अजमेर. न्यायालयों में दर्ज कराए मुकदमों की एसआईटी जांच और इच्छा मृत्यु की इजाजत नहीं मिलने के कारण पीरदान सिंह राठौड़ जिला मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्वक और कानून की पालना करते हुए अपने धरने को मंगलवार से शुरु करेंगे. उन्होने पहले भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार अयोग, राजस्थान राज्यपाल, मुख्यमंत्री, भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से मिलकर ज्ञापन दिया था, लेकिन मामले में कहीं से भी कोई जवाब नहीं मिला.
बता दें कि पीरदान सिंह राठौड़ विभिन्न न्यायालय में दर्ज मुकदमों की निष्पक्ष जांच हेतु एसआईटी की मांग को लेकर पहले भी एक बार 50 दिन और एक बार 1101 दिन का अनशन कर चुके हैं. जिसके बाद भी जांच नहीं मिलने पर उन्होने जिला कलेक्ट्रेट मुख्यालय विश्व मोहन शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट से 14 फरवरी 2020 को एसआईटी जांच और इच्छा मृत्यु की मांग की है.
यह है पूरा मामला....
किशनगढ़ के आरके मार्बल ग्रुप के चेयरमैन के खिलाफ पिछले काफी सालों से पीड़ित पीरदान सिंह राठौड़ ने अपने परिवार के साथ मोर्चा खोल रखा है. लेकिन अब तक मामले में पीरदान सिंह राठौड़ को न्याय नहीं मिल पाया. उनका कहना कि भाजपा सरकार हो या फिर कांग्रेस सरकार दोनों ही पार्टियां आर के मार्बल के इशारों पर चल रही हैं. जिसके चलते उनको आज तक ना तो प्रशासन से न्याय मिला है, ना ही सरकारों से. उनके मामले में किसी तरह कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया.
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न्यायालय में पीरदान सिंह राठौड़ ने धारा 156 (3 )के अंतर्गत एक वाद प्रस्तुत किया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके 21 ट्रोले आरके मार्बल से जुड़े संस्थान आरके फ्यूल्स के साथ अटैच थे. मौखिक शर्तों के साथ आरके मार्बल संस्थान के साथ जो वाहन अटैच थे, उन्होने सबके साथ एक खाली चेक भी दिया था. उनके ट्रॉली की क्षमता 28 टन माल परिवहन की थी. लेकिन आरके मार्बल उनके ट्रोलों में 50 टन मार्बल पत्थर भरता था.
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इस ओवरलोडिंग का पता लगने पर जब उन्होने इसक विरोध किया गया तो अशोक पाटनी और पुष्कर पाटीदार ने सभी ट्रोलो को हटा दिया. जो 21 खाली चेक कंपनी में जमा थे, उनमें से एक चेक में 1 लाख 50 हजार की राशि भरकर संबंधित बैंक से निकाल लिए और कहा कि पीरदान सिंह राठौड़ ने उनसे 1 लाख 50 हजार की राशि उधार ले रखी है.
हालांकि, बाद में इस उधारी को आरके मार्बल सही प्रमाणित नहीं कर सका. राठौड़ ने इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट थाने में लिखवाने का प्रयास किया गया था, लोकिन पुलिस ने रिपोर्ट ही नहीं लिखी. जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव बिजलानी ने इस मामले की गहनता से जांच करने के बाद 1 जून 2016 को राजनगर थाने को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. वहीं अदालत का आदेश मिलने पर राजनगर थाने में 6 जून 2016 को विधिवत तौर पर अशोक पाटनी और पुष्कर पाटीदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.