अजमेर. कोरोना महामारी के चलते जिस तरह से प्रदेश भर में लॉकडाउन घोषित किया गया था. उसके बाद सभी बाजारों सहित मॉल्स, रेस्टोरेंट्स और शराब के ठेके सहित सभी को बंद कर दिया गया था. हाल ही में राजस्थान सरकार ने व्यापार करने वालों को राहत देते हुए शराब के ठेके भी खोल दिए हैं. लेकिन बार संचालकों को किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई.
बार संचालकों का कहना है कि जब से प्रदेश भर में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब से अभी तक उनके बार बंद हैं. बार को आबकारी विभाग ने सील कर रखा है. सरकार की तरफ से राहत ना मिलने के चलते अब बार संचालकों की आर्थिक हालत बिगड़ने लगी है.
अजमेर जिले में करीब 80 बार संचालित
अजमेर की बात की जाए तो यहां लगभग 80 बार संचालित होते हैं. एक बार में 6 से 10 कर्मचारी कार्य करते हैं, जिनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो चुका है. साथ ही अभी तक बार संचालकों को राजस्थान सरकार की गाइडलाइन में किसी प्रकार की राहत भी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से रेस्टोरेंट और मॉल्स में छूट दी गई है, उसी प्रकार बार संचालकों को भी राहत देने का कार्य किया जाए. अजमेर शहर की अगर बात की जाए तो जिले में लगभग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 80 बार संचालित है. जिसमें अजमेर शहर की अगर बात की जाए तो यहां पर 25 बार संचालित है. जिसमें पुष्कर में 15, केकड़ी में 2, किशनगढ़ में 7, ब्यावर में 4 इस तरह से जिले भर में 80 बार संचालकों की रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है.
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तीन महीने से काम ठप, करोड़ों का घाटा
बार संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले करीब तीन महीने से पूरी तरह से कार्य बंद पड़ा है. बावजूद इसके भी कर्मचारी और लेबरों की तनख्वाह देनी पड़ रही है. बिजली के बिलों को भी भरना पड़ रहा है. अब ऐसे में जिले भर में बार संचालकों को करोड़ों रुपए का घाटा हुआ है. उन्होंने बताया कि समय के साथ-साथ ना तो उनकी कमाई हो पाई है और बिना कमाए ही काफी अधिक उनको घाटा हुआ है.
इन महीनों में खूब चलता है बार
व्यापारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल, मई और जून का महीना ही उनके लिए काफी फायदेमंद का सौदा रहता है, जिसमें उनका माल की अधिक मात्रा में खपत होती है. क्योंकि गर्मी रहती हुए ठंडे पेय पदार्थ का सभी सेवन करते हैं. इसको देखते हुए उनको इस बार काफी हानि हुई है और यह पूरा का पूरा सीजन भी उनका खत्म हो चुका है. वहीं इन महीनों में ही अधिक शादी समारोह का आयोजन होता है, जिसमें बार का संचालन भी किया जाता है. लेकिन ऐसे में इस बार उनका काफी अधिक नुकसान हुआ है.
लाखों का माल हो रहा खराब
बार संचालकों की मानें तो अभी भी बार में लाखों का माल पड़ा हुआ है, जो कि खराब हो रहा है. लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा किसी तरह की गाइडलाइन को जारी नहीं किया गया कि कम से कम बार संचालक अपना माल तो बाहर निकाल लें. अब ऐसे में उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो चुकी है. उनका कहना है कि अगर ऐसे ही दुकानों में माल पड़ा रहा तो पूरा खराब हो जाएगा. बार संचालकों की मांग है कि जिन नियमों के तहत रेस्टोरेंट्स और मॉल्स को खोला गया. उन्हीं नियमों के तहत बार भी खोलने की अनुमति दी जाए.