अजमेर. लॉकडाउन बढ़ने की संभावना को देखते हुए नगर निगम के मेयर ने दोनों ही दल के पार्षदों के साथ बैठक आयोजित की. बैठक के दौरान पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर खाद्य सामग्री के किट वितरण के मामले में जनता की अनदेखी का आरोप लगाया. बैठक में परिभ्रमण प्रस्ताव पारित कर जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री के किट उपलब्ध करवाने के लिए पार्षदों के फंड से 1-1 लाख रुपये देने की सहमति बनी.
जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में बीएलओ के सर्वे के आधार पर जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री के किट वितरित किए गए थे. साथ ही विधायकों ने भी अपने क्षेत्र में फंड से जरूरतमंदों को किट वितरित किए हैं. उसके बावजूद कई जरूरतमंद रह गए हैं, उन्हें नगर निगम की ओर से हर वार्ड में खाद्य सामग्री के पैकेट बांटे जाएंगे.
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वहीं बैठक में पार्षदों ने प्रत्येक वार्ड में जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की है. पार्षद नीरज जैन ने बताया कि वार्डों में ऐसे कई जरूरतमंद हैं, जिनके पास राशन कार्ड हैं, आधार कार्ड हैं. लेकिन उन्हें सरकार की ओर से राशन नहीं मिल रहा है. ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए राशन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए सभी पार्षदों ने वार्ड वार लिस्ट बनाकर नगर निगम प्रशासन को सौंपी थी. जिसको प्रशासन ने खारिज कर दिया है.
![Ajmer Municipal Corporation News, अजमेर नगर निगम की बैठक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-ajm-priyank-nagarnigam-02-pkg-7201708_01052020153431_0105f_1588327471_1081.jpg)
वहीं नगर निगम मेयर धर्मेंद्र गहलोत ने बताया कि अक्षय पात्र फाउंडेशन के सहयोग से सभी वार्डों में जरूरतमंद लोगों को सुबह शाम 9-9 हजार खाने के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं. गहलोत ने बताया कि अक्षय पात्र अभी तक 10 रुपये प्रति फूड पैकेट ले रहा था. 3 मई से लॉक डाउन के बढ़ने की संभावना को देखते हुए अक्षय पात्र ने भोजन के प्रति पैकेट की दर में 5 रुपये की वृद्धि की है, इसलिए परिभ्रमण प्रस्ताव पर पार्षदों की सहमति मिल चुकी है.
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उन्होंने बताया कि सभी कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद अपने फंड से 1-1 लाख रुपए देंगे. इसमें जरूरतमंदों को वार्डवार खाद्य सामग्री के किट भी दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री किट देने के लिए जरूरतमंदों को चिन्हित करने का क्राइटेरिया ही खत्म हो गया है. लॉकडाउन को लंबा समय बीत चुका है. अब ऐसे कई लोग जरूरतमंदों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं, जो पहले नहीं थे.
बैठक में नहीं हुई सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
पार्षद दल की बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं की गई. एक हॉल में हुई बैठक में 45 से भी ज्यादा पार्षद शामिल थे. भले ही बैठक का उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करने का रहा हो, लेकिन पार्षदों की लापरवाही भारी भी पड़ सकती है.