अजमेर. संगीत ऐसा माध्यम है जो लोगों के दिलों को छूता है. राज्य सरकार की ओर से 21 से 30 जून तक चलाए जा रहे कोरोना से जन जागृति अभियान में संगीत की मुख्य भूमिका रहेगी. खासकर ग्रामीण जनता को उनकी ही भाषा में कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए संगीत का सहारा लिया जा रहा है. अजमेर में जिला परिषद की ओर से राजस्थानी भाषा में कई गीत तैयार करवाए जा रहे हैं. जिनमें कोरोना से बचाव और सावधानी को लेकर विशेष बातें संगीत के माध्यम से तैयार की जा रही है.
लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक में कोरोना का संकट टला नहीं है. हर वर्ग की आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि वह अपने रोजगार से जुड़ जाए, लेकिन कोरोना से बचाव एक बड़ी चुनौती स्वयं और परिवार के लिए भी सामने है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने लोगों की जागरूकता के लिए 21 से 30 जून तक अभियान चलाया है. अजमेर में अभियान की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने जिला परिषद को सौंपी है.
कोरोना से बचाव और सावधानी की आवश्यक बातें
जिला परिषद की ओर से जन जागरूकता अभियान को कारगर बनाने के लिए संगीत को माध्यम चुना है ताकि शहर और ग्रामीण जनता तक संगीत के जरिए कोरोना से बचाव और सावधानी की आवश्यक बातें पहुंच जाए. इसके लिए सूचना केंद्र सभागार में जिला परीषद और शिक्षा विभाग से जुड़े कार्मिक कोरोना के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से लिखे गए गीतों के गाने की रिकॉर्डिंग की जा रही है. इनमें अधिकांश गीत राजस्थानी भाषा के हैं.
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जन जागरूकता कार्यक्रम के लिए संगीत के साथ नृत्य का तड़का भी लगाया जाएगा. संगीत के साथ नृत्य के समायोजन से आकर्षण को बढ़ाया जा रहा है. गीत और नृत्य की वीडियो क्लिप बनाई जाएगी. इसके बाद क्लिप को गांव ढाणी तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. इस प्रकार से 8 मिनट का एक नाटक का मंचन करवाकर उसकी भी क्लिप प्रसारित की जाएगी ताकि लोगों के जहन में एक बात अच्छी तरह से बैठ जाए कि खतरा अभी टला नहीं है.
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कोरोना से बचाव के लिए सरकार की ओर से जारी निर्देशों की पालना स्वयं और परिवार के लिए आवश्यक है. गीत नृत्य और नाटिका की तैयारी जोर शोर से चल रही है. खास बात यह है कि गीत लिखने वाले और गाने वाले कलाकार भी शिक्षा विभाग के कार्मिक ही है. अनलॉक के बाद कोरोना से बचाव की चुनौती हर व्यक्ति के सामने है. वहीं हर व्यक्ति को जागरूक होने की भी जरूरत है.