अजमेर. गुरुवार को हुई बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. 4 इंच बारिश ने 3 वर्ष से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने का ढिंढोरा पीट रहे जिम्मेदारों की पोल खोल दी है. शहर में कई ऐसी कॉलोनियां है जहां बरसात का पानी मकानों के अंदर 3 फीट तक भर गया है जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है. अजमेर की वैशाली नगर स्थित वार्ड 52 में पिछले 4 वर्षों से लगातार बरसात में जलमग्न हो जाती है. इलाके में पानी की निकासी का कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है.
मेयर धर्मेंद्र गहलोत इस वार्ड से ही जीत कर मेयर बने थे. पर क्षेत्र की सबसे बड़े परेशानी का हल नहीं निकाल सके. क्षेत्र की समस्या है कि आना सागर झील के पानी का स्तर क्षेत्र से ऊंचा है. लिहाजा 12 महीने ही क्षेत्र में पानी की नमी बनी रहती है और बरसात के दिनों में यहां बाढ़ से हालात हो जाते हैं.
जिला कलेक्टर पहुंचे जायजा लेने
जलमग्न हुई कॉलोनियों का जायजा लेने अजमेर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा एडीएम सिटी अरविंद सेंगवा, नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल पहुंची. उन्होंने आनासागर पाथ वे से पूरे क्षेत्र का जायजा लिया और क्षेत्र से दर्जनों पंपसेट के जरिए निकाले जा रहे पानी की व्यवस्था को देखा.
ईटीवी भारत से बातचीत में कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि कॉलोनी डूब क्षेत्र में है जिस वजह से बारिश का पानी यहां भर जाता है. कलेक्टर ने माना कि कॉलोनी में इस तरह की अव्यवस्था का स्थाई समाधान निकालना जरूरी है.
पंपसेट से पानी निकालना अस्थाई समाधान
वहीं नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि दर्जनों पंपसेट के जरिए क्षेत्र का पानी आनासागर झील में निकाला जा रहा है, लेकिन यह अस्थाई समाधान है. कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम के स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी.
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कॉलोनी के समीप ही हाउसिंग बोर्ड के मकान है. हाउसिंग बोर्ड से मकान खरीद कर यहां रह रहे हैं. लेकिन, हमेशा बारिश के दिनों में बाढ़ का सामना करना पड़ता है.
अवैध निर्माण को दी हरी झंड़ी, पर नहीं सुधारा ड्रेनेज सिस्टम
आनासागर झील में काश्त भूमि के मालिकों ने अवैध रूप से वर्षों पहले लोगों को जमीन बेच दी थी. इलाके में सक्रिय भूमाफियाओं ने भी क्षेत्र में जमीनें खरीद कर बेचने में काफी चांदी कुटी. लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही के चलते आनासागर झील के चारों ओर पाथवे बनाकर इसका दायरा तय कर दिया गया. और जो अवैध कॉलोनियां बनी थी उन्हें हरी झंडी दे दी गई. लेकिन, क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम में कोई सुधार अब तक नहीं किया गया.