अजमेर. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को केंद्र सरकार के लाए गए किसान विरोधी अध्यादेश के खिलाफ अपना विरोध जाहिर किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने खून भरा पत्र जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम सौंपकर पारित किसान विरोधी अध्यादेश को वापस लेने की मांग की.
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवीन सोनी और जिला उपाध्यक्ष सुरेश चौधरी की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया कि केंद्र सरकार के अध्यादेश किसान विरोधी है. जिससे किसानों की कमर टूट जाएगी और वो आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएंगे. यह अध्यादेश किसानों के लिए काला तानाशाही कानून साबित होगा.
वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण महामारी ने किसानों की कमर तोड़ दी थी. वहीं अब इस अध्यादेश को लागू करने के बाद किसानों को और अधिक परेशान किया जा रहा है. जिसके विरोध में एनएसयूआई द्वारा विरोध प्रदर्शन किया.
पढ़ेंः Special: कोरोना महामारी के दौरान Free Ambulance द्वारा एक लाख मरीजों को किया गया अस्पताल में भर्ती
बुधवार को जिला कलेक्टर के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गेहूं के साथ प्रदर्शन किया. इसके साथ ही खून भरा पत्र लिखकर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम सौंपा. वहीं उन्होंने किसान विरोधी अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया, तो एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा उग्र विरोध किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी.