अजमेर. जिले की दरगाह कमेटी की ओर से आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले 6 लोगों के आवेदनों पर जवाब नहीं देने की पाबंदी लगा दी गई. जिसपर इन लोगों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से इस मामले की शिकायत की है. उन्होंने कमेटी की ओर से आरटीआई एक्ट का उल्लंघन करने और कमेटी की ओर से की जा रही अनियमितताओं की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.
आरटीआई कार्यकर्ता खादिम सैयद पीर नफीस मियां चिश्ती, काजी मुनव्वर अली और उस्मान घड़ियाली ने मीडिया से बातचीत में दरगाह कमेटी की ओर से उनके आवेदनों का जवाब नहीं देने पर लगाई गई पाबंदी पर नाराजगी व्यक्त की. साथ ही कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने विभागों की तानाशाही, अनियमितताओं, लापरवाही और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आरटीआई एक्ट को लागू किया था. दरगाह कमेटी के कार्यो में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के लिए आरटीआई के तहत आवेदन कर समय-समय पर सूचनाएं प्राप्त की जा रही है.
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कमेटी के जवाब में अनेक ऐसे तथ्य भी मिले हैं जिसमें कमेटी कार्यालय में अनियमितताओं का खुलासा हुआ. कमेटी के जवाबों से प्राप्त दस्तावेजों को जब केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों सहित सूचना आयुक्त तक उपयोग किए गए तो कमेटी और उसके कर्मचारियों ने उनके विरुद्ध कार्रवाई होने पर भय व्याप्त हो गया. उन्होंने कहा की दरगाह नाजिम ने कमेटी सदर अमीन खान पठान के निर्देश पर उनके आवेदनों पर जवाब नहीं देने का आदेश जारी कर उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. इस आदेश से उनकी मानहानि हुई है. जिसके लिए वह अदालत की शरण लेंगे.
उन्होंने बताया कि वह उनके साथी स्वर्गीय श्री शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती काजी अनवर अली, जय किशन मंघानी और हरदा निवासी शेख यूसुफ दरगाह कमेटी में दानदाताओं से हो रही आय और उसका अनुचित उपयोग कर रही कमेटी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की है. उन्होंने कहा कि कमेटी की बैठकों के नाम पर हो रहे खर्च पर अंकुश लगाने का प्रयास किया तो कमेटी ने उन पर पाबंदी लगा दी है.