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Lockdown में बेजुबानों के लिए आगे आया अजमेर नगर निगम, भूखे श्वानों को खिला रहा रोटी - food for dogs in ajmer

कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन का दंश बेजुबान जानवर भी झेल रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या श्वानों की है. ऐसे में अजमेर में अक्षय पात्र की मदद से नगर निगम ने भूखे श्वानों को दो वक्त रोटी डालना की पहल की है.

भूखे कुत्तों को रोटी, bread to hungry street dogs, अजमेर में कुत्तों के लिए खाना
भूखे श्वानों को डाल रहें रोटी
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Published : Apr 2, 2020, 5:51 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी की वजह से लोग लॉकडाउन में घरों में रहने को मजबूर है. इनमें कई बेसहारा और गरीब लोग भी शामिल है, जिनके लिए सामाजिक संगठन और सरकारी स्तर पर दो वक्त का खाना मुहैया करवाया जा रहा है.

लॉकडाउन से अजमेर में व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई है. खासकर होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट और खाने-पीने के ठेले और दुकानें सब बंद है. जिसके चलते इन व्यवसायिक क्षेत्रों में रहने वाले श्वानों पर भूख का संकट मंडरा गया है. गली मोहल्लों में रहने वाले श्वानों को लोग खाने पीने का दे देते हैं, लेकिन व्यवसायिक क्षेत्रों के बंद होने से उन क्षेत्रों में रहने वाले श्वानों की हालत भूख से बिगड़ रही थी.

Lockdown में बेजुबानों का सहारा बन रही अजमेर नगर निगम

ये पढ़ेंः अजमेर में प्राचीन सीता माता मंदिर में रामनवमी पर भक्तों के बिना महाआरती

अजमेर नगर निगम ने पहल करते हुए अक्षय पात्र संस्था के सहयोग से करीब दो से तीन हजार रोटियां सुबह और शाम को श्वानों को डलवाना शुरू किया है. नगर निगम की जेईएन अर्तिका मिश्रा को इस पुनीत कार्य के लिए प्रभारी बनाया है. अक्षय पात्र संस्था सुबह शाम श्वानों के लिए 2000 से 3000 रोटियां बनवा कर नगर निगम को सौंप रही है.

वहीं नगर निगम के कर्मचारी जेईएन अर्तिका शुक्ला के निर्देशन में रोटियों को विभिन्न वार्डों में उन क्षेत्रों में रहने वाले श्वानों को डाली जा रही है. विपत्ति की इस घड़ी में इंसान इंसान की सोच रहा है, लेकिन बेजुबान जानवर के लिए नगर निगम की सोच का लोग स्वागत कर रहे हैं. बल्कि इस पुनीत कार्य से लोग भी अपने क्षेत्र में बेजुबान जानवरों की भूख शांत करने का प्रयास कर रहे हैं.

अजमेर. कोरोना महामारी की वजह से लोग लॉकडाउन में घरों में रहने को मजबूर है. इनमें कई बेसहारा और गरीब लोग भी शामिल है, जिनके लिए सामाजिक संगठन और सरकारी स्तर पर दो वक्त का खाना मुहैया करवाया जा रहा है.

लॉकडाउन से अजमेर में व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई है. खासकर होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट और खाने-पीने के ठेले और दुकानें सब बंद है. जिसके चलते इन व्यवसायिक क्षेत्रों में रहने वाले श्वानों पर भूख का संकट मंडरा गया है. गली मोहल्लों में रहने वाले श्वानों को लोग खाने पीने का दे देते हैं, लेकिन व्यवसायिक क्षेत्रों के बंद होने से उन क्षेत्रों में रहने वाले श्वानों की हालत भूख से बिगड़ रही थी.

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अजमेर नगर निगम ने पहल करते हुए अक्षय पात्र संस्था के सहयोग से करीब दो से तीन हजार रोटियां सुबह और शाम को श्वानों को डलवाना शुरू किया है. नगर निगम की जेईएन अर्तिका मिश्रा को इस पुनीत कार्य के लिए प्रभारी बनाया है. अक्षय पात्र संस्था सुबह शाम श्वानों के लिए 2000 से 3000 रोटियां बनवा कर नगर निगम को सौंप रही है.

वहीं नगर निगम के कर्मचारी जेईएन अर्तिका शुक्ला के निर्देशन में रोटियों को विभिन्न वार्डों में उन क्षेत्रों में रहने वाले श्वानों को डाली जा रही है. विपत्ति की इस घड़ी में इंसान इंसान की सोच रहा है, लेकिन बेजुबान जानवर के लिए नगर निगम की सोच का लोग स्वागत कर रहे हैं. बल्कि इस पुनीत कार्य से लोग भी अपने क्षेत्र में बेजुबान जानवरों की भूख शांत करने का प्रयास कर रहे हैं.

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