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पुष्कर मेले को लेकर विदेशी सैलानियों ने बताया कभी न भूलने वाला अनुभव - राजस्थान पुष्कर मेला

पुष्कर अंतरराष्ट्रीय मेले में देशी-विदेशी सैलानियों का काफी संख्या में आना-जाना शुरू हो गया है. सोमवार को दूसरे दिन मेला स्टेडियम में परंपरागत प्रतियोगिताओं में देशी विदेशी पर्यटकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. विदेशी पर्यटकों ने मेले के अनुभव को जीवन में कभी न भूलने वाला अनुभव बताया.

Pushkar fair news, अजमेर न्यूज
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Published : Nov 5, 2019, 5:47 PM IST

पुष्कर (अजमेर). अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला परवान पर चढ़ता जा रहा है. मेला स्टेडियम में दूसरे दिन राजस्थानी संस्कृति को साकार करती प्रतियोगिताओं में देशी विदेशी सैलानियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. प्रतियोगिताओं में सतौलिया प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. जिसमें हार के बावजूद विदेशी सैलानियों ने अपनी छाप छोड़ दी.

पुष्कर मेले की परंपरागत प्रतियोगिताओं मे देशी-विदेशी पर्यटकों ने लिया भाग

मेले में कई अन्य परंपरागत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसी क्रम में लंगड़ी टांग प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया. जिसका अधिकतर मेलार्थियों ने लुफ्त उठाया. इन परम्परागत प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विदेशी सैलानियों का कहना है कि इनके लिए यह कभी न भूलने अनुभव वाला है.

पढ़ें- सनातन संस्कृति और परंपरा को तोड़ने वाला है कमलनाथ सरकार का फैसला : सुनील कोठारी

इसी कड़ी में राजस्थान की संस्कृति को साकार करने के लिए ऊंट श्रंगार और ऊंट नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ. जिसमें ऊंट पालको ने अपने -अपने ऊँटों का श्रंगार कर ढोल नगाड़ों पर ठुमके लगवाए. इसी प्रकार ऊँट नृत्य प्रतियोगिता में रेगिस्तान के जहाज ने अपनी अदाओ और ठुमको से देशी - विदेशी पर्यटको का मन मोह लिया। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को मेला मजिस्ट्रेट ने स्मृति चिन्ह ओर प्रमाण -पत्र के साथ नकद राशि से नवाजा गया.

मेले में सरोवरों के घाटों पर दीपदान व महाआरती

अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले के आगाज के साथ ही सोमवार रात को पवित्र सरोवर के घाटों पर दीपदान और महाआरती का भव्य आयोजन किया गया. इस दौरान 52 घाटों पर एक साथ करीब 15 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और ब्रह्म सरोवर की महाआरती की गई.

मेले में सरोवरों के घाटों पर दीपदान व महाआरती

महाआरती के दौरान पूरा सरोवर नयनाभिराम रोशनी में झिलमिलाता रहा. महाआरती के दर्शन के लिए ब्रह्म घाट और अन्य मुख्य घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ता रहा. घाटों पर मनमोहक सजावट की गई, जिसे देख देशी-विदेशी सैलानी आस्था की आभा में भाव विभोर होते रहे.

पढ़ें- कोटा में अन्नदाता पर कुदरत का कहर, अचानक हुई बारिश से किसानों के जींस भीगे, लाखों का नुकसान

पुष्कर मेले में श्रदालुओं को अन्नकूट का प्रसाद भी वितरत किया गया. यह समारोह नगर पालिका, श्री तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट समेत विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक संस्थाओं और स्कूलों की ओर से आयोजित किया गया.

पुष्कर (अजमेर). अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला परवान पर चढ़ता जा रहा है. मेला स्टेडियम में दूसरे दिन राजस्थानी संस्कृति को साकार करती प्रतियोगिताओं में देशी विदेशी सैलानियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. प्रतियोगिताओं में सतौलिया प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. जिसमें हार के बावजूद विदेशी सैलानियों ने अपनी छाप छोड़ दी.

पुष्कर मेले की परंपरागत प्रतियोगिताओं मे देशी-विदेशी पर्यटकों ने लिया भाग

मेले में कई अन्य परंपरागत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसी क्रम में लंगड़ी टांग प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया. जिसका अधिकतर मेलार्थियों ने लुफ्त उठाया. इन परम्परागत प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विदेशी सैलानियों का कहना है कि इनके लिए यह कभी न भूलने अनुभव वाला है.

पढ़ें- सनातन संस्कृति और परंपरा को तोड़ने वाला है कमलनाथ सरकार का फैसला : सुनील कोठारी

इसी कड़ी में राजस्थान की संस्कृति को साकार करने के लिए ऊंट श्रंगार और ऊंट नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ. जिसमें ऊंट पालको ने अपने -अपने ऊँटों का श्रंगार कर ढोल नगाड़ों पर ठुमके लगवाए. इसी प्रकार ऊँट नृत्य प्रतियोगिता में रेगिस्तान के जहाज ने अपनी अदाओ और ठुमको से देशी - विदेशी पर्यटको का मन मोह लिया। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को मेला मजिस्ट्रेट ने स्मृति चिन्ह ओर प्रमाण -पत्र के साथ नकद राशि से नवाजा गया.

मेले में सरोवरों के घाटों पर दीपदान व महाआरती

अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले के आगाज के साथ ही सोमवार रात को पवित्र सरोवर के घाटों पर दीपदान और महाआरती का भव्य आयोजन किया गया. इस दौरान 52 घाटों पर एक साथ करीब 15 हजार दीप प्रज्वलित किए गए और ब्रह्म सरोवर की महाआरती की गई.

मेले में सरोवरों के घाटों पर दीपदान व महाआरती

महाआरती के दौरान पूरा सरोवर नयनाभिराम रोशनी में झिलमिलाता रहा. महाआरती के दर्शन के लिए ब्रह्म घाट और अन्य मुख्य घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ता रहा. घाटों पर मनमोहक सजावट की गई, जिसे देख देशी-विदेशी सैलानी आस्था की आभा में भाव विभोर होते रहे.

पढ़ें- कोटा में अन्नदाता पर कुदरत का कहर, अचानक हुई बारिश से किसानों के जींस भीगे, लाखों का नुकसान

पुष्कर मेले में श्रदालुओं को अन्नकूट का प्रसाद भी वितरत किया गया. यह समारोह नगर पालिका, श्री तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट समेत विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक संस्थाओं और स्कूलों की ओर से आयोजित किया गया.

Intro:पुष्कर(अजमेर)अंतररास्ट्रीय पुष्कर मेला धीरे धीरे अपने पुरे शवाब की ओर बढ़ रहा है । मेला स्टेडियम में दूसरे दिन राजस्थानी संस्कृति को साकार करती प्रतियोगिताओ में देशी विदेशी सैलानियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया ।Body:सर्वप्रथम सतौलिया प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमे हार के बावजूद विदेशी सैलानियों ने अपनी छाप छोड़ दी। देशी खिलाड़ियों ने विदेशी टीम को हराकर अपना लोहा मनवाया । इसी तरह लंगड़ी टांग प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया जिसका अधिकतर मेलार्थीयो ने लुफ्त उठाया। इन परम्परागत प्रतियोगिताओ में भाग लेने वाले विदेशी सैलानियों का कहना था की इनके लिए यह अनुभव कभी न भूलने वाला है । मेला मैदान पर जो द्रश्य था उसे देखकर ऐसा लग रहा था मानों पूरब ओर पश्चिम का ऐतिहासिक मिलन हुआ हो ।

बाइट-- कैटरीन,पर्यटक, बेल्जियम

बाइट-- ब्रूनो, पर्यटक, केनेडा

इसी कड़ी में राजस्थान की संस्कृति को साकार करने के लिए ऊंट श्रंगार और ऊंट नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ जिसमे ऊंट पालको ने अपने -अपने ऊँटों का बेशुमार श्रंगार कर ढोल नगाड़ो पर ठुमके लगवाये। इसी प्रकार ऊँट नृत्य प्रतियोगिता में रेगिस्तान के जहाज ने अपनी अदाओ और ठुमको से देशी - विदेशी पर्यटको का मन मोह लिया। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को मेला मजिस्ट्रेट ने स्मृति चिन्ह ओर प्रमाण -पत्र के साथ नकद राशि से नवाजा गया ।


बाइट-- डेनियल,पर्यटक, इजरायलConclusion:
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