अजमेर. एसीबी की स्पेशल यूनिट ने साल 2018 में परिवादी किशन सिंह के परिवाद की जांच किया. मामले में अतीत मंड गांव के तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत, ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने साल 2013-14 में सांसद और विधायक कोष से स्वीकृत विकास कार्यों और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज और बिल तैयार किए थे. जबकि मौजूदा जगह पर वास्तविक रुप में कोई काम हुआ ही नहीं था.
वहीं जांच में सामने आया है कि छह जगहों पर विकास कार्यों को कागजों में अंजाम दिया गया था. इसमें गांव में सीसी रोड, सामुदायिक भवन, श्मशान घाट पर विश्राम गृह, माता जी के स्थान पर टीन शेड का निर्माण, पिपलाज माता के मार्ग पर सीसी रोड बनवाने. साथ ही गांव में सीसी रोड और नाली निर्माण के कार्यों के फर्जी बिल तैयार करवाकर उनका स्वीकृत पैसा भी तीनों आरोपियों ने गबन कर लिया था.
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जानकारी के मुताबिक मामले की पंचायत समिति में भी जांच हुई थी. लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. साल 2018 में परिवादी किशन सिंह ने मामले की शिकायत एसीबी से की थी. एसीबी ने परिवाद की गहनता से जांच के बाद तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत, ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. एसीबी स्पेशल यूनिट के एएसपी मदन दान सिंह ने बताया कि मामले में अनुसंधान जारी है. उन्होंने बताया कि गांव में विकास कार्य की आड़ में तत्कालीन सरपंच और दो ग्राम सेवकों ने साढे दस लाख सरकारी रकम गबन कर ली है. तीनों आरोपियों के खिलाफ एसीबी का शिकंजा कभी भी कस सकता है.