अजमेर. प्रदेश में नगर निगम चुनाव का बिगुल बज चुका है. अजमेर में भी चुनावी सरगर्मियां तेज होने लगी है. चुनाव में आवश्यक है कार्यकर्ता और दूसरा चुनाव प्रचार सामग्री. अजमेर में नगर निगम चुनाव को देखते हुए चुनाव प्रचार सामग्री भी तैयार है. कई पुराने दिग्गजों ने टिकट मिलने की उम्मीद में चुनाव सामग्री के आर्डर दे दिए हैं. ज्यादातर कार्यकर्ता टिकट मिलने के बाद चुनाव प्रचार सामग्री खरीदेंगे. कोरोना के चलते इस बार चुनाव प्रचार का नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. इस बार चुनाव सामग्री में मास्क, टोपी, मफलर समेत ट्रैक सूट भी पार्टियों के लिए हथियार बने हैं.
चुनाव प्रचार सामग्री से सजी दुकानें...
अजमेर नगर निगम चुनाव के लिए 11 जनवरी से नामांकन दाखिल होंगे. हालांकि, अभी तक कांग्रेस और भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है. चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार सामग्री किसी भी पार्टी के उम्मीदवार के लिए महत्वपूर्ण रहती है. यही वजह है कि बाजार में चुनाव प्रचार सामग्री की दुकानें सजने लगी हैं. दुकानों पर हर प्रकार की चुनाव प्रचार सामग्री दुकान पर मौजूद है. हैंड बैंड, दुपट्टा, मफलर, बेच, झंडे-बैनर के अलावा पोस्टर तक छापने की व्यवस्था तक है.
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मास्क से लेकर ट्रैक सूट तक तैयार...
![ajmer municipal corporation election, new trend of election campaign](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-ajm-priyank-chunavsamagri-01-wt-7201708_09012021151204_0901f_01451_959.jpg)
चुनाव प्रचार सामग्री में इस बार कोरोना और सर्दी को देखते हुए कुछ नया भी देखने को मिल रहा है. कोरोना से बचाव के लिए पार्टी संबंधित मास्क प्रिंट करवाने की भी व्यवस्था है. सर्दी से बचाव के लिए ऊनी टोपी या मफलर और ट्रैक सूट भी है. दुकानदार आदित्य ने बताया कि नगर निगम चुनाव को देखते हुए जो पहले से ही टिकट के लिए आश्वस्त हैं, उन लोगों ने चुनाव प्रचार सामग्री के आर्डर दे दिए हैं. उन्होंने बताया कि राजनीतिक पार्टियों ने अभी तक टिकट फाइनल नहीं किए हैं. ऐसे में जो नए उम्मीदवार हैं, उन्हें भी चुनाव प्रचार सामग्री की आवश्यकता होगी. दुकानदारों को उम्मीद है कि नगर निगम चुनाव में चुनाव प्रचार सामग्री की बिक्री अच्छी खासी होगी.
भाजपा को उम्मीदवार की तलाश, कांग्रेस असमंजस में...
बता दें कि नामांकन को लेकर अब समय कम ही रह गया है. भाजपा ने सभी मंडल अध्यक्षों को उनके क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बायोडाटा लेने के लिए कहा है. भाजपा ने 80 वार्डों में उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश में सर्वे भी करवाया है. इधर, कांग्रेस में हारे हुए विधायक प्रत्याशियों के भरोसे हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ता असमंजस में है कि किसे बायोडाटा थमाया जाए. दरअसल, कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी बन चुकी है, लेकिन जिले के अध्यक्ष और कार्यकारिणी अभी नहीं बनी है.
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निवर्तमान कार्यकारिणी अस्तित्व में है, लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव होने के बाद वह भी निष्क्रिय हो गई है. ऐसे में अजमेर उत्तर से विधायक का चुनाव हारे महेंद्र सिंह रलावता और अजमेर दक्षिण क्षेत्र से दो बार विधायक का चुनाव हारे हेमंत भाटी को कार्यकर्ता अपना बायोडाटा थमा रहे हैं. सीएम अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती और डॉ. राजकुमार जयपाल को भी कार्यकर्ता बायोडाटा दे रहे हैं.
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निर्दलीय भी तैयार...
कई निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार है. फिलहाल, सबकी नजर अब कांग्रेस और भाजपा की ओर से जारी होने वाली उम्मीदवारों की सूची पर टिकी हुई है.