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Ajmer political appointments: अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) की कुर्सी के लिए कवायद...लामबंद हुए गहलोत, पायलट और रघु शर्मा गुट के नेता - Reorganization of Gehlot Cabinet

रघु शर्मा के गुजरात प्रभारी बनने के बाद अजमेर जिले के सियासी समीकरण भी बदल गए है. गहलोत कैबिनेट के पुनर्गठन (Reorganization of Gehlot Cabinet) बाद अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) अध्यक्ष, शहर और देहात कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गहलोत, पायलट और रघु शर्मा गुट से जुडे़ के नेता सक्रिय हो रहे हैं.

Ajmer political appointments
ADA की कुर्सी के लिए कवायद
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Published : Nov 30, 2021, 10:00 PM IST

अजमेर. गहलोत कैबिनेट के पुनर्गठन (Reorganization of Gehlot Cabinet) के जिले में राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद तेज हो गई है. सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा गुट के माने जाने वाले स्थानीय कांग्रेसी नेता और पदाधिकारी नियुक्तियां पाने के लिए सक्रिय हो गए है.

पहले अजमेर कांग्रेस की कमान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के हाथ में थी. पायलट के बाद कमान डॉ. रघु शर्मा के हाथ में आ गई. डॉ. शर्मा के गुजरात कांग्रेस के प्रभारी बनने के बाद क्या अब भी उनका अजमेर में दबदबा बरकरार रहेगा? इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं आम है. डॉ. रघु शर्मा के मंत्री पद से हटने के बाद अजमेर जिले को गहलोत सरकार में प्रतिनिधित्व नही मिला है. यह देखने वाली बात होगी कि जिले में राजनीतिक और संगठनात्मक नियुक्तियों में रघु शर्मा और पायलट में से किसकी चलेगी. अजमेर में शहर और देहात कांग्रेस को लेकर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे है.

पढ़ें- राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने गुजरात कांग्रेस के लिए बनाई 'विशेष' रणनीति, ईटीवी भारत से साझा की राय
अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) के अध्यक्ष पद एवं संगठन में अजमेर शहर और देहात अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल कांग्रेसियों को नियुक्तियों का लंबे समय से इंतजार है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि तीनों महत्वपूर्ण पदों पर नामों को लेकर सहमति बन गई है. जल्द घोषणा हो सकती है. माना जा रहा है कि डॉ. रघु शर्मा के करीबी लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर तरजीह दी जाएगी. हालांकि, गहलोत सरकार में हुए बदलाव के बाद अब जिले के सियासी समीकरण भी बदल गए है.

हाशिए पर चल रहे कांग्रेसियों में जागी उम्मीद

गहलोत सरकार में अजमेर जिले से एक मात्र मंत्री डॉ. रघु शर्मा थे. ऐसे में जिले में सरकारी महकमों के अधिकारी लगाने से लेकर नगर निगम, नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति में डॉ. शर्मा के करीबी लोगों को जगह मिलती रही है. जबकि अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) के अध्यक्ष और शहर एवं देहात कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर भी डॉ. शर्मा गुट के नेता लामबंद है. लेकिन डॉ. रघु शर्मा के मंत्री पद से हटते ही लंबे समय से हाशिये रहे कांग्रेसी नेताओं की उम्मीद जागी है. हाशिए पर चल रहे कांग्रेसी गहलोत और पायलट गुट से तालुक रखते हैं. नियुक्तियों को लेकर गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ बेहद सक्रिय है. हालांकि राठौड़ की रुचि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा है. ऐसे में गहलोत गुट को उम्मीद है कि एडीए, शहर एवं देहात कांग्रेस के अध्यक्ष में उन्हें तरजीह मिलेगी.

गहलोत गुट मे नेता राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में शामिल

अजमेर जिले में राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, डॉ. राजकुमार जयपाल, महेंद्र गुर्जर, नाथूराम सिनोदिया और रामचंद्र चौधरी के शामिल है. ये नेता गहलोत गुट के माने जाते हैं. जबकि किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, महेंद्र सिंह रलावता, विजय जैन, हेमंत भाटी, संग्राम सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर, राजू गुप्ता पायलट गुट के माने जाते हैं. डॉ शर्मा गुट से शक्ति प्रताप सिंह , प्रदीप अग्रवाल और दीपक हसानी माने जाते हैं.

अजमेर. गहलोत कैबिनेट के पुनर्गठन (Reorganization of Gehlot Cabinet) के जिले में राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद तेज हो गई है. सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा गुट के माने जाने वाले स्थानीय कांग्रेसी नेता और पदाधिकारी नियुक्तियां पाने के लिए सक्रिय हो गए है.

पहले अजमेर कांग्रेस की कमान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के हाथ में थी. पायलट के बाद कमान डॉ. रघु शर्मा के हाथ में आ गई. डॉ. शर्मा के गुजरात कांग्रेस के प्रभारी बनने के बाद क्या अब भी उनका अजमेर में दबदबा बरकरार रहेगा? इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं आम है. डॉ. रघु शर्मा के मंत्री पद से हटने के बाद अजमेर जिले को गहलोत सरकार में प्रतिनिधित्व नही मिला है. यह देखने वाली बात होगी कि जिले में राजनीतिक और संगठनात्मक नियुक्तियों में रघु शर्मा और पायलट में से किसकी चलेगी. अजमेर में शहर और देहात कांग्रेस को लेकर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे है.

पढ़ें- राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने गुजरात कांग्रेस के लिए बनाई 'विशेष' रणनीति, ईटीवी भारत से साझा की राय
अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) के अध्यक्ष पद एवं संगठन में अजमेर शहर और देहात अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल कांग्रेसियों को नियुक्तियों का लंबे समय से इंतजार है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि तीनों महत्वपूर्ण पदों पर नामों को लेकर सहमति बन गई है. जल्द घोषणा हो सकती है. माना जा रहा है कि डॉ. रघु शर्मा के करीबी लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर तरजीह दी जाएगी. हालांकि, गहलोत सरकार में हुए बदलाव के बाद अब जिले के सियासी समीकरण भी बदल गए है.

हाशिए पर चल रहे कांग्रेसियों में जागी उम्मीद

गहलोत सरकार में अजमेर जिले से एक मात्र मंत्री डॉ. रघु शर्मा थे. ऐसे में जिले में सरकारी महकमों के अधिकारी लगाने से लेकर नगर निगम, नगर पालिकाओं में मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति में डॉ. शर्मा के करीबी लोगों को जगह मिलती रही है. जबकि अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) के अध्यक्ष और शहर एवं देहात कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर भी डॉ. शर्मा गुट के नेता लामबंद है. लेकिन डॉ. रघु शर्मा के मंत्री पद से हटते ही लंबे समय से हाशिये रहे कांग्रेसी नेताओं की उम्मीद जागी है. हाशिए पर चल रहे कांग्रेसी गहलोत और पायलट गुट से तालुक रखते हैं. नियुक्तियों को लेकर गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ बेहद सक्रिय है. हालांकि राठौड़ की रुचि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा है. ऐसे में गहलोत गुट को उम्मीद है कि एडीए, शहर एवं देहात कांग्रेस के अध्यक्ष में उन्हें तरजीह मिलेगी.

गहलोत गुट मे नेता राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में शामिल

अजमेर जिले में राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, डॉ. राजकुमार जयपाल, महेंद्र गुर्जर, नाथूराम सिनोदिया और रामचंद्र चौधरी के शामिल है. ये नेता गहलोत गुट के माने जाते हैं. जबकि किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, महेंद्र सिंह रलावता, विजय जैन, हेमंत भाटी, संग्राम सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर, राजू गुप्ता पायलट गुट के माने जाते हैं. डॉ शर्मा गुट से शक्ति प्रताप सिंह , प्रदीप अग्रवाल और दीपक हसानी माने जाते हैं.

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