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अजमेर में भारी बारिश...पानी में डूबी कॉलोनियां

अजमेर में गुरुवार को हुई 4 इंच बारिश ने शहर का हाल बिगाड़ दिया है. बारिश को थमे हुए 24 घंटे बीत चुके हैं. लेकिन, अभी भी शहर की कई कॉलोनियों में 3 से 4 फीट पानी भरा हुआ है. जिसे पंपसेट के द्वारा आनासागर में छोड़ा जा रहा है.

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Published : Aug 2, 2019, 2:09 PM IST

अजमेर. गुरुवार को हुई बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. 4 इंच बारिश ने 3 वर्ष से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने का ढिंढोरा पीट रहे जिम्मेदारों की पोल खोल दी है. शहर में कई ऐसी कॉलोनियां है जहां बरसात का पानी मकानों के अंदर 3 फीट तक भर गया है जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है. अजमेर की वैशाली नगर स्थित वार्ड 52 में पिछले 4 वर्षों से लगातार बरसात में जलमग्न हो जाती है. इलाके में पानी की निकासी का कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है.


मेयर धर्मेंद्र गहलोत इस वार्ड से ही जीत कर मेयर बने थे. पर क्षेत्र की सबसे बड़े परेशानी का हल नहीं निकाल सके. क्षेत्र की समस्या है कि आना सागर झील के पानी का स्तर क्षेत्र से ऊंचा है. लिहाजा 12 महीने ही क्षेत्र में पानी की नमी बनी रहती है और बरसात के दिनों में यहां बाढ़ से हालात हो जाते हैं.

अजमेर में हुई 4 इंच बारिश से आनासागर के समीप की कॉलोनियां तरबतर


जिला कलेक्टर पहुंचे जायजा लेने
जलमग्न हुई कॉलोनियों का जायजा लेने अजमेर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा एडीएम सिटी अरविंद सेंगवा, नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल पहुंची. उन्होंने आनासागर पाथ वे से पूरे क्षेत्र का जायजा लिया और क्षेत्र से दर्जनों पंपसेट के जरिए निकाले जा रहे पानी की व्यवस्था को देखा.

ईटीवी भारत से बातचीत में कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि कॉलोनी डूब क्षेत्र में है जिस वजह से बारिश का पानी यहां भर जाता है. कलेक्टर ने माना कि कॉलोनी में इस तरह की अव्यवस्था का स्थाई समाधान निकालना जरूरी है.

पंपसेट से पानी निकालना अस्थाई समाधान

वहीं नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि दर्जनों पंपसेट के जरिए क्षेत्र का पानी आनासागर झील में निकाला जा रहा है, लेकिन यह अस्थाई समाधान है. कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम के स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी.

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कॉलोनी के समीप ही हाउसिंग बोर्ड के मकान है. हाउसिंग बोर्ड से मकान खरीद कर यहां रह रहे हैं. लेकिन, हमेशा बारिश के दिनों में बाढ़ का सामना करना पड़ता है.


अवैध निर्माण को दी हरी झंड़ी, पर नहीं सुधारा ड्रेनेज सिस्टम

आनासागर झील में काश्त भूमि के मालिकों ने अवैध रूप से वर्षों पहले लोगों को जमीन बेच दी थी. इलाके में सक्रिय भूमाफियाओं ने भी क्षेत्र में जमीनें खरीद कर बेचने में काफी चांदी कुटी. लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही के चलते आनासागर झील के चारों ओर पाथवे बनाकर इसका दायरा तय कर दिया गया. और जो अवैध कॉलोनियां बनी थी उन्हें हरी झंडी दे दी गई. लेकिन, क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम में कोई सुधार अब तक नहीं किया गया.

अजमेर. गुरुवार को हुई बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. 4 इंच बारिश ने 3 वर्ष से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने का ढिंढोरा पीट रहे जिम्मेदारों की पोल खोल दी है. शहर में कई ऐसी कॉलोनियां है जहां बरसात का पानी मकानों के अंदर 3 फीट तक भर गया है जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है. अजमेर की वैशाली नगर स्थित वार्ड 52 में पिछले 4 वर्षों से लगातार बरसात में जलमग्न हो जाती है. इलाके में पानी की निकासी का कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है.


मेयर धर्मेंद्र गहलोत इस वार्ड से ही जीत कर मेयर बने थे. पर क्षेत्र की सबसे बड़े परेशानी का हल नहीं निकाल सके. क्षेत्र की समस्या है कि आना सागर झील के पानी का स्तर क्षेत्र से ऊंचा है. लिहाजा 12 महीने ही क्षेत्र में पानी की नमी बनी रहती है और बरसात के दिनों में यहां बाढ़ से हालात हो जाते हैं.

अजमेर में हुई 4 इंच बारिश से आनासागर के समीप की कॉलोनियां तरबतर


जिला कलेक्टर पहुंचे जायजा लेने
जलमग्न हुई कॉलोनियों का जायजा लेने अजमेर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा एडीएम सिटी अरविंद सेंगवा, नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल पहुंची. उन्होंने आनासागर पाथ वे से पूरे क्षेत्र का जायजा लिया और क्षेत्र से दर्जनों पंपसेट के जरिए निकाले जा रहे पानी की व्यवस्था को देखा.

ईटीवी भारत से बातचीत में कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि कॉलोनी डूब क्षेत्र में है जिस वजह से बारिश का पानी यहां भर जाता है. कलेक्टर ने माना कि कॉलोनी में इस तरह की अव्यवस्था का स्थाई समाधान निकालना जरूरी है.

पंपसेट से पानी निकालना अस्थाई समाधान

वहीं नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि दर्जनों पंपसेट के जरिए क्षेत्र का पानी आनासागर झील में निकाला जा रहा है, लेकिन यह अस्थाई समाधान है. कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम के स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी.

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कॉलोनी के समीप ही हाउसिंग बोर्ड के मकान है. हाउसिंग बोर्ड से मकान खरीद कर यहां रह रहे हैं. लेकिन, हमेशा बारिश के दिनों में बाढ़ का सामना करना पड़ता है.


अवैध निर्माण को दी हरी झंड़ी, पर नहीं सुधारा ड्रेनेज सिस्टम

आनासागर झील में काश्त भूमि के मालिकों ने अवैध रूप से वर्षों पहले लोगों को जमीन बेच दी थी. इलाके में सक्रिय भूमाफियाओं ने भी क्षेत्र में जमीनें खरीद कर बेचने में काफी चांदी कुटी. लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही के चलते आनासागर झील के चारों ओर पाथवे बनाकर इसका दायरा तय कर दिया गया. और जो अवैध कॉलोनियां बनी थी उन्हें हरी झंडी दे दी गई. लेकिन, क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम में कोई सुधार अब तक नहीं किया गया.

Intro:अजमेर। अजमेर में गुरुवार को हुई 4 इंच बारिश ने शहर के हालात बिगाड़ दिये है। स्मार्ट सिटी बन रहे अजमेर अजमेर में बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बारिश को थमे हुए 24 घंटे बीत चुके हैं लेकिन अभी भी शहर की कई कॉलोनियों में 3 से 4 फीट पानी भरा हुआ है। जलमग्न हुई इन कॉलोनियों को बसे 30 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अजमेर का प्रशासन कोई स्थाई समाधान नहीं खोज पाया है नतीजन आज भी लोगों को बारिश के दिनों में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।

अजमेर में गुरुवार को हुई बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। कहने को अजमेर स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर है लेकिन गुरुवार को हुई 4 इंच बारिश ने 3 वर्ष से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने का ढिंढोरा पीट रहे जिम्मेदारों की तमाम धागों की पोल खोल दी है बारिश से सड़कों को दरिया बनते हुए आपने देखा लेकिन शहर में कई ऐसी कॉलोनियां है जहां बरसात का पानी मकानों के अंदर 3 फीट तक भर गया जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है। अजमेर की वैशाली नगर स्थित वार्ड 52 जिसने नगर निगम को मेयर दिया है। मेयर धर्मेंद्र गहलोत इस वार्ड से ही जीत कर मेयर बने थे लेकिन पिछले 4 वर्षों में वे भी हमेशा बरसात में जलमग्न होने वाले उनके वार्ड से पानी की निकासी का कोई स्थायी समाधान नही हो खोज पाए। क्षेत्र की सबसे बड़े परेशानी यह है कि आना सागर झील के पानी का स्तर क्षेत्र से ऊंचा है लिहाजा 12 महीने ही क्षेत्र में पानी की नमी बनी रहती है और बरसात के दिनों में यहां बाढ़ से हालात हो जाते हैं। जलमग्न हुई कॉलोनियों का जायजा लेने अजमेर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा एडीएम सिटी अरविंद सेंगवा, नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल पहुंची। उन्होंने आनासागर पाथवे से पूरे क्षेत्र का जायजा लिया और क्षेत्र से दर्जनों पंपसेट के जरिए निकाले जा रहे पानी की व्यवस्था को देखा। ईटीवी भारत से बातचीत में कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि कॉलोनी डूब क्षेत्र में है जिस वजह से बारिश का पानी यहां भर जाता है कलेक्टर ने माना कि कॉलोनी में इस तरह की अव्यवस्था का स्थाई समाधान निकालना जरूरी है। ईटीवी भारत से बातचीत में नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि दर्जनों पंपसेट के जरिए क्षेत्र का पानी आनासागर झील में निकाला जा रहा है लेकिन यह अस्थाई समाधान है। कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम के स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। ईटीवी भारत में क्षेत्र के लोगों से भी बातचीत की। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कॉलोनी के समीप ही हाउसिंग बोर्ड के मकान है लोगों ने हाउसिंग बोर्ड से मकान खरीद कर यहां रह रहे हैं लेकिन हमेशा लोगों को बारिश के दिनों में बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है लोगों को काफी नुकसान हो रहा है बावजूद इसके प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता है जबकि अजमेर नगर निगम के मेयर भी इसी वार्ड से आते हैं। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि बरसात के बावजूद जब कॉलोनियों में पानी भर गया इसकी सूचना पंप हाउस पर मौजूद कर्मी को दी गई बावजूद इसके पंप कर्मी ने पंप नहीं चलाया जिस वजह से क्षेत्र में लगातार पानी भरता गया। क्षेत्रवासियों की मांग है कि इस कॉलोनी में बाढ़ के पानी से निजात दिलाने के लिए स्थाई समाधान होना चाहिए....

वाक थ्रू

आनासागर की काश्त भूमि में वर्षो से कॉलोनियों बसती रही और प्रशासन सोता रहा अब पाथवे बनाकर दायरा भी बना दिया ...

आनासागर झील में काश्त भूमि के मालिकों ने अवैध रूप से वर्षो पहले लोगों को जमीन बेच दी। वही इलाके में सक्रिय भूमाफियाओं ने भी क्षेत्र में जमीनें खरीद कर बेचने में काफी चांदी कुटी। वही प्रशासनिक लापरवाही दिखिए की आनासागर का दायरा तय करते हुए आनासागर झील के चारो ओर पाथवे बनाकर इसका दायरा तय कर दिया गया और जो अवैध कॉलोनियां बनी थी उन्हें हरि झंडी दे दी। लेकिन क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम को नही सुधारा।


Body:प्रियांक शर्मा


Conclusion:
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