अजमेर. जिले में गणेश गुवाड़ी का क्षेत्र 15 वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पॉश इलाके में सभी मूलभूत सुविधाएं है, लेकिन उन क्षेत्रों को विकास से वंचित रखा गया है, जहां छोटे प्लॉट पर मकान बने हैं, जिनमें गरीब और मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं. क्षेत्र के लोगों ने नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण पर भेदभाव का आरोप लगाया है. अजमेर में पंचशील क्षेत्र में गणेश गुवाड़ी नगर निगम सीमा में होकर भी विकास से अछूती है.
शहर में होकर भी क्षेत्र में सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट, सफाई की व्यवस्था नहीं है. वहीं आवारा पशुओं और बंदरों के आतंक से लोग परेशान है. क्षेत्रवासी बताते है कि नगर निगम के पिछले चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर पार्षद वोट मांगने आए थे. जीतने के बाद प्रकाश मेहरा को क्षेत्रवासियों ने दोबारा क्षेत्र में नहीं देखा. उन्होंने बताया कि नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण को कई बार क्षेत्र में मूलभुत विकास कार्य करवाने के लिए लिखा जा चुका है, लेकिन कभी उनकी तकलीफों की ओर ध्यान नहीं दिया गया है.
15 वर्षों से क्षेत्रवासी क्षेत्र में मूलभूत विकास का इंतजार कर रहे हैं. क्षेत्र के बुजुर्गों ने बताया कि कच्ची सड़क और पानी की निकासी नहीं होने की वजह से जंगली किट और सांपों का हमेशा डर बना रहता है. वहीं क्षेत्र में खंभे लगे हुए हैं, लेकिन उन पर स्ट्रीट लाइट जलती हुई उन्होंने कभी नहीं देखी है. क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि घरों से निकलने वाले पानी के लिए हर घर के बाहर स्वयं के स्तर पर गड्ढे खोदे गए हैं.
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वहीं कुछ लोगों को मजबूरी बस घर का पानी खाली प्लॉट में निकालना पड़ता है. जिस कारण क्षेत्र में मच्छर मक्खियां पनप गए हैं. क्षेत्र से पानी की निकासी का कोई साधन नहीं है. उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. डोर टू डोर कचरा लेने वाली गाड़ी भी सप्ताह में एक दिन आती है. क्षेत्र के लोगों ने अजमेर विकास प्राधिकरण से मांग की है कि क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के लिए विकास कार्य करवाए जाए.