अजमेर. कोरोना संकट के बीच लगभग सभी व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन अजमेर शहर के बीचोबीच आनासागर झील में बोटिंग शुरू नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि देसी पर्यटकों के लिए झील में बोटिंग का लुत्फ उठाना एक आकर्षण था. लेकिन, पहले विवाद और बाद में कोरोना की वजह से झील में बोट की गति ऐसी रुकी कि आज तक थमी हुई है.
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आनासागर झील से सटे बारादरी पर केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने पर्यटकों के लिए टिकट लगा दिया गया है. बोटिंग के लिए जाने का रास्ता बारादरी से होकर गुजरता है यानी झील में बोटिंग की सैर करने के लिए पर्यटकों को पहले 12 तारीख का टिकट लेना होगा. उसके बाद बोटिंग का शुल्क अदा करना पड़ेगा. प्रशासन इस पेचीदगी को नहीं सुलझा पाया है. 11 माह से बंद आनासागर झील में बोटिंग फिर से शुरू होने की उम्मीद में फर्म के लोगों ने बोट ठीक भी करवा ली है.
फर्म के प्रतिनिधि ने बताया कि झील में बोटिंग बन्द होने से प्रतिदिन 20 से 25 हजार का नुकसान प्रतिदिन हो रहा है और 9 कर्मचारियों को बिना काम के वेतन देना पड़ रहा है. केंद्रीय पुरात्तव विभाग के बारादरी में जाने के लिए 25 रुपये प्रति व्यक्ति टिकट लगा देने और बोट तक जाने का रास्ता बंद देने से भी मामला पेचीदा हो गया है. इस कारण अजमेर आने वाले देसी पर्यटकों को आनासागर झील में बोटिंग का लुत्फ उठाने का मौका कब मिलेगा, फिलहाल कहा नहीं जा सकता.
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बता दें कि अजमेर की खूबसूरत आनासागर झील में 10 तरह की बोट संचालित की जा रही थी. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लॉकडाउन से पहले स्पीड बोट भी शुरू की गई थी. झील में बोटिंग संचालित करने के लिए उदयपुर की एक फर्म को 1 करोड़ 60 लाख रुपये में ठेका दिया गया था.