पुष्कर (अजमेर). अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला परवान पर चढ़ता जा रहा है. मेला स्टेडियम में दूसरे दिन राजस्थानी संस्कृति को साकार करती प्रतियोगिताओं में देशी विदेशी सैलानियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. प्रतियोगिताओं में सतौलिया प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. जिसमें हार के बावजूद विदेशी सैलानियों ने अपनी छाप छोड़ दी.
मेले में कई अन्य परंपरागत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसी क्रम में लंगड़ी टांग प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया. जिसका अधिकतर मेलार्थियों ने लुफ्त उठाया. इन परम्परागत प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विदेशी सैलानियों का कहना है कि इनके लिए यह कभी न भूलने अनुभव वाला है.
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इसी कड़ी में राजस्थान की संस्कृति को साकार करने के लिए ऊंट श्रंगार और ऊंट नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ. जिसमें ऊंट पालको ने अपने -अपने ऊँटों का श्रंगार कर ढोल नगाड़ों पर ठुमके लगवाए. इसी प्रकार ऊँट नृत्य प्रतियोगिता में रेगिस्तान के जहाज ने अपनी अदाओ और ठुमको से देशी - विदेशी पर्यटको का मन मोह लिया। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को मेला मजिस्ट्रेट ने स्मृति चिन्ह ओर प्रमाण -पत्र के साथ नकद राशि से नवाजा गया.
मेले में सरोवरों के घाटों पर दीपदान व महाआरती
अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले के आगाज के साथ ही सोमवार रात को पवित्र सरोवर के घाटों पर दीपदान और महाआरती का भव्य आयोजन किया गया. इस दौरान 52 घाटों पर एक साथ करीब 15 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और ब्रह्म सरोवर की महाआरती की गई.
महाआरती के दौरान पूरा सरोवर नयनाभिराम रोशनी में झिलमिलाता रहा. महाआरती के दर्शन के लिए ब्रह्म घाट और अन्य मुख्य घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ता रहा. घाटों पर मनमोहक सजावट की गई, जिसे देख देशी-विदेशी सैलानी आस्था की आभा में भाव विभोर होते रहे.
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पुष्कर मेले में श्रदालुओं को अन्नकूट का प्रसाद भी वितरत किया गया. यह समारोह नगर पालिका, श्री तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट समेत विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक संस्थाओं और स्कूलों की ओर से आयोजित किया गया.