अजमेर. हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो चुकी है. 23 फरवरी को ख्वाजा गरीब नवाज के दरगाह में संदल की रस्म को अदा किया गया. जहां साल भर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मजार शरीफ पर पेश होने वाला संदल जायरीनों में तक्सीम किया गया. वहीं 24 तारीख को अलसुबह जन्नती दरवाजा भी जायरीनों के लिए खोल दिया गया.
बता दें कि देर रात से ही ख्वाजा गरीब नवाज के जन्नती दरवाजा खोलने का जायरीन बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. जायरीनों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से भारी जाप्ता लगाया गया. ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर रजब महा का चांद नहीं दिखाई देता तो जन्नती दरवाजा 24 तारीख की रात को बंद कर दिया जाएगा. एक बार फिर से 25 फरवरी मंगलवार को अलसुबह फिर से एक बार जन्नती दरवाजा खोला जाएगा.
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जन्नती दरवाजा साल में केवल 4 बार ही खोला जाता है. इस मुबारक मौके पर मुल्क में अमन चैन खुशहाली तरक्की की दुआ मांगी गई. जहां खादिम ने जानकारी देते हुए बताया कि जन्नती दरवाजे में से गुजरने के लिए सभी लोगों में होड़ सी मची रहती है. सब जन्नती दरवाजे में से गुजरने के सबाब को हासिल करना चाहते हैं.
उर्स की पहली चादर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार की ओर से पेश
सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में उर्स की शुरुआत 20 फरवरी झंडे की रस्म के साथ शुरू हो चुकी है. वहीं उर्स को लेकर सभी रसुमाते भी शुरू हो चुकी है. ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में सबसे पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष और RSS के पूर्व प्रतिनिधि इंद्रेश कुमार की ओर से पहली चादर गरीब नवाज की दरगाह में पेश हुई है.
अजमेर शरीफ ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह 808वें उर्स का आगाज हो चुका है. ऐसे में ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर अब चादर भेजने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. सबसे पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार की ओर से चादर भेजी गई. जहां प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के इमरान चौधरी और कार्यकर्ताओं ने हाथों में चादर लिए गरीब नवाज की दरगाह पर हाजिरी दी. वहीं इमरान चौधरी द्वारा बुलंद दरवाजे पर इंद्रेश कुमार द्वारा भेजा गया पैगाम पढ़कर सुनाया गया. जिसमें उन्होंने लिखा था कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना' और कौमी एकता और आपसी भाईचारे की बात को लिखा.
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उन्होंने बताया कि मुस्लिम और हिंदू सभी आपस में भाई-भाई हैं. सभी को एक समान ही रहना होगा. कुछ असामाजिक तत्व है, जो दोनों को लड़ाना चाहते हैं लेकिन उनकी रणनीति को विफल करना होगा. इंद्रेश कुमार भी एक दिवसीय यात्रा पर अजमेर दौरे पर रहे लेकिन उनकी तबीयत नासाज होने के चलते हुए ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर नहीं आए. भीड़-भाड़ और तबियत खराब के चलते इंद्रेश कुमार देहली गेट से ही रवाना हो गए.