अजमेर. राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह मंगलवार सभागार में आयोजित हुआ. दीक्षांत समारोह की शुरुआत से पहले शैक्षणिक जुलूस निकाला गया. इसके बाद राष्ट्रगान के साथ समारोह की शुरुआत की गई. समारोह में विश्वविद्यालय के कुल 583 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई. इनमें 42 विद्यार्थियों को उनके अकादमिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक और 2 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय एंडोमेंट पदक प्रदान किए गए.
अपने संबोधन में डॉ के .सीवन ने विद्यार्थियों को सफलता के लिए इच्छा जागृत करने और जोखिम उठाने की क्षमता बनाए रखने का सुझाव दिया. अपने संबोधन में डॉ के.सीवन ने चरित्र निर्माण के सात पहलुओं को उजागर किया. इनमें रचनात्मक सोच और समस्या समाधान, सहयोगात्मक क्षमता, स्फूर्ति तथा अनुकूलनीयता, पहल करने की क्षमता, प्रभावशाली संप्रेषण, सूचना का मूल्यांकन एवं विश्लेषण, जिज्ञासा कल्पना व एकाग्रता है. उन्होंने विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने तथा उसमें सर्वोत्कृष्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया.
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मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कई बार क्रेजी आइडियाज अविष्कार के लिए बहुत ही सहायक होते हैं, उन्हें जाया नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि 13 करीब नए प्रोजेक्ट है, जिन पर काम किया जा रहा है. जो मार्च 2020 तक पूरे होंगे. उन्होंने चंद्रयान 2 पर भी चर्चा की. राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. के कस्तूरीरंगन ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को अच्छे नेतृत्व की क्षमता विकसित करने के लिए अनुकरणीय बनने का सुझाव दिया. उन्होंने उधार शिक्षा प्रशिक्षण व अनुसंधान पर भी बल दिया. कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार पुजारी ने विश्वविद्यालय में 1 वर्ष की उपलब्धियों और निर्धारित नए मार्गों के बारे में विस्तृत जानकारी दी.