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चुनावी चटकारा अजमेर से : जानिए चाय की चुस्की के साथ जनता का मूड

ईटीवी भारत राजस्थान का चुनावी कार्यक्रम चुनावी चटखारे ने अजमेर की जनता का मूड जाना.

अजमेर से चुनावी चटकारा
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Published : Apr 6, 2019, 9:27 AM IST

अजमेर. चुनावी चौरस बिछ चुकी है. जहां कांग्रेस ने इस बार बाहरी प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला पर दाव खेला है, तो भाजपा ने विधानसभा चुनाव में काटे गए भागीरथ चौधरी को टिकट देकर अपना चेहरा बनाया है. लेकिन जनता का इस बार क्या मूड है, जनता क्या चाहती है, कौनसा उम्मीदवार चुनकर संसद में जाए जो शहर का विकास कर सकें. इसको जानने के लिए अजमेर की जनता से बात की हमारे संवाददाता ने.

युवाओं ने जहां इस बार चुनाव में मोदी फैक्टर काम करने की बात कही तो कुछ युवाओं ने विकास कार्यों को लेकर कहा कि चुनावी सर्वे में राजनेता व नेता वायदे तो काफी करते हैं, लेकिन उनको पूर्णता निभा नहीं जाता इस कारण देश तरक्की नहीं कर पा रही है. वहीं बेरोजगारी का मुद्दा भी इस बार तेज है. युवाओं का कहना है कि नौकरियां नहीं है बेरोजगारी दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है. बढ़ती बेरोजगारी का निराकरण अभी तक किसी भी सरकार ने नहीं निकाला है. बस चुनावी समय में पार्टियां जुमलेबाजी करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जाता.

अजमेर से चुनावी चटकारा

लोगों का मानना है कि इस बार स्थानीय मुद्दा ज्यादा हावी रहेगा. जहां इस बार कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने स्थानीय नेताओं को नकारते हुए बाहरी उम्मीदवार अजमेर में उतारा है. वहीं भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार को उतारते हुए जाट वोट बैंक जो कि पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट के पक्ष में थे वह अब भागीरथ चौधरी के सपोर्ट में आएंगे. विधानसभा चुनाव में दोनों ही विधायक अजमेर के होने के बाद भी शहर में किसी तरह के विकास कार्य नहीं हुए. वहीं लोगों का कहना है कि पानी का मुद्दा इस बार तेज रहेगा, साथ ही बिजली टाटा पावर के हाथों में दे दी गई है. जिसके बाद से लोगों का बिजली का बिल अधिक बढ़ने लगा है.

अजमेर. चुनावी चौरस बिछ चुकी है. जहां कांग्रेस ने इस बार बाहरी प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला पर दाव खेला है, तो भाजपा ने विधानसभा चुनाव में काटे गए भागीरथ चौधरी को टिकट देकर अपना चेहरा बनाया है. लेकिन जनता का इस बार क्या मूड है, जनता क्या चाहती है, कौनसा उम्मीदवार चुनकर संसद में जाए जो शहर का विकास कर सकें. इसको जानने के लिए अजमेर की जनता से बात की हमारे संवाददाता ने.

युवाओं ने जहां इस बार चुनाव में मोदी फैक्टर काम करने की बात कही तो कुछ युवाओं ने विकास कार्यों को लेकर कहा कि चुनावी सर्वे में राजनेता व नेता वायदे तो काफी करते हैं, लेकिन उनको पूर्णता निभा नहीं जाता इस कारण देश तरक्की नहीं कर पा रही है. वहीं बेरोजगारी का मुद्दा भी इस बार तेज है. युवाओं का कहना है कि नौकरियां नहीं है बेरोजगारी दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है. बढ़ती बेरोजगारी का निराकरण अभी तक किसी भी सरकार ने नहीं निकाला है. बस चुनावी समय में पार्टियां जुमलेबाजी करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जाता.

अजमेर से चुनावी चटकारा

लोगों का मानना है कि इस बार स्थानीय मुद्दा ज्यादा हावी रहेगा. जहां इस बार कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने स्थानीय नेताओं को नकारते हुए बाहरी उम्मीदवार अजमेर में उतारा है. वहीं भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार को उतारते हुए जाट वोट बैंक जो कि पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट के पक्ष में थे वह अब भागीरथ चौधरी के सपोर्ट में आएंगे. विधानसभा चुनाव में दोनों ही विधायक अजमेर के होने के बाद भी शहर में किसी तरह के विकास कार्य नहीं हुए. वहीं लोगों का कहना है कि पानी का मुद्दा इस बार तेज रहेगा, साथ ही बिजली टाटा पावर के हाथों में दे दी गई है. जिसके बाद से लोगों का बिजली का बिल अधिक बढ़ने लगा है.

Intro:अजमेर- चाय की चुस्की के साथ चुनावी चटकारा में जाना अजमेर की जनता का मूड

अजमेर लोकसभा सीट को लेकर चुनावी बिगुल चुका है जहां कांग्रेस ने इस बार बाहरी प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला पर दाव खेला है तो भाजपा ने विधानसभा चुनाव में काटे गए भागीरथ चौधरी के टिकट पर लोकसभा चुनाव मैं उनके ऊपर दाव खेला है ! लेकिन जनता का इस बार क्या मूड है जनता क्या चाहती है कौनसा उम्मीदवार चुनकर संसद में जाए जो शहर का विकास कर सके !


Body:युवाओं ने जहां इस बार चुनाव में मोदी फैक्टर काम करने की बात कही तो कुछ युवाओं ने विकास कार्यों को लेकर कहा कि चुनावी सर्वे में राजनेता व नेता वायदे तो काफी करते हैं लेकिन उनको पूर्णता निभा नहीं जाता इस कारण देश तरक्की नहीं कर पा रहा है !

वहीं बेरोजगारी का मुद्दा भी इस बार तेज है युवाओं का कहना है कि नौकरियां नहीं है बेरोजगारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है बढ़ती बेरोजगारी का निराकरण अभी तक किसी भी सरकार ने नहीं निकाला है बस चुनावी समय में पार्टियां जुमलेबाजी करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जाता !


Conclusion:लोगों का मानना है कि इस बार स्थानीय मुद्दा ज्यादा हावी रहेगा जहां इस बार कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा है कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने स्थानीय नेताओं को नकारते हुए बाहरी उम्मीदवार अजमेर में उतारा है वहीं भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार को उतारते हुए जाट वोट बैंक जो कि पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट के पक्ष में थे वह अब भागीरथ चौधरी के सपोर्ट में आएंगे !


विधानसभा चुनाव में दोनों ही विधायक अजमेर के होने के बाद भी शहर में किसी तरह के विकास कार्य नहीं हुए वहीं लोगों का कहना है कि पानी का मुद्दा इस बार तेज रहेगा साथ ही बिजली टाटा पावर के हाथों में दे दी गई है जिसके बाद से लोगों का बिजली का बिल अधिक बढ़ने लगा है


अब देखना होगा कि कौन अजमेर का सांसद बनता है और किसकी सत्ता सरकार में आती है !
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