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जेएलएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्रों ने बढ़ाएं मदद के लिए हाथ, इंग्लैंड से भेजे कांस्ट्रेटर्स और ऑक्सीमीटर, 1 मई तक पहुंचेंगे उपकरण

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Published : Apr 28, 2021, 8:11 PM IST

अजमेर स्थित जेएलएन मेडिकल कॉलेज के कुछ पूर्व छात्रों ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज के लिए इंग्लैड से मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. पूर्व छात्रों ने अस्पताल के लिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर्स और ऑक्सीमीटर अजमेर भिजवाए हैं. जो 1 मई तक अजमेर पहुंचेगा.

जेएलएन मेडिकल कॉलेज, अजमेर में कोरोना के मामले, Corona cases in Rajasthan
जेएलएन मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्रों ने अस्पताल के लिए इंग्लैंड से भेजा ऑक्सीमीटर और कांस्ट्रेटर्स

अजमेर. जिले के जेएलएन मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त कर विदेश में रह रहे डॉक्टर्स ने मदद का हाथ बढ़ाया है. महामारी के इस दौर में जब अधिकांश लोग डॉक्टर्स को कोसने से बाज नहीं आते. वहां डॉक्टर्स ने ही मरीजों के लिए अतिआवश्यक सामान भेजा है.

मेडिकल कॉलेज के जानकार सूत्र बताते हैं कि 1 मई तक भेजा गया समान अजमेर पहुंच जाएगा. इसके बाद मेडिकल कॉलेज को उपकरण सुपुर्द किए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक इंग्लैंड में रह रहे अजमेर जेएलएन मेडिकल कालेज के भूतपूर्व छात्रों ने अनुकरणीय पहल की है.

दरअसल ब्रिटेन में रह रहे भारतीय मूल के चिकित्सकों ने जिन्होंने अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की है उनका गहरा नाता है. पूर्व छात्रों ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए जेएलएन अस्पताल में भर्ती COViD के मरीजों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. पूर्व छात्रों ने जेएलएन अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती अत्यंत गम्भीर रोगियों की सहायता के लिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर्स और ऑक्सीमीटर अजमेर भिजवाए है. ये सामान 1 मई तक अजमेर पहुंचेगा. इसमें 40 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 30 पल्स ऑक्सीमीटर हैं.

बताया जा रहा है कि इंग्लैंड में अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज से अध्ययन कर निकले कई डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जब उन्हें अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज के आदेश जेएलएन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की सूचना मिली तो उनके बैच के अन्य साथियों से संपर्क किया. उस बैच के कुछ साथी अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जरूरी सामान भेजने के साथ इंग्लैंड में रह रहे डॉक्टर्स ने कोविड इकाई के लिए और किसी प्रकार के सहयोग देने का आग्रह किया है.

पढ़ें- राजस्थान में 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण पर संशय, चिकित्सा मंत्री ने वैक्सीनेशन कंपनी पर लगाए आरोप

बता दें कि इंग्लैंड से भेजे गए जरूरी उपकरण के बारे में जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीके सिंह ने पुष्टि नहीं की है. डॉक्टर सिंह का कहना है कि फिलहाल उनसे किसी भी पूर्व छात्र ने संपर्क नहीं किया है. हालांकि जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और मदद भेजने वाले डॉक्टर्स के समकक्ष साथियों ने फोन पर इस बात की पुष्टि की है और बताया कि 1 मई को समान पहुंचने के बाद जेएलएन मेडिकल कॉलेज को जरूरी उपकरण सुपुर्द किए जाएंगे.

अजमेर. जिले के जेएलएन मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त कर विदेश में रह रहे डॉक्टर्स ने मदद का हाथ बढ़ाया है. महामारी के इस दौर में जब अधिकांश लोग डॉक्टर्स को कोसने से बाज नहीं आते. वहां डॉक्टर्स ने ही मरीजों के लिए अतिआवश्यक सामान भेजा है.

मेडिकल कॉलेज के जानकार सूत्र बताते हैं कि 1 मई तक भेजा गया समान अजमेर पहुंच जाएगा. इसके बाद मेडिकल कॉलेज को उपकरण सुपुर्द किए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक इंग्लैंड में रह रहे अजमेर जेएलएन मेडिकल कालेज के भूतपूर्व छात्रों ने अनुकरणीय पहल की है.

दरअसल ब्रिटेन में रह रहे भारतीय मूल के चिकित्सकों ने जिन्होंने अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की है उनका गहरा नाता है. पूर्व छात्रों ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए जेएलएन अस्पताल में भर्ती COViD के मरीजों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. पूर्व छात्रों ने जेएलएन अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती अत्यंत गम्भीर रोगियों की सहायता के लिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर्स और ऑक्सीमीटर अजमेर भिजवाए है. ये सामान 1 मई तक अजमेर पहुंचेगा. इसमें 40 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 30 पल्स ऑक्सीमीटर हैं.

बताया जा रहा है कि इंग्लैंड में अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज से अध्ययन कर निकले कई डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जब उन्हें अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज के आदेश जेएलएन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की सूचना मिली तो उनके बैच के अन्य साथियों से संपर्क किया. उस बैच के कुछ साथी अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जरूरी सामान भेजने के साथ इंग्लैंड में रह रहे डॉक्टर्स ने कोविड इकाई के लिए और किसी प्रकार के सहयोग देने का आग्रह किया है.

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बता दें कि इंग्लैंड से भेजे गए जरूरी उपकरण के बारे में जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बीके सिंह ने पुष्टि नहीं की है. डॉक्टर सिंह का कहना है कि फिलहाल उनसे किसी भी पूर्व छात्र ने संपर्क नहीं किया है. हालांकि जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और मदद भेजने वाले डॉक्टर्स के समकक्ष साथियों ने फोन पर इस बात की पुष्टि की है और बताया कि 1 मई को समान पहुंचने के बाद जेएलएन मेडिकल कॉलेज को जरूरी उपकरण सुपुर्द किए जाएंगे.

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