अजमेर. 23 मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन की स्थिति थी. इसके बाद जब अनलॉक हुआ तो लोगों की जिंदगी में बहुत कुछ बदल चुका था. हर वर्ग के लोगों को जबरदस्त आर्थिक झटका लगा. कई लोगों ने इस आपदा में भी अवसर निकाला और आर्थिक मंदी का फायदा उठाकर संपत्तियां खरीदी.
इसके अलावा पूर्व में एग्रीमेंट के आधार पर संपत्तियों की खरीद और बेचान हुआ. उनकी पंजीयन भी काफी संख्या में हुए. विभाग के आंकड़ों को देखें तो ग्राम पंचायतों में दिए गए पट्टों के पंजीयन रीको एरिया में आवंटित हुई भूमि के पंजीयन एडीए के पट्टों का पंजीयन के अलावा हक त्याग और विल ( वसीयत ) के पंजीयन भी काफी संख्या में हुए हैं. वहीं कई निवेशको ने बड़ी संपत्तियों में भी निवेश किया है.
यही वजह है कि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के प्रथम कार्यालय को पिछले वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा था. विभाग ने 89.49 फीसदी लक्ष्य पूरा कर लिया है. मुद्रा एवं पंजीयन कार्यालय प्रथम अधिकारी प्रीति चौहान ने बताया कि कोरोना काल में लोगों में विल ( वसीयत ) को पंजीयन करवाने के मामले ज्यादा बढ़े हैं.
कोरोना काल में लोगों में असुरक्षा की भावना ज्यादा बढ़ गई है. यही वजह है कि बुजुर्ग समय रहते अपनी संपत्तियों की वसीयत करवाने में ज्यादा रूचि ले रहे हैं. मुद्रांक एवं पंजीयन कार्यालय के द्वितीय सर्किल ने भी 80 फीसदी लक्ष्य अर्जित किया है. प्रदेश में फिर से लॉकडाउन की आशंका को देखते हुए लोग संपत्तियों का पंजीयन ज्यादा से ज्यादा करवाने में जुटे हैं. प्रतिदिन मुद्रांक एवं पंजीयन कार्यालय में पंजीयन करवाने वाले लोगों की भीड़ जुट रही है.
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द्वितीय सर्किल के अधिकारी सांवरलाल बताते हैं कि कोरोना का काल मे भी संपत्तियों की खरीद और बेचने में लोगों ने काफी रूचि दिखाई है. द्वितीय सर्किल को 63.91 करोड़ का लक्ष्य मिला था. जिसमें 51 करोड़ 31 लाख 68 हजार रुपए की वसूली की जा चुकी है. यह वसूली अब तक की सर्वोत्तम वसूली है.
आपदा में अवसर ढूंढ रहे लोगों का रुझान कोरोना काल में संपत्ति खरीदने और बेचने के मामले में रहा. हालांकि बाजार पर इसका असर कम ही दिखाई दिया. कई लोगों को उन्हें निवेश संपत्तियों में किया तो वहीं कई लोग संपत्ति के ज्यादा बाजार भाव मिलने की उम्मीद में अभी भी संपत्ति लेकर बैठे हैं. कोरोना का संकट फिर से खड़ा हो गया है. विभाग को इस बार 10 फीसदी लक्ष्य ज्यादा मिला है. फिर से स्थिरता और सुरक्षा का माहौल है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस नए वित्त वर्ष में प्रॉपर्टी का बाजार किस ओर करवट लेता है.