ETV Bharat / city

अजमेरः दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान की अपील, कहा - रमजान में घर रहकर करें इबादत - घर पर ही करें दुआ

सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने देश के मुसलमानों से अपील की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 25 /26 अप्रैल से शुरू होने जा रहे रमजान के मुबारक महीने मे लोग अपने घरों में ही तरावीह पढ़े और सामूहिक रोजा इफ्तार से बचें.

ajmer news, hindi news, rajasthan news, दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान
दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान की अपील
author img

By

Published : Apr 21, 2020, 4:45 PM IST

अजमेर. दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने एक बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने देश के मुसलमानों से अपील की है कि वह रमजान में नमाज पढ़ने के लिए खास तौर से तरावीह के लिए मस्जिदों में ना जाएं.अपने घरों में ही रहकर नमाज पढ़ें और तरावीह के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें. किसी भी हालत मे सामूहिक रोजा इफ्तार ना करें और अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादतें करें.

दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान की अपील

उन्होंने लोगों से इस मौलिक बीमारी से निजात पाने की दुआएं करने के लिए भी कहा है. उन्होंने कहा कि आज पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है और केंद्र व राज्य सरकार हम सब को इस मौलिक बीमारी से बचाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है. इस बीमारी से बचने का एक ही उपाए है कि हम केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करें और अपने-अपने जिला प्रशासन का सहयोग करें.

उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म से सामुहिक रोजा इफ्तार का आयोजन ना करें, रोजा खोलते समय सिर्फ परिवार के लोग ही सही दूरी बनाते हुए रोजा खोलें. दरगाह दीवान ने कहा कि रोजों में तरावीह का एहतेमाम अपने-अपने घरों में ही करें और उसमें भी कम से कम लोग ही जमात में रहे. हर माता पिता यह भी सुनिश्चित करें कि रोजा इफ्तार के बाद या रातों को उनके नौजवान बच्चे घरों में ही रहें, किसी भी कारण से सड़कों या बाजारों में ना निकलें.

उन्होंने कहा की रमजान एक मुबारक महीना है. इसमें हम ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की रहमत और गुनाहों से बख्शीश हासिल कर सकते हैं. इसलिए में अपील करता हूं कि घरों में रह कर रोजे नमाज की पाबंदी रखें और अल्लाह से दुआ करें कि हमारा मुल्क इस मौलिक बीमारी से बचा रहे.

दरगाह दीवान ने कहा कि हर मुसलमान रमजान के महीने में अपनी जकात और फितरा निकाल कर गरीबों को देता है. आज समय की आवश्यकता है कि हम सब अपनी अपनी हैसियत के अनुसार ज्यादा से ज्यादा गरीबों व जरूरतमंदों तक उस पैसे को पहुंचाए, ताकि उनको दो वक्त की रोटी मिल सके.

पढ़ेंः दर्द ही दर्द...! बेबस पाक विस्थापित भूखमरी में दिन गुजारने को मजबूर

दरगाह दीवान ने देश की तमाम दरगाहों के सज्जादानशीन और वहां के इंतेजामियां को भी हिदायत दी है कि केंद्र व राज्य सरकारों के दिशानिर्देशों की सख्ती से पालना करें. साथ ही देश में अपने-अपने प्रदेशों व अपने शहरों में लोगों को रमजान में नमाज व तरावीह अपने घरों में पढ़ने को कहें. साथ ही कही कि सामूहिक रोजा, इफ्तार ना हो, इसके लिए लोगों को जागरुक करें. दीवान ने कहा कि अल्लाह हम सब देशवासियों की हिफाजत करें और हम सबको हमारे देश को इस बीमारी से जल्द से जल्द निजात मिले.

अजमेर. दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने एक बयान जारी किया है. जिसमें उन्होंने देश के मुसलमानों से अपील की है कि वह रमजान में नमाज पढ़ने के लिए खास तौर से तरावीह के लिए मस्जिदों में ना जाएं.अपने घरों में ही रहकर नमाज पढ़ें और तरावीह के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें. किसी भी हालत मे सामूहिक रोजा इफ्तार ना करें और अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादतें करें.

दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान की अपील

उन्होंने लोगों से इस मौलिक बीमारी से निजात पाने की दुआएं करने के लिए भी कहा है. उन्होंने कहा कि आज पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है और केंद्र व राज्य सरकार हम सब को इस मौलिक बीमारी से बचाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है. इस बीमारी से बचने का एक ही उपाए है कि हम केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करें और अपने-अपने जिला प्रशासन का सहयोग करें.

उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म से सामुहिक रोजा इफ्तार का आयोजन ना करें, रोजा खोलते समय सिर्फ परिवार के लोग ही सही दूरी बनाते हुए रोजा खोलें. दरगाह दीवान ने कहा कि रोजों में तरावीह का एहतेमाम अपने-अपने घरों में ही करें और उसमें भी कम से कम लोग ही जमात में रहे. हर माता पिता यह भी सुनिश्चित करें कि रोजा इफ्तार के बाद या रातों को उनके नौजवान बच्चे घरों में ही रहें, किसी भी कारण से सड़कों या बाजारों में ना निकलें.

उन्होंने कहा की रमजान एक मुबारक महीना है. इसमें हम ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की रहमत और गुनाहों से बख्शीश हासिल कर सकते हैं. इसलिए में अपील करता हूं कि घरों में रह कर रोजे नमाज की पाबंदी रखें और अल्लाह से दुआ करें कि हमारा मुल्क इस मौलिक बीमारी से बचा रहे.

दरगाह दीवान ने कहा कि हर मुसलमान रमजान के महीने में अपनी जकात और फितरा निकाल कर गरीबों को देता है. आज समय की आवश्यकता है कि हम सब अपनी अपनी हैसियत के अनुसार ज्यादा से ज्यादा गरीबों व जरूरतमंदों तक उस पैसे को पहुंचाए, ताकि उनको दो वक्त की रोटी मिल सके.

पढ़ेंः दर्द ही दर्द...! बेबस पाक विस्थापित भूखमरी में दिन गुजारने को मजबूर

दरगाह दीवान ने देश की तमाम दरगाहों के सज्जादानशीन और वहां के इंतेजामियां को भी हिदायत दी है कि केंद्र व राज्य सरकारों के दिशानिर्देशों की सख्ती से पालना करें. साथ ही देश में अपने-अपने प्रदेशों व अपने शहरों में लोगों को रमजान में नमाज व तरावीह अपने घरों में पढ़ने को कहें. साथ ही कही कि सामूहिक रोजा, इफ्तार ना हो, इसके लिए लोगों को जागरुक करें. दीवान ने कहा कि अल्लाह हम सब देशवासियों की हिफाजत करें और हम सबको हमारे देश को इस बीमारी से जल्द से जल्द निजात मिले.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.