवसाय पर भी पड़ा हैं.

कोरोना काल में टेलर हो रहे परेशान

'2 हजार श्रमिक करते हैं टेलरिंग का काम'

अजमेर जिले में 500 के करीब छोटे-बड़े दर्जी हैं. जिनके यहां करीब 2 हजार श्रमिक काम करते हैं. यानी टेलर के व्यवसाय से 2 हजार लोगों के घर का गुजारा होता है, लेकिन कोरोना ने उनके घर की खुशियां छीन ली हैं. ग्राहकों ने तो जैसे टेलरों की दुकान से मुंह ही मोड़ लिया है.

अजमेर में लेडीज टेलर मुन्ना लाल और उनके भाई दोनों मिलकर करीब 30 वर्षो से काम कर रहे हैं. मुन्नालाल बताते हैं कि रेडीमेड कपड़ों के व्यवसाय ने पहले ही टेलर व्यवसाय की कमर तोड़ कर रख दी है. केवल 25 फीसदी लोग ही हमारे पास आते थे, लेकिन कोरोना की वजह से वह भी खत्म हो गया.

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मुन्नालाल ने कहा कि 10 दिन के कभी-कभी कभार एक्का-दुक्का ग्राहक आते हैं. ऐसे में घर कैसे चलेगा. अनलॉक के बाद भी हालत नहीं सुधरे हैं. टेंपो, टैक्सी, सिटी बस बंद होने से ग्राहक भी नहीं आ रहे हैं. इस वजह से परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. उधारी लेकर काम चलाना पड़ रहा है.

corona effect in rajasthan, कोरोना का प्रभाव, अजमेर की खबर, problem due to corona virus, Tailors are facing problem
हाथ पर हाथ बैठे टेलर मुन्ना लाल

'पहले के ऑर्डर भी हो रहे कैंसिल'

टेलर की दुकान पर काम करने वाले श्रमिक अब्दुल हकीम बताते हैं कि जिन लोगों ने अपना कपड़ा सिलने को दिया हुआ था, वे भी अपने सिले कपड़ों को लेने के लिए दुकान नहीं आ रहे हैं. कई ग्राहकों ने अपना ही समान नहीं लिया है और ना ही पेमेंट दिया है. दुकान खोलकर बैठे तो हैं, लेकिन काम नहीं है. चयनित परिवार की सूची में नाम है, इसलिए राशन मिल जाता है. जिससे गुजरा जैसे-तैसे कर लेते हैं.

अजमेर में छोटे ही नहीं बड़े टेलर कारोबारियों की हालत भी यही है. टेलर विमल जैन बताते हैं कि लॉकडाउन में व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. अनलॉक होने के 10 दिन तक शादियों की वजह से कुछ राहत मिली है, लेकिन उसके बाद सुस्त ग्राहकी की वजह से व्यवसाय मंदा पड़ा है.

corona effect in rajasthan, कोरोना का प्रभाव, अजमेर की खबर, problem due to corona virus, Tailors are facing problem
बंद हुआ टेलरिंग का काम

'ना काम बचा और ना ही पैसा'

हालात यह है कि स्टाफ को देने के लिए काम नहीं है और ना ही पैसे हैं. जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली के बिलों में राहत देने की घोषणा की थी, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पाई है.

एक अन्य लेडीज टेलर बसंत ने बताया कि मार्केट खुलने के बाद भी कोरोना की दहशत से महिलाएं कपड़े सिलवाने नहीं आ रही हैं. इस कारण व्यवसाय 20 फीसदी रह गया है. घर चलाने के लिए पुरानी सेविंग ही काम आ रही है.

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वर्तमान में जिले के सभी टेलर और उनसे जुड़े श्रमिक मंद कारोबार की वजह से परेशान हैं. सभी को इंतजार बस इस बात का है कि कब कोरोना संकट के बादल छटेंगे और टेलरों की किस्मतों के बंद ताले एक बार फिर खुलेंगे.

Last Updated : Jul 15, 2020, 11:47 AM IST
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