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फर्जी कागजात तैयार कर लाखों रुपए के गबन का मामला, सरपंच और ग्राम सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज - sarpanch

ब्यावर उपखंड के अतीत मंड ग्राम पंचायत में छह साल पुराने ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी पैसे के गबन का मामला हुआ था. मामले में एसीबी ने तत्कालीन सरपंच और दो ग्राम सेवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जांच में सामने आया कि लाखों रुपए के विकास कार्य केवल कागजों में ही दिखाए गए थे. जबकि किसी तरह का कोई विकास कार्य नहीं हुआ था. सभी विकास कार्यों का फर्जी बिल के आधार पर भुगतान भी आरोपियों ने उठा लिया था.

फर्जी कागजात तैयार कर लाखों रुपए के गबन का मामला
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Published : Jul 26, 2019, 8:00 PM IST

अजमेर. एसीबी की स्पेशल यूनिट ने साल 2018 में परिवादी किशन सिंह के परिवाद की जांच किया. मामले में अतीत मंड गांव के तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत, ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने साल 2013-14 में सांसद और विधायक कोष से स्वीकृत विकास कार्यों और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज और बिल तैयार किए थे. जबकि मौजूदा जगह पर वास्तविक रुप में कोई काम हुआ ही नहीं था.

फर्जी कागजात तैयार कर लाखों रुपए के गबन का मामला

वहीं जांच में सामने आया है कि छह जगहों पर विकास कार्यों को कागजों में अंजाम दिया गया था. इसमें गांव में सीसी रोड, सामुदायिक भवन, श्मशान घाट पर विश्राम गृह, माता जी के स्थान पर टीन शेड का निर्माण, पिपलाज माता के मार्ग पर सीसी रोड बनवाने. साथ ही गांव में सीसी रोड और नाली निर्माण के कार्यों के फर्जी बिल तैयार करवाकर उनका स्वीकृत पैसा भी तीनों आरोपियों ने गबन कर लिया था.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान पुलिस का बड़ा अधिकारी RPS महमूद खान 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक मामले की पंचायत समिति में भी जांच हुई थी. लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. साल 2018 में परिवादी किशन सिंह ने मामले की शिकायत एसीबी से की थी. एसीबी ने परिवाद की गहनता से जांच के बाद तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत, ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. एसीबी स्पेशल यूनिट के एएसपी मदन दान सिंह ने बताया कि मामले में अनुसंधान जारी है. उन्होंने बताया कि गांव में विकास कार्य की आड़ में तत्कालीन सरपंच और दो ग्राम सेवकों ने साढे दस लाख सरकारी रकम गबन कर ली है. तीनों आरोपियों के खिलाफ एसीबी का शिकंजा कभी भी कस सकता है.

अजमेर. एसीबी की स्पेशल यूनिट ने साल 2018 में परिवादी किशन सिंह के परिवाद की जांच किया. मामले में अतीत मंड गांव के तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत, ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने साल 2013-14 में सांसद और विधायक कोष से स्वीकृत विकास कार्यों और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज और बिल तैयार किए थे. जबकि मौजूदा जगह पर वास्तविक रुप में कोई काम हुआ ही नहीं था.

फर्जी कागजात तैयार कर लाखों रुपए के गबन का मामला

वहीं जांच में सामने आया है कि छह जगहों पर विकास कार्यों को कागजों में अंजाम दिया गया था. इसमें गांव में सीसी रोड, सामुदायिक भवन, श्मशान घाट पर विश्राम गृह, माता जी के स्थान पर टीन शेड का निर्माण, पिपलाज माता के मार्ग पर सीसी रोड बनवाने. साथ ही गांव में सीसी रोड और नाली निर्माण के कार्यों के फर्जी बिल तैयार करवाकर उनका स्वीकृत पैसा भी तीनों आरोपियों ने गबन कर लिया था.

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जानकारी के मुताबिक मामले की पंचायत समिति में भी जांच हुई थी. लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. साल 2018 में परिवादी किशन सिंह ने मामले की शिकायत एसीबी से की थी. एसीबी ने परिवाद की गहनता से जांच के बाद तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत, ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. एसीबी स्पेशल यूनिट के एएसपी मदन दान सिंह ने बताया कि मामले में अनुसंधान जारी है. उन्होंने बताया कि गांव में विकास कार्य की आड़ में तत्कालीन सरपंच और दो ग्राम सेवकों ने साढे दस लाख सरकारी रकम गबन कर ली है. तीनों आरोपियों के खिलाफ एसीबी का शिकंजा कभी भी कस सकता है.

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अजमेर। जिले के ब्यावर उपखंड में अतीत मंड ग्राम पंचायत में 6 साल पुराने ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी पैसे के गबन के चर्चित मामले में एसीबी ने तत्कालीन सरपंच और 2 ग्राम सेवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामले की पड़ताल में सामने आया है कि लाखों रुपए के विकास कार्य केवल कागजों में दिखाएं गए थे जबकि मौके पर किसी तरह का विकास कार्य नहीं हुआ था। जबकि उन सभी विकास कार्यों का फर्जी बिल के आधार पर भुगतान भी आरोपियों ने उठा लिया था।

अजमेर एसीबी की स्पेशल यूनिट ने 2018 में परिवादी किशन सिंह के परिवाद की जांच कर के मामले में अतीत मंड गांव के तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने वर्ष 2013-14 मैं सांसद और विधायक कोष से स्वीकृत विकास कार्यों और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज और बिल तैयार किए थे। जबकि मौजूदा जगह पर वास्तविक रूप में कोई काम हुए ही नहीं। पड़ताल में सामने आया है कि छह जगहों पर विकास कार्यों को कागजों में अंजाम दिया गया था। इसमें गांव में सीसी रोड सामुदायिक भवन श्मशान घाट पर विश्राम गृह और माता जी के स्थान पर टीन शेड का निर्माण, पिपलाज माता के मार्ग पर सीसी रोड बनवाने इसके अलावा गांव में सीसी रोड और नाली निर्माण के कार्यों के फर्जी बिल तैयार करवा कर उनका स्वीकृत पैसा भी तीनों आरोपियों ने गबन कर लिया था। जानकारी के अनुसार मामले की पंचायत समिति में भी जांच हुई थी लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो हजार अट्ठारह में परिवादी किशन सिंह ने मामले की शिकायत एसीबी से की थी। एसीबी ने परिवाद की गहनता से जांच के बाद तत्कालीन सरपंच प्रताप सिंह रावत ग्राम सेवक योगेश गुप्ता और सरदार मल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसीबी स्पेशल यूनिट के एएसपी मदन दान सिंह ने बताया कि मामले में अनुसंधान जारी है

बाइट मदन दान सिंह एएसपी अजमेर एसीबी स्पेशल यूनिट

बताया जा रहा है कि गांव में विकास कार्य की आड़ में तत्कालीन सरपंच और 2 ग्राम सेवकों ने साढे दस लाख सरकारी रकम गबन कर ली है। तीनों आरोपियों के खिलाफ एसीबी का शिकंजा कभी भी कस सकता है।


Body:प्रियांक शर्मा अजमेर


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