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केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदेश की 247 मंडियां बंद, अजमेर कृषि उपज मंडी में भी हड़ताल का असर

सोमवार को प्रदेश की 247 मंडियों के व्यापारियों ने हड़ताल की. इससे प्रदेश में 600 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है. हड़ताल का असर अजमेर की कृषि उपज मंडी में भी देखा गया. यहां भी किसी भी तरह की चहल-पहल नजर नहीं आई.

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केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में अजमेर कृषि उपज मंडी में हड़ताल
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Published : Sep 21, 2020, 4:37 PM IST

अजमेर. किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध कृषि मंडियों के व्यापारी भी कर रहे हैं. विरोध कर रहे व्यापारियों ने केंद्र सरकार से अपनी नीतियों में बदलाव करने की मांग की थी. लेकिन, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो सोमवार को प्रदेश की 247 मंडियों के व्यापारी हड़ताल पर चले गए. इससे प्रदेश में 600 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा, जो कोरोना काल में ठीक नहीं है. प्रदेश की मंडियों के हड़ताल का असर अजमेर की कृषि उपज मंडी में भी देखा गया. यहां भी किसी भी तरह की चहल-पहल नजर नहीं आई.

पढ़ें: कोरोना काल में बदली ट्रांसपोर्ट की तस्वीर, ट्रेन और फ्लाइट के यात्री भार में आ रही गिरावट

वहीं, व्यापारियों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार अपनी मर्जी के मुताबिक निर्णय लेकर किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए परेशानियां खड़ी कर रही है. मंडी के बाहर बिक्री के आदेश से जहां किसानों को पूरी कीमत नहीं मिलेगी, वहीं मंडी के व्यापारियों तक किसानों की फसलें नहीं पहुंच सकेंगी और बिचौलिए बाहर अधिक मुनाफा कमाकर सरकार को चपत लगाएंगे. बिक्री का आदेश वापस लेने की मांग को लेकरहड़ताल की गई है. इस हड़ताल से राजस्थान में लगभग 5 लाख कामगार प्रभावित हुए और 600 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार भी ठप हुआ है.

केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में अजमेर कृषि उपज मंडी में हड़ताल

पढ़ें: 5073 करोड़ पेयजल योजनाओं व 700 करोड़ GST का केंद्र पर बकाया...सुनिये मंत्री कल्ला ने क्या कहा

व्यापारियों ने कहा कि 23 सितंबर को एक बार फिर मीटिंग करके आगे की रणनीति तय की जाएगी और अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए भी उन्हें मजबूर होना पड़ेगा. इस हड़ताल से मजदूरों का भी हाल बेहाल है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जहां पहले से उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है. वहीं, अब हड़ताल उनको और तोड़ देगी.

अजमेर. किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध कृषि मंडियों के व्यापारी भी कर रहे हैं. विरोध कर रहे व्यापारियों ने केंद्र सरकार से अपनी नीतियों में बदलाव करने की मांग की थी. लेकिन, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो सोमवार को प्रदेश की 247 मंडियों के व्यापारी हड़ताल पर चले गए. इससे प्रदेश में 600 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा, जो कोरोना काल में ठीक नहीं है. प्रदेश की मंडियों के हड़ताल का असर अजमेर की कृषि उपज मंडी में भी देखा गया. यहां भी किसी भी तरह की चहल-पहल नजर नहीं आई.

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वहीं, व्यापारियों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार अपनी मर्जी के मुताबिक निर्णय लेकर किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए परेशानियां खड़ी कर रही है. मंडी के बाहर बिक्री के आदेश से जहां किसानों को पूरी कीमत नहीं मिलेगी, वहीं मंडी के व्यापारियों तक किसानों की फसलें नहीं पहुंच सकेंगी और बिचौलिए बाहर अधिक मुनाफा कमाकर सरकार को चपत लगाएंगे. बिक्री का आदेश वापस लेने की मांग को लेकरहड़ताल की गई है. इस हड़ताल से राजस्थान में लगभग 5 लाख कामगार प्रभावित हुए और 600 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार भी ठप हुआ है.

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व्यापारियों ने कहा कि 23 सितंबर को एक बार फिर मीटिंग करके आगे की रणनीति तय की जाएगी और अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए भी उन्हें मजबूर होना पड़ेगा. इस हड़ताल से मजदूरों का भी हाल बेहाल है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जहां पहले से उनकी स्थिति दयनीय बनी हुई है. वहीं, अब हड़ताल उनको और तोड़ देगी.

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