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RBSE Fraud Case : 72 लाख रुपए के रद्दी घोटाले में तीन अफसरों को क्लीन चिट देने पर भड़के कर्मचारी, जलाई आदेश की कॉपी - ETV Bharat Rajasthan News

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Board of Secondary Education Rajasthan) में हुए 72 लाख रुपए के रद्दी घोटाले के मामले में तीन अफसरों को क्लीन चिट देने और तीन कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित रखने पर अन्य कर्मचारियों में रोष है. कर्मचारियों ने बोर्ड प्रशासन के इस फैसले पर आदेश की कॉपी जलाकर विरोध जताया.

Board of Secondary Education Rajasthan
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
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Published : Jan 19, 2022, 7:19 PM IST

अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Board of Secondary Education Rajasthan) में हुए 72 लाख रुपए के रद्दी घोटाले के मामले में विभागीय जांच में तीन अफसरों को क्लीनचिट (RBSE fraud case clean chit to 3 officers) देने से बोर्ड कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. बोर्ड कर्मचारियों का आरोप है कि यह प्राकृतिक न्यायिक सिद्धान्तों के खिलाफ बोर्ड प्रशासन ने निर्णय लिया है. जबकि प्रकरण में 6 कार्मिक के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी. इसमें तीन अफसरों को क्लीन चिट देना और तीन कार्मिकों के विरुद्ध जांच लंबित रखना न्यायोचित नहीं है.

बोर्ड कार्मिकों ने विरोध स्वरूप बोर्ड प्रशासन के आदेश को जलाकर विरोध जताया है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मंत्रलायिक कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश चंद खंडेलवाल ने बताया कि बोर्ड में परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की रद्दी की निविदाएं निकाली जाती है. सन 2015 में उत्तर पुस्तिकाओं की रद्दी के लिए निविदाएं निकाली गई थी. बोर्ड स्तर पर इसके लिए तीन अधिकारियों की समिति बनाई थी. समिति ने 6 कार्मिकों को रद्दी के निस्तारण के लिए नियुक्त किया था.

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मंत्रलायिक कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश चंद खंडेलवाल

225 टन रद्दी फॉर्म से उठवाई...

कैलाश चंद खंडेलवाल ने बताया कि मल्टीपल पीपल्स एंड बोर्ड मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को निविदा जारी की गई थी. तीन स्तरीय बोर्ड की समिति की ओर से 6 कार्मिकों को नियुक्त किया गया था. इन कार्मिकों ने 225 टन रद्दी फॉर्म से उठवाई, जिससे बोर्ड को 50 लाख रुपए की आय हुई. जबकि रद्दी की अनुमानित वजन 590 मेट्रिक टन था, जिसकी राशि एक करोड़ 20 लाख रुपए थी. बोर्ड को इससे 72 लाख रुपए का राजस्व नुकसान उठाना पड़ा था. उन्होंने बताया कि संबंधित कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई (Action against RBSE employees) करते हुए बोर्ड ने विभागीय जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को नियुक्त किया था. साथ ही 6 कार्मिकों के खिलाफ संबंधित सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था.

यह भी पढ़ें - Dr Jaroli on RBSE zone office in Bikaner : माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विखंडन की चर्चाओं पर डॉ जारोली की प्रतिक्रिया, कहा-बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं

चहेते अधिकारियों के नाम हटवाने का आरोप...

खंडेलवाल का आरोप है कि बोर्ड प्रशासन ने चहेते अधिकारियों के नाम एफआईआर से हटवा दिए, जबकि शेष 3 कार्मिकों के विरुद्ध पुलिस जांच के बाद प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है. उन्होंने बताया कि बोर्ड प्रशासन ने पदोन्नति का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जांच अधिकारी की रिपोर्ट के विपरीत जाकर 3 अफसरों को क्लीन चिट दे दी है. इससे बोर्ड के कार्मिकों में रोष व्याप्त है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के महामंत्री करण यादव ने बताया कि रद्दी घोटाले में 6 कार्मिकों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी. ऐसे में विभागीय जांच में 6 कार्मिकों को लेकर ही निर्णय होना चाहिए था. यादव ने बताया कि बोर्ड प्रशासन के आदेशों की प्रतिलिपि को जलाकर कर्मचारियों ने अपना विरोध जताया है. साथ ही बोर्ड प्रशासन से प्रकरण न्योचित निर्णय लेने के लिए पत्र लिखा है.

यह भी पढ़ें - RBSE AJMER CASE : खैरात में नहीं मिली है संस्था, यह अजमेर का हक - वासुदेव देवनानी

रद्दी घोटाले में यह थे आरोपी...

2015 में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में हुए कथित घोटाले (RBSE Scam in Ajmer) में बोर्ड संपदा विभाग के उपसचिव कमल गर्ग, संपदा विभाग के सहायक निदेशक गोविंद प्रसाद कोली, संपदा विभाग के अनुभाग अधिकारी प्यारेलाल तंवर को बोर्ड प्रशासन की ओर से क्लीनचिट दी गई है. जबकि बोर्ड में संपदा अनुभाग अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा, संपदा विभाग के सहायक अनुभाग अधिकारी दिनेश कुमार जैन, वरिष्ठ लिपिक गोवर्धन लाल पांडेया के विरुद्ध जांच लंबित है.

अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Board of Secondary Education Rajasthan) में हुए 72 लाख रुपए के रद्दी घोटाले के मामले में विभागीय जांच में तीन अफसरों को क्लीनचिट (RBSE fraud case clean chit to 3 officers) देने से बोर्ड कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. बोर्ड कर्मचारियों का आरोप है कि यह प्राकृतिक न्यायिक सिद्धान्तों के खिलाफ बोर्ड प्रशासन ने निर्णय लिया है. जबकि प्रकरण में 6 कार्मिक के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी. इसमें तीन अफसरों को क्लीन चिट देना और तीन कार्मिकों के विरुद्ध जांच लंबित रखना न्यायोचित नहीं है.

बोर्ड कार्मिकों ने विरोध स्वरूप बोर्ड प्रशासन के आदेश को जलाकर विरोध जताया है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मंत्रलायिक कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश चंद खंडेलवाल ने बताया कि बोर्ड में परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की रद्दी की निविदाएं निकाली जाती है. सन 2015 में उत्तर पुस्तिकाओं की रद्दी के लिए निविदाएं निकाली गई थी. बोर्ड स्तर पर इसके लिए तीन अधिकारियों की समिति बनाई थी. समिति ने 6 कार्मिकों को रद्दी के निस्तारण के लिए नियुक्त किया था.

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मंत्रलायिक कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश चंद खंडेलवाल

225 टन रद्दी फॉर्म से उठवाई...

कैलाश चंद खंडेलवाल ने बताया कि मल्टीपल पीपल्स एंड बोर्ड मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को निविदा जारी की गई थी. तीन स्तरीय बोर्ड की समिति की ओर से 6 कार्मिकों को नियुक्त किया गया था. इन कार्मिकों ने 225 टन रद्दी फॉर्म से उठवाई, जिससे बोर्ड को 50 लाख रुपए की आय हुई. जबकि रद्दी की अनुमानित वजन 590 मेट्रिक टन था, जिसकी राशि एक करोड़ 20 लाख रुपए थी. बोर्ड को इससे 72 लाख रुपए का राजस्व नुकसान उठाना पड़ा था. उन्होंने बताया कि संबंधित कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई (Action against RBSE employees) करते हुए बोर्ड ने विभागीय जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को नियुक्त किया था. साथ ही 6 कार्मिकों के खिलाफ संबंधित सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था.

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चहेते अधिकारियों के नाम हटवाने का आरोप...

खंडेलवाल का आरोप है कि बोर्ड प्रशासन ने चहेते अधिकारियों के नाम एफआईआर से हटवा दिए, जबकि शेष 3 कार्मिकों के विरुद्ध पुलिस जांच के बाद प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है. उन्होंने बताया कि बोर्ड प्रशासन ने पदोन्नति का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जांच अधिकारी की रिपोर्ट के विपरीत जाकर 3 अफसरों को क्लीन चिट दे दी है. इससे बोर्ड के कार्मिकों में रोष व्याप्त है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के महामंत्री करण यादव ने बताया कि रद्दी घोटाले में 6 कार्मिकों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी. ऐसे में विभागीय जांच में 6 कार्मिकों को लेकर ही निर्णय होना चाहिए था. यादव ने बताया कि बोर्ड प्रशासन के आदेशों की प्रतिलिपि को जलाकर कर्मचारियों ने अपना विरोध जताया है. साथ ही बोर्ड प्रशासन से प्रकरण न्योचित निर्णय लेने के लिए पत्र लिखा है.

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रद्दी घोटाले में यह थे आरोपी...

2015 में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में हुए कथित घोटाले (RBSE Scam in Ajmer) में बोर्ड संपदा विभाग के उपसचिव कमल गर्ग, संपदा विभाग के सहायक निदेशक गोविंद प्रसाद कोली, संपदा विभाग के अनुभाग अधिकारी प्यारेलाल तंवर को बोर्ड प्रशासन की ओर से क्लीनचिट दी गई है. जबकि बोर्ड में संपदा अनुभाग अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा, संपदा विभाग के सहायक अनुभाग अधिकारी दिनेश कुमार जैन, वरिष्ठ लिपिक गोवर्धन लाल पांडेया के विरुद्ध जांच लंबित है.

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